पशु पालन विभाग में सेवा समाप्ति द्वेष्ता पूर्ण छलावा




 पशु पालन विभाग में सेवा समाप्ति द्वेष्ता पूर्ण छलावा-- कैलाश चंद्र कौशिक

जयपुर! सवाई माधोपुर जिले की खंडार तहसील की बालेर ग्राम पंचायत के पशु चिकित्सालय क्षेत्र में घनी पशु आबादी का अनेकों बार तत्कालीन परिवेश में चिकित्सा कार्य एवं प्रशासन निदेशित ग्राम पंचायत/सभा की मिटिंगों में,मेरे कैलाश कौशिक द्वारा विभाग का उपस्थित रह कर दायित्व पूरा किया जाता रहा! श्री शिवरात्रि पशु मेला ड्यूटी करने बाद,यात्रा काल के उपयोग करते हुए चिकित्सालय में हाजिरी दी! जब वी.ए.प्रभारी मौजूद नहीं है तो किसे दें ,अन्य को सूचित करने का मतलब प्रभारी की शिकायत और अनुपस्थिति दर्शाती है? प्रकरण में, गुजरे शेष 3 वर्ष बाद जांच होनी, नहीं होनी और प्रभावों में विभाग में बदल कर वी.ए.को बचाने के लिए हेर फेर कर रिपोर्ट बनाना ?? उसमें बालेर ठाकुर शेर सिंह पूर्व सरपंच एवं प्रधान रहे से, जयपुर डा. बनर्जी को मदन मोहन वी.ए.के हित में चुपचाप कहलवाने पर भ्रष्टाचारीयों के मंथन पर औपचारिक स.मा.एवं भरतपुर जाँच अपने हित संचालन की, पूर्ति कर सभी परिवर्तन वी.ए.और जिला पशु पालन अधिकारी के अनुकूल कर लिए, पहले से सुनिश्चित विभाग के घाघों द्वारा फर्जी चार्ज शीट बनाई गई? पूर्व में कर्मचारी की 10सों वर्ष की सेवाएं संतोष प्रद होने पर स्थाई रहीं को, कोई पुलिस केस नहीं?? कोर्ट से उपर जाकर

डॉ.भागीरथ मीना ने फर्जी रिपोर्ट की, मूल दातावेजात प्रस्तुत, प्रमाणिकरण सही स्वीकार किया! डिस्ट्रिक्ट कोर्ट और ट्रिब्युनल कोर्ट (RAT -Jpr) से विभाग हार गया और कंटेंम्पट ऑफ कोर्ट में विभाग हारा! जिसका भुगतान कर चुके। उसका बार बार जिक्र किया जाना,अनुचित और भ्रमित करने को है! बालेर पशु चिकित्सालय में वी.ए. अपनी हस्त लिखित मुझे स्पेशल क्रमांक से मेरे पास बैलेंस में 12 आकस्मिक अवकाश में से, सी.एल./ पी.एल.चाही, जब उपस्थित हूँ ,तो ऐसा क्यों ?? इसके लिए एक्सप्लाइनेशन वी.ए.ने अपने हस्त लिखित ऑर्डर को छीना झपटी कर झगडा किया था। मेरे चोटें आईं जिसके चिकित्सा बिल की राशि विभाग से मुझे दी गई ?? इसने अपने हाथ को, स्वम स्केलपल ब्लेड से काट कर ही 17 मार्च,1993 मेडिकल हॉस्पिटल बालेर में मेरे साथ पहले नाम दर्ज करा कर इलाज लिया है ?? तब मैंने खुदको काटने का ड्रामा पहली बार जीवन में देखा! इसी दौर में वी.ए.मेरे किराये के मकान से खुद के लिखे मेरे बारे में उपस्थित नहीं होने के एक तरफा पत्रों को ( दूध वाले की बजह से) बाहर लटकी चाबी से खोल कर निकाल लाया,जो मैंने कमरे पर जाने पर देखा ,सभी पत्र गायब थे! खुद प्रभारी, सरकारी डाक टिकट,और डिस्पेच रेजिस्टर इंद्राज को, खुद के प्रभारी पद के दुरूपयोग को छुपाया गया है ?? यह सर्विस से हटाने की तैयारी 17, मार्च, 93 बाद ही क्यों की गई,पहले कुछ भी रिकॉर्डेड नहीं है ?? इन्होंने मेला अधिकारी कम मजिस्ट्रेट, करौली क्रमांक-310/18 फर.1993 के आदेश से ड्यूटी है,अधिकृत मजिस्ट्रेट पर कौन सी जाँच भारी है ?? आज तक वेतन भुगतान क्यों नहीं किया है?? मेरा जनवरी -फरवरी, 93 यात्रा भत्ता बिल डिस्पेच में दर्ज है, गायब है!?जुलाई, 93 का वेतन दिया है,जिला अधिकारी जानते थे कि में हाजिर हूँ तो रजिस्टर में हाजिरी अंकित क्यों नहीं करने दी?? वेतन नियमानुसार दिया गया है फिर भी लिपिक धन्ना लाल जैसे लिपिकों द्वारा सीधे रिकॉर्डेड काटा फांसी की गई है, मुझे डाक विभाग के माध्यम से सूचना मिली है ?? विभागाध्यक्ष को गुमराह किया गया था??सेवा समाप्ति 27 जून,2003 पूर्णत:मिथ्या आरोपित है! मेरी विभाग में,न्यायालय में कोई सुनबाई जान बूझ कर नहीं हुई?? मैंने कभी कोई सिफारिश में विश्वास नहीं किया मेरे पास जो था, वह संतोष और आत्म विश्वास है और था! यह सही है मैं ड्यूटी पर था! बा कलम स्वयं पत्रकार की है! 💯

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