सीकर: खाटूश्यामजी मंदिर की थीम पर बनेगा रेलवे स्टेशनः पार्क और फाउंटेन बढ़ाएंगे खूबसूरती, श्रद्धालु रींगस से खाटू ट्रेन से आ पाएंगे*

 *सीकर: खाटूश्यामजी मंदिर की थीम पर बनेगा रेलवे स्टेशनः पार्क और फाउंटेन बढ़ाएंगे खूबसूरती, श्रद्धालु रींगस से खाटू ट्रेन से आ पाएंगे* 

देशभर से आने वाले श्याम भक्त खाटू तक ट्रेन से आ सकेंगे। रींगस से खाटू तक रेलवे ट्रैक बिछाने की तैयारी है। ये ट्रैक 17.49 किलोमीटर लंबा होगा। इस पर 254.07 करोड़ रुपए खर्च होंगे। अभी खाटूश्यामजी के दर्शन करने देशभर से ट्रेन से आने वाले भक्तों को रींगस रेलवे स्टेशन पर ही उतरना होता है।


उसके बाद बस या अन्य वाहनों से खाटू के लिए रवाना होते हैं। भक्तों की असुविधा को देखते हुए खाटू में रेलवे ट्रैक और स्टेशन बनाने का फैसला किया गया है। रेलवे स्टेशन बाबा के मंदिर की थीम पर बनाया जाएगा।


 *चारण मैदान से 100 मीटर दूर केरपुरा-लामियां रोड के पास बनेगा स्टेशन* 


खाटूश्यामजी रेलवे स्टेशन चारण मैदान से 100 मीटर दूर केरपुरा-लामियां रोड के पास बनेगा। इसके निर्माण में कला और संस्कृति का पूरा ध्यान रखा जाएगा। स्टेशन का डिजाइन खाटूश्यामजी मंदिर की थीम पर तैयार किया गया है। स्टेशन का प्रवेश द्वार मंदिर के गुंबद की तरह होगा। इसके दोनों तरफ बड़े-बड़े बरामदे होंगे। इसके अलावा स्टेशन पर शेखावाटी से जुड़ी पेंटिंग भी आकर्षित करेंगी।


 *स्टेशन के सामने होगा बड़ा पार्क* 


स्टेशन के मुख्य प्रवेश द्वार के सामने एक बड़ा पार्क होगा। पार्क के बीचों-बीच एक फाउंटेन लगा होगा। पार्क के दोनों तरफ पार्किंग की व्यवस्था रहेगी। स्टेशन के अंदर स्टॉल्स, पैसेंजर वेटिंग एरिया सहित तमाम सुविधाएं मिलेंगी।


 *मंदिर से स्टेशन की दूरी डेढ़ किमी* 


खाटू में जहां यह स्टेशन बनने जा रहा है, उसकी मंदिर से दूरी करीब डेढ़ किलोमीटर है। यह दूरी इतनी कम है कि श्रद्धालु पैदल ही मंदिर तक जा सकते हैं। इसके बाद मंदिर में दर्शन करके डेढ़ किलोमीटर की दूरी तय करके स्टेशन पर आ सकते हैं।


 *रींगस-खाटू रेलवे ट्रैक बनाने का काम कब होगा शुरू...* 


 *रेलवे ट्रैक के लिए 99 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण* 


पिछले साल केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रींगस से रेल लाइन के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे के लिए डीपीआर तैयार करने को लेकर 40 लाख रुपए का प्रावधान किया था। डीपीआर बनने के बाद अब इस काम को स्वीकृति मिल चुकी है। इस रेलवे ट्रैक के लिए 99 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। इसके लिए रेलवे ने 8 अगस्त 2024 को सूचना जारी कर दी है। टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद निर्माण शुरू होने की संभावना है। इस ट्रैक को बनने में करीब 254.07 करोड़ रुपए की लागत आएगी।


 *तीन लूप लाइन बनाई जाएगी* 


खाटूश्यामजी के रेलवे ट्रैक पर तीन लूप लाइन बनाई जाएगी। लूप लाइन का मतलब होता है कि 750 मीटर लंबी रेल लाइन जो मुख्य रेल लाइन के साइड में होती है और आगे जाकर मुख्य लाइन में ही मिल जाती है। रेलवे अपने इस प्रोजेक्ट के तहत आम जनता की सुरक्षा का भी ध्यान रख रहा है। यह रेल लाइन करीब आधा दर्जन गांवों के बीच से होकर गुजरेगी।


