बुल्ले शाह मे बटौरी खूब तालियाँ’’
‘‘बुल्ले शाह मे बटौरी खूब तालियाँ’’
25 फरवरी 2024 ! उदयपुर, भारतीय लोक कला मण्डल में 20वें पद्मश्री देवीलाल सामर स्मृति राष्ट्रीय नाट्य समारोह के दूसरे दिन 16वीं शताब्दी के सूफी संत बाबा बुल्लेशाह के जीवन पर आधारित नाटक ‘‘बुल्ला’’ ने खूब तालियाँ बटौरी।
दिनांक 24 से 28 फरवरी तक भारतीय लोक कला मण्डल एवं दि परफोरमर्स कल्चरल सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किये जा रहे पद्मश्री देवीलाल सामर स्मृति राष्ट्रीय नाट्य समारोह के दूसरे दिन सूफी संत बुल्ले शाह के जीवन पर आधारित अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित पाकिस्तान के प्रसिद्ध लेखक शाहीद नदीम द्वारा लिखित नाटक ‘‘बुल्ला’’ की सशक्त प्रस्तुति की गई।
नाट्य प्रस्तुति से पूर्व भारतीय लोक कला मण्डल के निदेशक डाॅ. लईक हुसैन द्वारा गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया गया। उसके बाद सभी गणमान्य अतिथियों एवं संस्था पदाधिकारियों ने पद्मश्री देवीलाल सामर की तस्वीर पर माल्यापर्ण कर एवं दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की।
नाटक में बुल्लेशाह की काफियाँ जैसे की जाणा मैं कौन बुल्लियाँ एवं राती जागें करे इबादत राती जागण कुत्ते तैथे उत्ते’’ आदि के द्वारा मज़हब के पाखंड के बीच प्रेम और शांति का संदेश दिया गया। बुल्ले शाह द्वारा देश कि खुशहाली एवं अमन चेन और दोस्ती के संदेश को बहुत ही प्रभावी रूप से प्रस्तुत किया गया। बुल्ले शाह का अमन और दोस्ती के संदेश दोनों देशों में नफरत की दीवार को मिटाने का संदेश देता है। इस नाटक की खूबसूरती और प्रसिद्धी इस तरह से भी देखी जा सकती है कि आज इस समय जब से नाटक उदयपुर में खेला जा रहा है तो इसी समय आज के दिन ये नाटक पाकिस्तान के फैसलाबाद में भी खेला जा रहा है इस नाटक के पंजाब के प्रसिद्ध नाटककार एवं पंजाब संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष श्री केवल धालीवाल ने निर्देशित किया है।
नाटक में बुल्ले शाह की भूमिका गुरतेजमान ने निभाई तथा अन्य कलाकारों में विशु शर्मा, साजन कोहिनूर, डोली सड्डल, हरप्रीत सिंह, गुरदित्त पाल, जोनपाल, परमिंदर ने अन्य भूमिकाएँ निभाई। नाटक में बुल्लेशाह के उस्ताद शाह इनायत का किरदार स्वयं केवल धालीवाल जी ने निभाया। नाटक में रोशनी इमैनुयल सिंह ने दी और संगीत कुशाग्र वालिया एवं हरशिता ने दिया।
भारतीय लोक कला मण्डल के निदेशक डाॅ लईक हुसैन ने बताया कि आज दिनांक 26 फरवरी 2024 को बर्तोल्त ब्रेख्त द्वारा लिखित एवं केवल धालिवाल द्वारा निर्देशित नाटक ‘‘मिट्टी ना होवे मतरेई’’ का मंचन होगा एवं 20 वें पद्मश्री देवीलाल सामर स्मृति राष्ट्रीय नाट्य समारोह का आयोजन संस्था के मुक्ताकाशी रंगमंच पर प्रतिदिन सायं 07.15 बजे से हो रहा है जिसमें कला प्रेमी, नाट्य प्रेमी एवं आमजन का प्रवेश निःशुल्क है।
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