देश को रोगमुक्त करने के संकल्प के साथ तीन दिवसीय योग महोत्सव का समापन।

 देश को रोगमुक्त करने के संकल्प के साथ तीन दिवसीय योग महोत्सव का समापन।



उदयपुर। तीन दिवसीय योग महोत्सव का हुआ सफल आयोजन योग एवं सनातन परंपरा के जन-जन में विस्तार के उद्देश्य से तीन दिवसीय योग महोत्सव का समापन योग महोत्सव में तीन दिनों तक बहा योग-आयुर्वेद की अविरल धारा 10 मार्च, 2024 गाँधी मैदान, उदयपुर आयुष मंत्रालय भारत सरकार, केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद एवं संस्कृति विकास के सयुंक्त तत्त्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय योग महोत्सव का हुआ सफल आयोजन हुआ। समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में अंतर्राष्ट्रीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय, उदयपुर के प्राचार्य प्रोफेसर महेश दीक्षित ने यम-नियम को विस्तार एवं गहराई पूर्वक बताते हुए कहा कि अष्टांग योग - यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, ध्यान, धारणा, समाधि में सबसे महत्वपूर्ण और मूल आधार यम-नियम है। यम के अंतर्गत अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य अपरिग्रह और नियम के अंतर्गत शौच, संतोष, तप, स्वाध्याय, ईश्वर प्रणिधान आता है, जिसका जीवन में पालन अत्यंत आवश्यक है यही योग की प्रथम सीढ़ी है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए आयुष मंत्रालय डॉ. मोहन राव जी ने कहा कि तीन दिवसीय कार्यक्रम अत्यंत सफलता के साथ संपन्न हुआ, कार्यक्रम ने योग जिज्ञासुओं के लिए एक अवसर और मंच प्रदान किया। कार्यक्रम के आयोजन सचिव श्री हिमांशु पालीवाल ने कहा कि योग की प्राचीन परंपरा को जन-जन तक पहुंचने में योग महोत्सव जैसे कार्यक्रम का विशेष योगदान रहा है विभिन्न विद्यालय-विश्वविद्यालय और योग संस्थान एवं जिज्ञासुओं की मौजूदगी ही इस कार्यक्रम की सफलता तय करती है। नितिन पटकी जी ने बताया कि योग को अपने जीवन शैली में कैसे लाएं और कैसे उतारा जाए, उन्होंने भगवद्गीता में वर्णित युक्ताहारविहारस्य श्लोक के अंतर्गत युक्त आचार-विचार के बारे में चर्चा की। श्रीमती संध्या पटकी जी ने लड़कियों को होने वाली पीसीओडी की समस्या के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हमें अपनी दिनचर्या का पालन करना चाहिए जैसे सुबह जल्दी उठना, स्नान व प्राणायाम करना इससे शरीर स्वस्थ रहता है। विचार का मतलब होता है सकारात्मक विचार। इसके साथ ही ध्यान से होने वाले लाभ बताएं जैसे मानसिक शांति, रचनात्मकता व आत्म बल बढ़ता है। डॉ. प्रीति जोशी जी ने श्वास लेने व छोड़ने के उचित तरीके के बारे में जानकरी दी। उन्होंने कहा कि श्वास लेने की सही पद्धति कई बीमारियों को दूर कर देती है। कार्यक्रम समन्वयक डॉक्टर दीपेंद्र सिंह चौहान ने सभी मंचासीन अतिथियों, विभिन्न विद्यालय-विश्वविद्यालय, योग संस्थान से आए विद्यार्थी, शोधार्थी, शिक्षकगण, मीडियाकर्मी आदि सभी का आभार और धन्यवाद ज्ञापन किया। योग महोत्सव कार्यक्रम के आयोजन सचिव श्री हिमांशु पालीवाल ने बताया कि 8 से 10 मार्च तक आयोजित योग महोत्सव में देश के कोने-कोने से योग