पर्यावरण संरक्षण को लेकर वृक्षारोपण कार्य को लेकर श्री सत्यनारायण भगवान मन्दिर रामलीला मैदान गुहाला में मीटिंग

 7-06-2024 शुक्रवार को पर्यावरण संरक्षण को लेकर वृक्षारोपण कार्य को लेकर श्री सत्यनारायण भगवान मन्दिर रामलीला मैदान गुहाला में मीटिंग


सायं 6:30-7:30 P. M. को हुई मीटिंग में कुल संख्या 32 रही जिसमें जुलाई माह में लगाने वाले पौधों के लिए स्थानों कि चर्चा, सुरक्षा, सम्भालने कि जिम्मेदारी कि चर्चा कि गई। सभी ने 551 पौधे लगा कर उनकी सम्मपूर्ण वृक्ष बनाने तक की जिम्मेदारी लेने का संकल्प किया।

इस अभियान में आस- पास के सभी उपगांवों को भी साथ लिया जाएगा जिससे गुहाला के साथ नृसिंहपुरी, हुल्डाकाबास, डेहरा जोड़ी,झाकड़ा, बंधाला भोपाल पुरा, हंसनला,करणपुरा,सतीमोड़, गुहालावाली, शिवनगर, मौतीसिंहवाला इन सभी स्थानो पर वृक्षा रोपण किया जाएगा।

श्री रमाकान्त जी शर्मा ने बताया वृक्षारोपण से वन्यजीवों के आवास संपर्क में सुधार होता है और जैव विविधता को समर्थन मिलता है।

श्री पवन जी शर्मा के अनुसार 

पेड़ हवा से हानिकारक प्रदूषकों को हटाते हैं और हमारे प्राकृतिक वायु फिल्टर के रूप में कार्य करते हैं।

बलराम शर्मा ने बताया अधिक पेड़ लगाने का मतलब प्रदूषण को कम करना है। वायु प्रदूषण के अलावा पेड़ भी ध्वनि और जल प्रदूषण को कम करने में सहायता करते हैं। हमे शुद्ध हवा प्राप्त होती हैं। पेड़ लगाने से हमें आक्सीजन मिलता है.

पेड़ की नियमित रूप से छंटाई करें। इससे पेड़ को अधिक हवा और प्रकाश मिलता है, जिससे उसकी वृद्धि तेज होती है।

पेड़ के आसपास की घास और झाड़ियों को साफ रखें। इससे पेड़ को अधिक पानी और पोषक तत्व मिलते हैं।

पेड़ को सर्दियों में पर्याप्त मात्रा में पानी दें।

पेड़ कि कटाई रोकने के लिए कानून भी बनाए जाएँ तथा वृक्षारोपण भी किया जाए। वनों के संरक्षण हेतु स्लोगन लिखकर भी लोगों को प्रेरित किया जाए। लोगों को अपने जन्मदिन, शादी की सालगिरह आदि अवसरों पर वृक्ष लगाने की परंपरा आरंभ करनी चाहिए।

जून माह में ही गढ्ढा पौधे के लिए खोद ले गड्ढा खोदते समय गड्ढे की ऊपरी और निचली सतह की मिट्टी अलग-अलग रख लेनी चाहिए। गड्ढे को दो से चार सप्ताह तक खुला रखना चाहिए, जिससे इसमें मौजूद विषाणु सूर्य की रोशनी से नष्ट हो सकें।गड्ढा भरते समय इसकी ऊपरी सतह जमीन से 15 सेंटीमीटर ऊपर रहनी चाहिए।गड्ढे को भरने के बाद इसमें सिंचाई कर देनी चाहिए। गड्ढा बनाने और इसे भरने की प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य पौधे की जड़ों की बढ़ोतरी के लिए उचित वातावरण प्रदान करना होता है।बरसात में पौधे लगाने के लिए गढ्ढा अभी बनाएं।

श्री मनोज जी बासोतिया ने बताया जो पेड़

, क्षतिग्रस्त हैं मर रहे है ऐसे पेड़ के चारों ओर एक गड्ढा खोदा जाना चाहिए, और उसमें कीटनाशक और कवकनाशी के साथ पानी डाला जाना चाहिए किसी भी तरह उसका उपचार करना चाहिए।

श्री ज्योतिप्रकाश जांगिड़ ने बताया की हमें पेड़ो कि कटाई को रोकना होगा अपने वृक्ष अधिकारी या योजना विभाग से संपर्क करें, या पर्यावरण सूचना अनुरोध सबमिट करने पर विचार करें। जब कोई नया नियोजन प्रस्ताव आता है, तो आपके स्थानीय प्राधिकरण को किसी भी महत्वपूर्ण पेड़ की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक टीपीओ बनाने पर विचार करना चाहिए।

श्रवण जी पैदल्या ने बताया अपने और अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए पेड़ों को बचाएं। खाली पड़े स्थानों परपेड़ लगायेंगे।

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