भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम पर चर्चा

 भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम पर चर्चा



उदयपुर संवाददाता विवेक अग्रवाल। विज्ञान समिति के प्रबुद्ध चिंतन प्रकोष्ठ के तत्वाधान में भारत का परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम. विषय पर वार्ताकार इंजीनियर एम पी जैन (पूर्व अति. मुख्य अभियंता, परमाणु ऊर्जा विभाग) ने विस्तार से चर्चा करते हुए वर्तमान में कार्यरत , बन रहे, और भविष्य में बनने वाले परमाणु संयंत्रों की व्यापक जानकारी दी. भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों को समझाया साथ ही परमाणु ऊर्जा से अन्य ऊर्जा उत्पादन के साधनों का तुलनात्मक अध्ययन भी प्रस्तुत किया । जैन ने बताया कि न्यूक्लियर पावर प्लांट मे थरमल पावर पावर प्लांट की अपेक्षा बहुत कम इंधन का उपयोग होता है व शून्य कार्बन उत्पादक होने से राख व धुंआ रहित है।

परिचर्चा मे भाग लेते हुए प्रो विमल शर्मा ने बताया कि 1956 मे शुरु हुए प्रथम रियेक्टर "अप्सरा" से भारत आज 22 रियेक्टरों मे 6780 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहा है । बन रहे संयत्रों इसमें 6 हज़ार मेगावाट की बढोतरी करेंगें तथा स्टेट आफ आर्ट तकनीक व संसाधनों से वर्ष 2032 तक भारत सरकार के बिजली उत्पादन की उच्च महत्वाकांक्षी लक्ष्य प्राप्ती संभव होगी। इस सारे विस्तार का श्रैय भारत की दूरगामी परमाणु नीति व यहां के वैज्ञानिकों के संपूर्ण समर्पण को जाता है जिसके लिये वो बधाई के पात्र है।

वार्ता मे प्रबुद्ध चिंतन प्रकोष्ठ के डा. आर के गर्ग, डा. के. पी. तलेसरा, इ. ऐस सी के वैद, अनिल गोधा, मुनीश गोयल ने भी विचार व्यक्त किये। प्रो के एल कोठारी, प्रो महीप भटनागर, डा. बी एल चावत , आर के खोखावत सहित प्रकोष्ठ के सदस्य उपस्थित थे।

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