रेलवे ने कहीं भी लेवल क्रॉसिंग नहीं बनाई है। लेवल क्रॉसिंग का मतलब होता है कि वह क्रॉसिंग जो सड़क या रास्ते के बीच में हो। जहां ट्रेन आने पर फाटक बंद करके ट्रैफिक को रोकना पड़े। इस रेल लाइन में कोई भी बड़ा ब्रिज नहीं है। रेलवे के इस प्रोजेक्ट में 8 माइनर और 21 अंडरब्रिज है। बारिश के दौरान यहां जलभराव नहीं हो इस बात का भी विशेष ध्यान रखा जाएगा।


 *अभी रींगस से खाटू के बीच कोई स्टेशन नहीं* 


रींगस से खाटूश्यामजी के बीच कोई रेलवे स्टेशन नहीं है। इस स्टेशन के बनने के बाद ट्रेन रींगस से रवाना होने के बाद सीधे खाटूश्यामजी स्टेशन पर पहुंचेगी। रींगस से खाटूश्यामजी तक के 17.49 किलोमीटर के सफर में 15 से 25 मिनट का समय लगेगा।


 *मार्च 2026 में होगा काम पूरा* 


प्रोजेक्ट डेडलाइन मार्च 2026 रखी गई है। काम


पूरा होने के बाद ट्रैक पर ट्रेन का ट्रायल होगा। माना जा रहा है कि मई-जून 2026 में यहां से ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा। रेलवे भी इस प्रयास में रहेगा कि ज्यादा से ज्यादा ट्रेनों को इस ट्रैक से जोड़ा जा सके ताकि दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी नहीं हो।



 *खाटूश्यामजी-सालासर-सुजानगढ़ तक भी बिछेगी रेल लाइन* 


रेलवे ने खाटूश्यामजी-सालासर-सुजानगढ़ तक रेल लाइन बिछाने के लिए भी डीपीआर बनाने की मंजूरी दे दी है। डीपीआर तैयार होने के बाद में इस प्रोजेक्ट का काम स्वीकृति मिलने के बाद शुरू होगा। काम पूरा होने के बाद शेखावाटी के दो मुख्य धार्मिक स्थल खाटूश्यामजी और सालासर का ट्रेन से जुड़ाव होगा।


 *वर्तमान में 70 ट्रेनों का रींगस रेलवे स्टेशन पर ठहराव* 


वर्तमान में रींगस रेलवे स्टेशन से करीब 70 ट्रेनें चलती हैं। यहां से उदयपुर, दिल्ली, इंदौर, बीकानेर, रामेश्वरम, फिरोजपुर, फुलेरा, रेवाड़ी, कोटा, हिसार, बांद्रा, चंडीगढ़, हैदराबाद, जयपुर, तिरुपति, जैसलमेर, अजमेर, सीकर, श्रीगंगानगर, मदार, चंडीगढ़ प्रयागराज, बठिंडा, चूरू, साबरमती, हरिद्वार, रोहतक, भावनगर, भिवानी, टनकपुर, गुवाहाटी सहित अन्य कई बड़े शहरों के लिए ट्रेनें मिलती हैं।

 *खाटू के भक्तों के लिए स्पेशल ट्रेन चलाता है रेलवे*

 खाटूश्यामजी का हर साल लक्खी मेला लगता है। इसमें देश-दुनिया से भक्त बाबा के दर्शन करने आते हैं। इसके मासिक मेले सहित हर दिन भी भक्त काफी संख्या में मंदिर पहुंचते हैं। लक्खी मेले के दौरान मंदिर में काफी भीड़ रहती है। बाबा के भक्तों की सुविधा के लिए समय-समय पर रेलवे की ओर से स्पेशल ट्रेनों का संचालन रींगस रूट पर किया जाता है।


रींगस-खाटू रेलवे प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद नए रूट के नजदीकी स्टेशनों पर ट्रेनों के ठहराव समय को देखते हुए रेलवे उन्हें नए खाटू स्टेशन पर शिफ्ट करेगा। साथ ही नई ट्रेनों का संचालन भी शुरू कर सकता है।

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