खनन क्षेत्र में पारदर्शिता लाने हेतु माइनिंग टैनामेंट सिस्टम (एमटीएस) की उपयोगिता

 खनन क्षेत्र में पारदर्शिता लाने हेतु माइनिंग टैनामेंट सिस्टम (एमटीएस) की उपयोगिता




उदयपुर, 1 मार्च । खनन उद्योग से जुड़े पदाधिकारी एवं संभावित निवेशकों के लिए माइनिंग टैनामेंट सिस्टम का गुणवत्ता पूर्वक उपयोग करने के संबंध में, आंचलिक कार्यालय, भारतीय खान ब्यूरो, उदयपुर के तत्वावधान में एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन, होटल होवार्ड जॉनसन में किया गया। यह कार्यशाला खान सचिव, खान मंत्रालय, भारत सरकार, के निर्देशानुसार खनन क्षेत्र से जुड़े हितधारकों को इस सिस्टम के बारे में संपूर्ण जानकारी देने हेतु आयोजित की गई। कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में श्री अभय अग्रवाल, खान नियंत्रक (उत्तरांचल), भारतीय खान ब्यूरो उदयपुर ने कार्यशाला की उपयोगिता के बारे में प्रकाश डाला साथ ही एमएमडीआर एक्ट में माइनिंग टैनामेंट सिस्टम के लिए दिए गए प्रावधानों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह सिस्टम खनन क्षेत्र में पारदर्शिता लाने के साथ-साथ ही खनन से जुड़ी प्रक्रियाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए एक प्रभावी माध्यम है।

इस कार्यशाला में भारतीय खान ब्यूरो मुख्यालय, नागपुर, से पधारे श्री पीके भट्टाचार्य, खान नियंत्रक, एमटीएस अनुभाग, ने एमटीएस से संबंधित विभिन्न मॉड्यूल पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। श्री भट्टाचार्य ने इस सिस्टम के अंतर्गत पट्टाधारी के रजिस्ट्रेशन, खनन योजना का अनुमोदन सिस्टम, ऑनलाइन विवरणीया जमा करने के सिस्टम, ड्रोन डाटा मैनेजमेंट के सिस्टम, किस प्रकार से कार्यरत है, तथा उसमें भरे गए डाटा को किस प्रकार से भारतीय खान ब्यूरो एवं खान मंत्रालय द्वारा भविष्य में उपयोग में लिया जाएगा; इस पर बहुत विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि पूर्व में खनन योजना बनाना काफी श्रम साध्य था, वह एमटीएस सिस्टम में आ जाने से काफी सरल और सुगम हो गया है। विभिन्न मॉड्यूल के आपस में एक दूसरे के जुड़ाव के बारे में भी उन्होंने विस्तृत जानकारी दी और बताया कि एक मॉड्यूल में भरे गए डाटा को दूसरा मॉड्यूल खींच सकता है। इस प्रकार से हर मॉड्यूल में हितधारक को डाटा भरने की आवश्यकता नहीं होगी, और इसे पूरे सिस्टम के अंदर में पारदर्शिता एवं गतिशीलता आएगी। इसी क्रम में श्री दीप दर्शन भारद्वाज, उपखान नियंत्रक, एमटीएस अनुभाग, भारतीय खान ब्यूरो नागपुर, ने एमटीएस के अंतर्गत बनाए गए रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल के संबंध में अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया एवं रजिस्ट्रेशन की उपयोगिता और उसे किस प्रकार भरा जाना चाहिए, उस पर अपने विचार प्रस्तुत करें।

श्री अभय अग्रवाल खान नियंत्रक (उत्तरांचल) ने वर्तमान में खान एवं खनिज (विकास एवं विनियम) अधिनियम, 1957, में समय-समय पर हुए संशोधन के बारे में जानकारी प्रस्तुत करी एवं खनन क्षेत्र में माइनिंग टैनामेंट सिस्टम के लिए बनाए गए विभिन्न नियमों के बारे में प्रकाश डाला।

इस कार्यशाला में उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों से लगभग 86 प्रतिभागियों ने भाग लिया एवं अपने विचार प्रस्तुत करें। इसके साथ ही समूह चर्चा आयोजन में प्रतिभागियों ने अपनी समस्याओं से भी अवगत कराया जिसका समाधान भी उन्हें भारतीय खान ब्यूरो के अधिकारियों द्वारा दिया गया। कार्यशाला के अंत में विभिन्न प्रतिभागियों ने अपने प्रतिवेदन रखें तथा इस कार्यशाला से होने वाले लाभ के बारे में अवगत कराया।

कार्यशाला में जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, गुजरात इत्यादि राज्यों के खनन पट्टाधारियों के प्रतिनिधि, खनि अभियंता एवं भू वैज्ञानिक उपस्थित थे।

कार्यशाला का संचालन जयकुमार पांडेय, सहायक खान नियंत्रक, भारतीय खान ब्यूरो, ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन दर्शन दीप भारद्वाज, उप खान नियंत्रक, एमटीएस अनुभाग, भारतीय खान ब्यूरो नागपुर ने प्रेषित किया।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पुलिस पाटन द्वारा हथियार की नोक पर वाहन लूट करवाने वाला अंतर्राज्यीय गैंग का सरगना गिरफ्तार

अतिरिक्त जिला कलेक्टर नीमकाथाना भागीरथ साख के औचक निरीक्षण में कर्मचारी नदारद पाए गए* *सीसीए नियमों के तहत होगी कार्रवाई*

आमेर तहसीलदार ने बिलोंची गाँव की खसरा न, 401 से लेकर खसरा न, 587 तक की जमीन की , जमाबंदी के खातेदार 12 व्यक्तियों में से चार व्यक्तियों के नाम मिली भगत कर , सुविधा शुल्क वसूलकर नियम विरूद्ध तकासनामा खोल दिया गया आठ खातेदारों का विरोध तकासनामा निरस्त करने की मांग