नारी शक्ति को भी नव सम्वत्सर से जोड़कर संस्कृति के आयामों को नया रंग देने की अनूठी पहल : डाॅ. कुमावत

 नारी शक्ति को भी नव सम्वत्सर से जोड़कर संस्कृति के आयामों को नया रंग देने की अनूठी पहल : डाॅ. कुमावत




नारी शक्ति को भी नव सम्वत्सर से जोड़कर संस्कृति के आयामों को नया रंग देने की अनूठी पहल : डाॅ. कुमावत

उदयपुर संवाददाता विवेक अग्रवाल।। अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति पिछले 40 वर्षो से नववर्ष समारोह को समाज में पुर्नस्थापित करने के लिये सतत प्रयत्नशील है। अब समिति के प्रयासों से नववर्ष पूरे विष्व में प्रभावी ढंग से मनाये जाने लगा है। इसी क्रम में अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति द्वारा राष्ट्रीय सचिव डाॅ. प्रदीप कुमावत के नेतृत्व में नारी शक्ति को नव संवत्सर से जोड़कर संस्कृति के आयामों को नया रंग देने की अनूठी पहल के तहत एक विशेष नारी शक्ति की बैठक चित्तमथ सभागार, आलोक हिरण मगरी में आयोजित की गई।


अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति के राष्ट्रीय सचिव डाॅ. प्रदीप कुमावत ने बताया कि नारी शक्ति सब जगह व्यापक रूप से समाज के हरेक काम में अग्रणी हो रही है, ऐसे में नववर्ष में दो ऐसे बडे कार्यक्रमों को नारी शक्ति को समर्पित किया गया है जिसमें पहला कार्यक्रम अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति के बैनर तले सर्व समाज, संगठन विषेशकर भारत विकास परिषद के साथ 05 अप्रेल को सायं 5 बजे पन्नाधाय डी पार्क गोवर्धन सागर पर संस्कृति के रंग नारी शक्ति के संग आयोजित होगा। 

डाॅ. कुमावत ने बताया कि संस्कृति के रंग नारी शक्ति के संग अन्तर्गत रंगोली, मांडणा सज्जा प्रतियोगिता भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने की दृश्टि से आयोजित की जा रही है जिसमें उत्सव, विषेश नववर्श-नव हर्श, उमंग, उल्लास के साथ बुनियादी तौर पर पर्यावरण के अनुकुल साम्रगी का उपयोग करते हुए जैसे रंगोली के रंग, गुलाल, पाउडर, रेत, फूल, टहनियां, जूट, अनाज, दाल, हल्दी पाउडर, चावल, पत्थर इत्यादि प्रयोग में लाए जा सकते है। पारम्परिक मांडणे भी इसमें सम्मिलित किये जा सकेंगे। उत्सवों पर विषेश दीपावली, गोवर्धन पूजन, भाईदूज, रक्षाबंधन, नवरात्रि, दांडिया, नव संवत्सर, जो भी भारतीय उत्सव है उनको सम्मिलित करते हुए रंगोली बनाई जा सकेगी। 

प्रतियोगिता सभी के लिये खुली है। इस प्रतियोगिता के लिये कोई प्रवेश शुल्क नहीं है लेकिन पहले रजिस्ट्रेशन आवष्यक होगा। इसमें छोटी बालिकाओं व नारियों को संस्कृति के प्रति लगाव उत्पन्न हो एवं अपनी परम्पराओं के प्रति उनका झुकाव हो तथा सनातन संस्कृति के प्रति उनकी प्रगाढ़ता बढ़े। इसी दृश्टि से यह आयोजन किया जा रहा है। 

03 अप्रेल को श्रीनाथ मंदिर उदयपुर में आयोजित होने वाले गौ पूजन गौ-गंगा-गायत्री के विशय को लेकर इस बार शहर के घरों में भी गौ माता के पूजन की परम्परा प्रारम्भ हो इस दृश्टि से आयोजन किया जा रहा है। डाॅ. प्रदीप कुमावत ने बताया कि इस कार्यक्रम को बड़े स्तर पर रखा गया है जिसमें बच्चों एवं महिलाओं को जोड़ा गया है जिसमें शहर में भी महिलाओं व बच्चों को जोड़कर गाय का पूजन किया जाए उस गौ-गंगा-गायत्री की संस्कृति से जोड़ा जाए। 

इस अवसर पर संस्कृति के रंग नारी शक्ति के संग के बैनर का लोकार्पण भी किया गया। इस अवसर पर जयंती भाई पारिख, मनीष तिवारी, शशांक टांक, प्रशांत व्यास, प्रतीक कुमावत, विनोद त्रिपाठी, निहारिका कुमावत, वीरेंद्र पालीवाल, नारायण चौबीसा, वंदना त्रिवेदी, शिवदान सिंह, डॉ संगीता भारद्वाज, अरविंद जैन, हितीशा कुमावत, पुनीत सुखवाल, जितेश कुमावत, बसंती वेष्णव सहित विभिन्न समाजों, संगठनो की 150 से अधिक नारी शक्ति उपस्थित थी!

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