राजस्थान सरकार में पत्रकारों की सुरक्षा में और अधिस्वीकृत स्वतंत्र वरिष्ठ पत्रकार की सम्मान निधि देने में बिलंब क्यों

 राजस्थान सरकार में पत्रकारों की सुरक्षा में और अधिस्वीकृत स्वतंत्र वरिष्ठ पत्रकार की सम्मान निधि देने में बिलंब क्यों


-- कैलाश चंद्र कौशिक

जयपुर! राजस्थान में पत्रकारों के चाहे कोरोना काल हो, प्राकृतिक आपदा हो, चुनावों में और सामान्य स्तिथि में योगदानों को भुलाया नहीं जा सकेगा! कोई भी सरकार का पत्रकारों को सुरक्षा कबच नहीं है, गुंडों और बाहु बलियों के शिकार बनते आ रहे हैं! जनतंत्र में चौथे स्तंभ को मजबूत होना चहिये ! पुलिस की कोई सहायता उपलव्ध नहीं होती है! पत्रकारों के साथ मारपीट आम बात हो गयी है, अभी राजस्थान में भी कई दुर्घटना हुई हैं, इलाज को और परिवार आर्थिक संबल नहीं होने से बच्चे बेसहारा हो गए, स्कूल- कॉलेज शिक्षा छूट गयी! कब तक पत्रकारों को न्याय मिलेगा! ऐसे भी पत्रकार हैं जो बर्षों न्याय मांग रहे हैं, अब तक कुछ नहीं मिला है! छोटे और मझोले अखबारों की आर्थिक स्थिति चरमरा सी गई है, यहाँ तक कि राजकीय अधिस्वीकृत स्वतंत्र वरिष्ठ पत्रकारों की स्थिति बहुत खराब है! बड़े पत्र पत्रिकाओं को सरकारी मदद ज्यादा ही है! 

नियमों में समयानुसार शिथिलता जरूरी है लेकिन अधिस्वीकृत स्वतंत्र वरिष्ठ पत्रकारों को समान, सम्मान निधि का नियमों की किलिष्ठता की आड में असमान वितरण क्यों किया जा रहा है! राजस्थान में कार्ड स्थाई करण 75 बर्ष उचित समन्वय नहीं है? मध्य प्रदेश शासन में कार्ड स्थाई करण 70 बर्ष है! यहाँ सम्मान निधि भी सभी को नहीं मिल रही है! राजस्थान में कई माननीय मुख्य मंत्री जी को समय समय पर अवगत कराया, हाल ही कुछ समयावधि पहले, जन संपर्क विभाग के नियमों में किलिष्ठता कम करने हेतु ज्ञापन कैलाश चंद्र कौशिक, वाइस प्रेसिडेंट, पत्रकार सुरक्षा परिषद फाउंडेशन राजस्थान, जयपुर ने प्रेषित किया ! आचार संहिता हटाने के बाद भी कोई प्रगति सामने नहीं आई है!

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