विशेषज्ञ, संत-महात्मा, योगाचार्य, योग शिक्षक, शोधार्थी, विभिन्न विद्यालयों व विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों ने हजारों की संख्या में कार्यक्रम में भागीदारी किया। इस कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण आयुष मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे योगा स्टार्टअप रहा, जिसमें युवाओं के नए रोजगार के अवसर संबंधित जानकारियां मिली। विभिन्न रोगों से मुक्ति एवं निरोगी काया के लिए आयुर्वेदिक, होम्योपैथी, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी जैसे कई स्टॉल लगाए गए जिससे लोगों को निःशुल्क चिकित्सक सेवाएं प्रदान की गई। साथ ही आयुष मंत्रालय एवं विभिन्न योग संस्थान द्वारा मनमोहन प्रदर्शनियां भी लगाई गई जिसके माध्यम से लोगों में योग, प्राकृतिक चिकित्सा, विभिन्न रोगों के उपचार संबंधी जागरूकता मिली। योग के विभिन्न विशेषज्ञों ने यहां आकर योग, आयुर्वेद, हठ योग, आसन, प्राणायाम, षटकर्म, नेचुरोपैथी, होम्योपैथी, नाड़ी विज्ञान, एक्यूप्रेशर, तंत्र योग, योग निद्रा, यूनानी चिकित्सा, काय चिकित्सा, बालरोग चिकित्सा, शल्य चिकित्सा, रसायन चिकित्सा, इत्यादि विषयों पर अपने व्याख्यान दिए। तथा लोगों को इसके लाभों से भी परिचित करवाया। इस अवसर पर गांधी ग्राउंड के विभिन्न सभागारों में योग विषयक विविध प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। इसमें प्रतिभागियों द्वारा योग के विभिन्न आसनों का आकर्षक प्रदर्शन किया गया। योग के इन विभिन्न सत्रों में छोटे से लेकर बड़े बच्चों एवं विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस प्रतियोगिता में लगभग 500 प्रतिभागियों ने हिस्सेदारी की। योग के प्रति सभी का हौसला देखकर अन्य उपस्थित बच्चों ने भी इसमें अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। विद्यार्थियों के बीच पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसकी थीम था दैनिक जीवन में योग। सभी प्रतिभागियों का उत्साह वर्धन के लिए उन्हें प्रोत्साहन सर्टिफिकेट प्रदान किया गया। इससे पूर्व तृतीय दिवस पर गांधी ग्राउंड में सामूहिक योगाभ्यास का अयोजन हुआ, जिसमें योगाचार्य श्री ढाकाराम जी ने उपस्थित सभी लोगों को योगाभ्यास कराकर उन्हें योग के प्रति जागरूक किया। इस कार्यक्रम में शहरवासियों के साथ-साथ कई पुलिस ऑफिसर्स भी शामिल रहे। आचार्य श्री ने बताया कि योग से व्यक्ति का जीवन बदलता हैं। योगाभ्यास कहीं भी कभी भी किया जा सकता है। योग हमें खुशनुमा बनाता है जिससे सभी कार्य सफल होते है और आस-पास के लोग भी खुश रहते है। लाफ्टर योग, एक ऐसा योग है जिसमें हम सिर्फ और सिर्फ दिल खोल कर हंसते हैं और यह हंसी हमारे पूरे शरीर में सकारात्मकता ऊर्जा का संचार तेज हो जाता है। जीवन की परेशानियां और तनाव मिटाने के लिए लाफ्टर योग का अभ्यास अत्यंत लाभप्रद है। तत्पश्चात् ईशा फाउंडेशन के तरुन पुरोहित द्वारा ईशा क्रिया ध्यान कराया गया। उन्होंने बताया कि योग विज्ञान के शाश्‍वत ज्ञान का हिस्‍सा है ईशा क्रिया। सद्‌गुरु ने ईशा क्रिया को एक सरल और शक्तिशाली विधि के रूप में पेश किया है। उन्होंने बताया कि ईशा क्रिया का उद्देश्य मनुष्य को उसके आंतरिक स्रोत से संपर्क करने में सहायता करना है। ईशा क्रिया ध्यान एक प्रकार का निर्देशित, मंत्र-आधारित ध्यान है जो दिन में केवल 12 मिनट में आपके मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। ईशा क्रिया के दैनिक एवं नियमित अभ्यास से जीवन में स्वास्थ्य, कुशलता, शांति और उत्साह बना रहता है। आधुनिक जीवन की व्यस्त गति से निपटने के लिए यह एक शक्तिशाली उपकरण है। कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. दीपेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि तीन दिवसीय योग महोत्सव कार्यक्रम की महत्वपूर्ण उपलब्धियां देश के विभिन्न योग संस्थानों के विशेषज्ञों द्वारा उद्‌बोधन एवं मार्गदर्शन, योग एवं वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों यथा नाड़ी विज्ञान, प्राकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेद पंचकर्म के विशेषज्ञों द्वारा निशुल्क उपचार, औषधि वितरण एवं मार्गदर्शन रहा। योग महोत्सव के मुख्य आकर्षण केंद्र अंतरराष्ट्रीय प्रतिभाओं की भागीदारी, विद्यार्थियों हेतु विविध प्रतियोगिताएं, शोधपत्र वाचन, योग विषयक सांस्कृतिक कार्यक्रम, देश के सर्वश्रेष्ठ योग प्रतिभागियों द्वारा योग प्रदर्शन एवं सामूहिक योगाभ्यास, विभिन्न आयुष संगठनों, आयुष स्टार्ट-अप की स्टॉल, यौगिक आहार केंद्र, समस्त पंजीकृत प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र, योगासनों पर आधारित विभिन्न सेल्फी प्वाइंट्स, शारीरिक शिक्षकों, योग शिक्षकों, आशा सहयोगिनी, चिकित्सा कर्मी, सुरक्षा कर्मी, दिव्यांग, सफाई कर्मचारी, किन्नर समुदाय हेतु विशेष योग सत्र, विराट दीप महायज्ञ, योग विद्यार्थियों के लिए इंटर्नशिप कार्यक्रम, विभिन्न सामाजिक संगठनों की भागीदारी इत्यादि रहा। तीन दिवसीय कार्यक्रम में मुख्य रूप से राजस्थान कैबिनेट मंत्री बाबूलाल खराड़ी, आयुष मंत्रालय के निदेशक डॉ राघवेंद्र राव, उदयपुर के विधायक ताराचंद जैन, उदयपुर के भाजपा जिलाध्यक्ष चंद्रगुप्त सिंह चौहान, राजस्थान विधान सभा पूर्व अध्यक्ष धर्मनारायण जोशी, भाजपा के जनप्रत्याशी: मन्नालाल रावत, मुद्रा विज्ञान विशेषज्ञ : श्री श्रीवर्धन, इस्कॉन मंदिर, दिल्ली के वाइस चेयरमैन अमोघ लीला दास, योग प्रशिक्षक पुष्पदीप प्रजापति, उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार के एचओडी डॉ. लक्ष्मी नारायण जोशी, वरेण्यम योग संस्थान हैदराबाद संस्थापक श्री सुगम, संतोष राठोड़, मुंगेर आश्रम से के.पी राय, आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर डॉ. सक्सेना आदि मौजूद रहे एवं अपने व्याख्यान से लोगों को लाभान्वित किया। समापन अवसर पर सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया। सभी विजेताओं को पुरस्कृत किया गया एवं प्रतिभागियों को प्रोत्साहन के लिए सर्टिफिकेट दिया गया। इस अवसर पर विभिन्न विद्यालय,महाविद्यालय, विश्वविद्यालय योग संस्थान के विद्यार्थी, शिक्षक, योग विशेषज्ञ, योग जिज्ञासु आदि हजारों की संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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