माता-पिता चलते फिरते भगवान का रूप : सम्राट शास्त्री
माता-पिता चलते फिरते भगवान का रूप : सम्राट शास्त्री
उदयपुर जनतंत्र की आवाज विवेक अग्रवाल। शहर के 24 जैन मंदिरों में एक साथ सम्यक ज्ञान शिक्षण शिविर के आयोजनों की धूम जारी है। श्री दिगंबर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर से पधारे विद्वानों द्वारा उदयपुर में बह रही ज्ञान गंगा उसी क्रम शिविर संयोजक सम्राट शास्त्री ने बताया की सांगानेर से आए व्याख्याता दीपक शास्त्री ने सेक्टर 4 स्थित आदिनाथ मंदिर में बच्चों को मातृ-पितृ वंदना का अदभुत कार्य कराया ,और बच्चो द्वारा माता-पिता के चरण प्रक्षालन करके आजीवन माता-पिता का त्याग नहीं करेगे हमेशा उनके साथ रहते हुए जीवन पर्यंत सेवा कर अपना जीवन धन्य करेंगे। शास्त्री ने बताया कि दुनिया माता पिता से बड़कर कोई नहीं माता-पिता साक्षात भगवान है। धर्मप्रभावना समिति के अध्यक्ष कुंथूकुमार गणपतोत ने बताया कि वर्तमान समय में बच्चे माता-पिता के सेवा भाव से दूर होते जा रहे है उन्हें माता पिता की महिमा को शिविर में बताया जा रहा है। अशोक नगर जैन मंदिर उदासीन आश्रम के अध्यक्ष महेंद्र कुमार टाया ने कहा की इस बार शिविर का ऐतिहासिक समापन होने जा रहा है। माणिक चंद्र लुहाडिय़ा ने बताया की सभी मंदिरों में लोग ज्ञान कुंभ का लाभ ले रहे हैं झारखंड गिरहडी से आए संजीव शास्त्री ने बताया कि धर्म ही भारतीय संस्कृति का मूल आधार हैं धर्म बिना जीवन का कोई सार नहीं। महावीर जैन शास्त्री ने बताया कि सम्यक ज्ञान शिक्षण शिविर ने संपूर्ण उदयपुर जैन समाज को एक बैनर तले ला कर स्थापित कर दिया की बच्चे और उनको जैन धर्म के संस्कार सर्वोपरि हैं।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें