_राजस्थान कृषि महाविद्यालय उदयपुर में भारत रत्न बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर की 133वीं जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन_*
*_राजस्थान कृषि महाविद्यालय उदयपुर में भारत रत्न बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर की 133वीं जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन_*
उदयपुर संवाददाता विवेक अग्रवाल। महाराणा प्रताप कृषि एंव प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संघटक राजस्थान कृषि महाविद्यालय उदयपुर में भारत रत्न बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर की 133वीं जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष MLSU डॉ सुधा चौधरी ने अपने संदेश में कहा है कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकरआधुनिक भारतीय के निर्माता, प्रख्यात अर्थशास्त्री, संविधान निर्माता, कानूनविद, राजनेता तथा समाज सुधारक थे । अपने प्रगतिशील कृतित्व और रोशन व्यक्तित्व के कारण वह आज भी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। विज्ञान महाविद्यालय (MLSU) के पूर्व अधिष्ठाता महोदय डॉक्टर बी.आर. बामनिया जी ने बताया कि भारत रत्न से सम्मानित डॉक्टर बी आर अंबेडकर का जन्म दिवस 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के रूप में पूरी दुनिया में मनाया जाता है उन्होंने बताया कि वह बचपन से ही प्रतिभाशाली छात्र थे और उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय तथा लंदन स्कूल आफ इकोनॉमिक्स दोनों ही विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डॉक्टोरेट की उपाधि हासिल की। उन्होंने वकालत भी की लेकिन बाद में राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होकर भारत की वंचित-पिछडे समुदाय की वास्तविक स्वतंत्रता, सामाजिक स्वतंत्रता, आर्थिक स्वतंत्रता एवम राजनीतिक प्रतिनिधित्व के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया । कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अनुसंधान निदेशक डॉ. अरविंद वर्मा ने बताया कि किस प्रकार बाबा साहेब ने महिलाओं के हित और श्रमिको के अधिकार के लिये कार्य किया। डॉ राम हरि मीणा (सह-अधिष्ठाता छात्र कल्याण), प्रोफेसर उद्यान विज्ञान डॉ एल एन महावर एवं सह-आचार्य मुख्य छात्रावास अधिकारी डॉ हरि सिंह,डॉ बी जी छिपा द्वारा अतिथियों का स्वागत किया। इसे हेतु अध्यक्ष महोदय द्वारा सभी आयोजन कर्ताओ एवं छात्र-छात्राओं को इस अवसर पर बधाई प्रेषित की गई। विद्यावाचस्पति छात्र गजेन्द्र चावला ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम मे डॉ. श्यामलाल सालवी (असिस्टेंट डायरेक्टर), डॉ. आर.एल. सोनी (सीनियर साइंटिस्ट कृषि विज्ञान केन्द्र वल्लभनगर), डॉ आर. एन. बुनकर (सह आचार्य) , डॉ बी. जी. छिपा (सह आचार्य), प्रमोद कुमार ( बीज अधिकारी)आदि गणमान्य अतिथिगण व छात्र उपस्थित रहे।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें