राजस्थान साहित्य महोत्सव "आडावळ" का आगाज कला संस्कृति की बिखरी सतरंगी छटा
*राजस्थान साहित्य महोत्सव "आडावळ" का आगाज कला संस्कृति की बिखरी सतरंगी छटा
विवेक अग्रवाल
उदयपुर संवाददाता (जनतंत्र की आवाज) 1 दिसंबर। अमी संस्थान के तत्वावधान में राजस्थानी साहित्य, कला, संस्कृति, परंपरा और भाषा का कलात्मक महोत्सव "आडावळ" जळसे का आगाज हाथी थान हवेली स्थित विरासत सभागार में
प्रारंभ हुआ । राजस्थान साहित्य महोत्सव के पहले दिन साहित्यिक सत्र में सांस्कृतिक, सामाजिक, आध्यात्मिक, धार्मिक विषयों पर चर्चा तथा लोकनृत्य प्रतियोगिता में बालिकाओं ने राजस्थानी लोकगीतों पर अपनी सतरंगी प्रस्तुति दी।
निदेशक शिवदान सिंह जोलावास ने बताया की महोत्सव का आरंभ डा. प्रियंका भट्ट द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से शुरू किया। इसके बाद आडवळ की संरक्षक एवं कार्यक्रम संयोजक डा.चंद्रकांता बंसल ने अतिथियों का स्वागत किया। उद्घाटन सत्र में डा. किरण बाला ने सामाजिक संदर्भ में राजस्थानी विषय पर अपने विचार व्यक्त किये। इसके बाद डा. बालगोपाल शर्मा ने आध्यात्मिक अर धार्मिक संदर्भ में विषय का प्रतिपादन किया। तरुण कुमार दाधीच ने बाल मनोविज्ञान और राजस्थानी पर अपने बाल साहित्य की आवश्यकता पर अपने विचार व्यक्त किए। दूसरे सत्र में राजस्थानी लोकनृत्य प्रतियोगिता में नगर की छात्राओं ने केसरिया बालम, म्हारे देश पधारो, काल्यो कूद पड़यो मेला में, घूमर, समदरियो लेरा लेवे सा, म्हारो प्यारो राजस्थान गीतों पर अपनी प्रस्तुति दी । राजस्थानी लोकनृत्य प्रतियोगिता वरिष्ठ वर्ग में आदिनाथ बीएड कॉलेज के प्रथम स्थान प्राप्त करने पर ग्यारह हजार रुपए का पुरस्कार तथा कनिष्ठ वर्ग में सेंट एंथोनी सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर -14 की बालिकाओं को प्रथम स्थान प्राप्त करने पर पांच हजार रुपए का पुरस्कार से सम्मानित किया एवं सभी प्रतियोगियों को सम्मान पत्र से अभिनंदन किया गया । संस्थान के निदेशक शिवदान सिंह जोलावास ने वर्तमान परिदृश्य में राजस्थानी लोक संस्कृति के महत्व पर प्रकाश डाला। सचिव राजेश्वरी राड़ौड ने निर्णायक विप्रा मेहता, पूनम भू एवं विजय लक्ष्मी आमेटा का आभार जताया। महेश आमेटा ने आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। समारोह का संचालन डा. प्रियंका भट्ट ने किया।
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