"सोशल मीडिया" जीवन के लिए वरदान एवं संचार का माध्यम। "सोशल मीडिया" एक सिक्के के दो पहलू,
*"सोशल मीडिया" जीवन के लिए वरदान एवं संचार का माध्यम। "सोशल मीडिया" एक सिक्के के दो पहलू,
लेखक- शीश राम यादव*। यह जानकारी जनतंत्र की आवाज पत्रकार श्रीमान विनोद शर्मा को दी। सोशल मीडिया एक आधुनिक इंटरनेट की टेक्नोलॉजी है, जो लोगों को एक-दूसरे के साथ जुड़ने की अनुमति देती है। सोशल मीडिया के माध्यम से उपयोगकर्ता टेक्स्ट, फोटो, वीडियो और अन्य मल्टीमीडिया सामग्री को बॉट सकते हैं। सोशल मीडिया की बदौलत पूरी दुनिया हमारी उंगलियों पर है। युवा वर्ग विशेष रूप से सोशल मीडिया के सबसे प्रमुख उपयोगकर्ताओं में से एक हैं। सोशल मीडिया हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है। आज सोशल मीडिया के बिना जीवन की कल्पना करना मुश्किल है। सोशल मीडिया ने हमारा जीवन बहुत आसान बना दिया है। लेकिन इसके बहुत दुष्प्रभाव भी हैं। सोशल मीडिया ऐसी बहुत सारी जानकारी फैलता है, जो भ्रामक होती हैं। सोशल मीडिया की वजह से आम आदमी की प्राइवेसी खतरे में पड़ चुकी है। साइबर क्राइम्स इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। आए दिन ऐसे केस खबरों में देखने को मिलते हैं। सोशल मीडिया छात्रों को आवश्यक डिजिटल ज्ञान और ऑनलाइन कौशल विकसित करने का अवसर प्रदान कर सकता है। ऑनलाइन दोस्ती बनाने और बनाए रखने और सामाजिक संबंध विकसित करने की क्षमता युवाओं के लिए सोशल मीडिया की उपयोग की सकारात्मक प्रभाव में से है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म अकादमिक संसाधनों और नेटवर्किंग के अवसरों की एक बड़ी मात्रा प्रदान करते हैं। फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और अन्य जैसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लोगों को दूरियों की बावजूद एक-दूसरे से जुड़ने का मौका दे रही है। सोशल मीडिया एक विशाल नेटवर्क है, जो कि सारे संसार को जोड़े रखता है। यह संचार का एक बहुत अच्छा माध्यम है। लोकप्रियता की प्रसार में सोशल मीडिया एक बेहतरीन प्लेटफार्म है, जहाँ व्यक्ति स्वयं को अथवा अपने किसी उत्पाद को ज्यादा लोकप्रिय बना सकता है। साइबर धमकी, गलत सूचना का प्रसार, लत, आमने-सामने संचार की कमी, आत्म-सम्मान के मुद्दे, सामाजिक अलगाव, ध्रुवीकरण और प्रतिध्वनि कक्ष, साइबर पीछा और उत्पीड़न, गोपनीयता में कमी, और तुलना और ईर्ष्या इत्यादि का नकारात्मक प्रभाव में शामिल है। 12-15 वर्ष की आयु के अमेरिकी किशोरों पर किए गए एक शोध अध्ययन के अनुसार जो लोग प्रतिदिन 3 घंटे से अधिक सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं, उनमें अवसाद और चिंता के लक्षणों सहित नकारात्मक मानसिक स्वास्थ्य परिणामों का जोखिम दोगुना होता है। सोशल मीडिया पर ज्यादा एक्टिव रहने पर भी लोगों के ब्रेन में डोपामिन रिलीज हो रहा है। जिससे लोग अब ज्यादा समय सोशल मीडिया पर व्यतीत कर रहे हैं। वही ज्यादा डोपामिन रिलीज होने से लोगों में धैर्य भी काफी कम होता जा रहा है। जिस प्रकार एक सिक्के के दो पहलू होते हैं, ठीक उसी प्रकार सोशल मीडिया के भी दो पक्ष हैं। किसी भी चीज की अति की जाए तो वह हानिकारक साबित होती है। सोशल मीडिया और नेटवर्क के पॉजिटिव और नेगेटिव दोनों पहलू हैं। जीवन में सोशल मीडिया की इस्तेमाल का संतुलन बने रहना चाहिए। खासकर आज की युवा पीढ़ी को यह समझना जरूरी है। आप एक लाइक कमेंट के डिफाइन नहीं होते। सोशल मीडिया आपकी पहचान नहीं। इस बात में कोई संदेह नहीं कि सोशल मीडिया का अगर बुद्धिमानी से इस्तेमाल किया जाए, तो यह एक वरदान साबित हो सकता है। सोशल मीडिया के कुछ मुख्य लाभ कनेक्टिविटी, वास्तविक समय संचार और सूचना की सुलभता है। हालांकि, कुछ नुकसानों में संभावित लत,गोपनीयता संबंधी चिंताएं और गलत सूचना का प्रसार शामिल है। सोशल मीडिया के फायदे और नुकसान दोनों को देखना महत्वपूर्ण है। इसका उत्पादक तरीके से इस्तेमाल करना बहुत मददगार साबित हो सकता है, लेकिन इसका अत्यधिक इस्तेमाल से परेशानी हो सकती है। इसलिए हमें उपयोगकर्ताओं के रूप में इस तकनीक से खुद को नियंत्रित न करके संतुलन बनाना सीखना होगा। *शीश राम यादव (अध्यापक) राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, महावा (नीम का थाना)*
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