आयड़ जैन तीर्थ में चातुर्मासिक प्रवचन की धूम जारी

 - आयड़ जैन तीर्थ में चातुर्मासिक प्रवचन की धूम जारी



उदयपुर जनतंत्र की आवाज विवेक अग्रवाल। श्री जैन श्वेताम्बर महासभा के तत्तवावधान में तपोगच्छ की उद्गम स्थली आयड़ तीर्थ में रामचन्द्र सुरिश्वर महाराज के समुदाय के पट्टधर, गीतार्थ प्रवर, प्रवचनप्रभावक आचार्य हितवर्धन सुरिश्वर आदि ठाणा का चातुर्मास की धूम जारी है। महासभा के महामंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि रविवार को आयड़ तीर्थ के आत्म वल्लभ सभागार में सुबह 7 बजे संतों के सानिध्य में ज्ञान भक्ति एवं ज्ञान पूजा, अष्ट प्रकार की पूजा-अर्चना की गई। वहीं सभी श्रावक-श्राविकाओं ने जैन महाभारत ग्रंथ की पूजा-अर्चना की। 

महासभा अध्यक्ष तेजसिंह बोल्या ने बताया कि आयोजित धर्मसभा में आचार्य हितवर्धन सुरिश्वर ने जैन महाभारत पर आधारित प्रवचन मे कहा कि मरीयदा मे रहे तो उपकरकारी है और मर्यादा छोड़े तो अफ़तकारी बन जाता है। तीन एस की माया निराली है पहला एस समुद्र है, दूसरे नम्बर पर सम्पति है एवं तीसरे नम्बर स्त्री है। दुर्योधन माँ के पेट मे 30 महीने तक रहे। युधिष्टर गर्भ में बाद में आये पर जन्म दुर्योधन से पहले हुआ। भीम दुरियोधन के बाद गर्भ मे आये और दुरियोधन के जन्म के बाद नौ कलाक मे ही भीष्म का जन्म हुआ। एक समय था की भारत मे कोई भी जाती का मनुष्य गर्भ ह्त्या नही करता था। इसी वजह से गांधानी दुर्योधन को मार डालना चाहती थी मगर उसे रोका गया। 

चातुर्मास संयोजक अशोक जैन व प्रकाश नागोरी ने बताया कि  चातुर्मास के दौरान प्रतिदिन सुबह 9.30 बजे आचार्य हितवर्धन सुरश्वर द्वारा जैन महाभारत पर रोचक प्रवचन हो रहे है।  इस अवसर पर तेजसिंह बोल्या, कुलदीप नाहर, अशोक जैन, प्रकाश नागोरी, सतीस कच्छारा, राजेन्द्र जवेरिया, चतर सिंह पामेचा, चन्द्र सिंह बोल्या, हिम्मत मुर्डिया, कैलाश मुर्डिया, श्याम हरकावत, भोपाल सिंह नाहर, अशोक धुपिया, गोवर्धन सिंह बोल्या आदि मौजूद रहे।

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