बंगाली झोलाछाप डॉक्टर मरीजों के जीवन के साथ कर रहा खिलवाड़ झोलाछाप डॉक्टर को बचाने में लगी स्थानीय पुलिस व स्वास्थ्य महकमा
बंगाली झोलाछाप डॉक्टर मरीजों के जीवन के साथ कर रहा खिलवाड़
झोलाछाप डॉक्टर को बचाने में लगी स्थानीय पुलिस व स्वास्थ्य महकमा
सुभाष तिवारी लखनऊ
पट्टी प्रतापगढ़। जिले की रानीगंज तहसील स्थित जामताली बाजार में एक झोलाछाप डाक्टर विगत कई वर्षों से प्रेक्टिस कर रहा है। ग्रामीणों ने कई बार उच्च अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया गया लेकिन आज तक कोई कार्यवाही उस झोलाछाप डाक्टर के खिलाफ नहीं हो सकी। इसकी वजह यह सामने आ रही है कि विभाग के कुछ लोग उसे धन उगाही का जरिया बनाए हुए है। लापरवाही का आलम यह है कि वह बड़े बंगाली के नाम से मशहूर डॉक्टर अब दवा व सुई देकर लोगों के जीवन को तबाह कर रहा है। एक मामला हाल ताज में एक दलित परिवार का आया हुआ है, जिसमें शिकायत के बावजूद पुलिस से लेकर स्वास्थ्य विभाग उस झोलाछाप डाक्टर को बचाने में लगा हुआ है। शासन का आदेश भी बेअसर हो रहा है।
बता दें कि गत 7 नवंबर 2023 रात्रि 12 बजे की घटना है। पीड़ित त्रिवेणी प्रसाद अपने 20 वर्ष पुत्र राम उजागिर निवासी मऊ, जामताली, प्रतापगढ़ को लेकर जामताली बाजार स्थित बंगाली निर्मल विश्वास डॉक्टर के पास रात 12 बजे बुखार की दवा लेने गया, जहां बंगाली झोलाछाप डॉक्टर ने दो सुई व चार गोली खिलाई। दवा खिलाने के बाद युवक की हालत गंभीर हो गई। उसे उल्टी होने लगी और वह बेहोशी हालत में गंभीर हो गया। डॉक्टर ने मरीज के परिजनों को भगाते हुए कहा कि उसे दूसरे डॉक्टर के पास ले जाओ। पीड़ित के अनुसार संवेदना जताने के बजाय उसे अपशब्दों व जातिसूचक असंसदीय शब्दों का प्रयोग कर तुरंत अस्पताल से भगा दिया। इसके बाद पीड़ित लड़के को लेकर मोहक अस्पताल प्रयागराज लेकर गया जहां डॉक्टरों ने बताया कि गलत दवा से बच्चे की आंत फट गई है। तुरंत आपरेशन करना पड़ेगा। दूसरे दिन डॉक्टर ने आपरेशन कर बच्चे की जान बचाई । जान तो बच गई लेकिन वह अब डॉक्टर के मुताबिक जीवनभर कोई भारी काम नहीं कर सकता है। इस प्रकार एक झोलाछाप की वजह से क्षेत्र के लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। शासन प्रशासन कार्यवाही के बजाय मामले को रफा दफा करने में जुटा हुआ है। इस संबंध में पीड़ित ने 14/11/23को जामताली चौकी पर प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए डाक्टर के खिलाफ आवेदन दिया, किन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई। पीड़ित ने 16/11/23को डीएम के यहां कार्यवाही के लिए आवेदन दिया। इसके बाद पुलिस ने कार्यवाही करने के बजाय झोलाछाप डॉक्टर को बचाने के लिए स्वयं मोहक अस्पताल प्रयागराज के डॉक्टर की फर्जी रिपोर्ट तैयार कर 28/12/23को आख्या भेज कर उच्च अधिकारियों को गुमराह करने का प्रयास किया। पीड़ित को जब बात की भनक लगी तो उसने मोहक अस्पताल में एक आरटीआई के तहत रिपोर्ट के संबंध में जानकारी मांगी तो मोहक अस्पताल के डॉक्टर ने 12/02/24को लिखित जवाब दिया कि अस्पताल से इस संबंध में कोई रिपोर्ट नहीं लगाई है। साथ ही पीड़ित ने एफआईआर दर्ज कराने के लिए न्यायालय का सहारा लिया। न्यायालय ने पुलिस से जानकारी मांगी। इसके बाद पुलिस ने उक्त मोहक अस्पताल की 14)02/24को दूसरी फर्जी रिपोर्ट तथा पीड़ित का फर्जी सुलहनामा बनाकर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रतापगढ़ को एक रिपोर्ट 14 मई 24 को भेजकर गुमराह करने का प्रयास किया। जिसकी सुनवाई अभी लंबित है।इसके बाद पीड़ित जब वर्तमान पुलिस अधीक्षक प्रतापगढ़ को एक प्रार्थना पत्र देकर पूरी घटना की जानकारी दी तो एसपी ने दूरभाष पर एसओ रानीगंज से तत्काल कार्यवाही करने का आदेश दिया तो कार्यवाही करने के बजाय पुलिस हरिमोहन चौकी प्रभारी जामताली तीन सिपाहियों के साथ पीड़ित के घर मऊ जामताली, रात 9 बजे पहुंच कर दबाव बनाने का प्रयास किया। एसपी के आदेश के बावजूद के पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बजाय पुनः पिछली तारीख 14/03/24 की एक पुनः तीसरी फर्जी रिपोर्ट लगाकर 24 मार्च 24 को मामले को डायवर्ट कर सीएमओ को एक रिपोर्ट भेजकर उचित कार्यवाही के लिए भेज दिया। स्थानीय चौकी प्रभारी व पुलिस झोलाझाप डॉक्टर बंगाली निर्मल विश्वास को बचाने के लिए क्यों परेशान है।यह बात समझ से परे है। उच्च अधिकारियों के आदेशों को भी जामताली पुलिस ठेंगा दिखा रही है। साथ ही शासन के आदेशों की भी अवहेलना की जा रही है।
इस संबंध में चौकी प्रभारी ने फोन पर बताया कि इस संबंध में कल सीएमओ प्रतापगढ़ को कार्यवाही व झोलाछाप डॉक्टर की डिग्री व रजिस्ट्रेशन के लिए लिखा गया है, जो भी जांच के बाद सीएमओ निर्देश देंगे तुरंत कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने बताया कि मैं रात में पीड़ित के घर जांच करने गया था।
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