मोहिनी अट्टम एवं कत्थक नृत्यों की रंगारंग प्रस्तुतियाँ हुई।
मोहिनी अट्टम एवं कत्थक नृत्यों की रंगारंग प्रस्तुतियाँ हुई।
संवाददाता विवेक अग्रवाल
उदयपुर (जनतंत्र की आवाज) 21 फरवरी। भारतीय लोक कला मण्डल के 73 वें स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर भारतीय लोक कला मण्डल में रंगपृष्ठ संस्था के संयुक्त तत्वावधान में ‘‘शास्त्रीय नृत्य संध्या’’ का आयोजन किया गया। जिसमें कोलकोत्ता की प्रसिद्ध नृत्यांगना मोमिता पाॅल द्वारा मोहिनी अटृम एवं रंगपृष्ठ संस्था के कलाकारों ने कत्थक नृत्यों की रंगारंग प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया।
भारतीय लोक कला मण्डल के निदेशक डाॅ. लईक हुसैन ने बताया कि भारतीय लोक कला मण्डल की स्थापना पद्मश्री देवीलाल सामर द्वारा 22 फरवरी 1952 को आदिम एवं लोक कलाओं तथा शिल्प के संरक्षण, प्रचार-प्रसार एवं विकास के उद्धेश्य से की गई थी। भारतीय लोक कला मण्डल कि स्थापना को आज 73 वर्ष हो चुके है
इस वर्ष भारतीय लोक कला मण्डल के 73वें स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर संस्था में रंगपृष्ठ संस्था के संयुक्त तत्वावधान में ‘‘शास्त्रीय नृत्य संध्या’’ का आयोजन किया गया। जिसमे कोलकोत्ता से आई मोमिता पाॅल द्वारा भारत के प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्य मोहिनी अट्टम एवं रंगपृष्ठ संस्था के कलाकारों द्वारा कत्थक नृत्यों की प्रस्तुतियाँ दी गई।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में गणमान्य अतिथियों एवं संस्था के मानद सचिव सत्य प्रकाश गौड़ ने दीप प्रज्जवलित कर एवं भारतीय लोक कला मण्डल के संस्थापक पद्मश्री देवीलाल सामर कि तस्वीर पर माल्यापर्ण कर कार्यक्रम की शुरूआत की उसके पश्चात् कोलकोत्ता की प्रसिद्ध नृत्यांगना मोमिता पाॅल द्वारा गणेश वंदना की प्रस्तुति दी गई गणेश वंदना के पश्चात मोमिता पाॅल द्वार ही पाहि पर्वता नंदिनीः की प्रस्तुति दी गई पाहि पर्वता नंदिनी नृत्य महाराजा स्वाति तिरुनल कीर्तनम पर आधारित नृत्य है जिसमें देवी पार्वती (हिमालय की बेटी) जो हमारे लिए शक्ति और सुंदरता लाती है, वह नदी के किनारे रहती है और शेर पर सवार है।
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