जयपुर महाकुंभ में शामिल होने के लिए दायमा के नेतृत्व में हजारों समाज बंधु जयपुर के लिए रवाना।
जयपुर महाकुंभ में शामिल होने के लिए दायमा के नेतृत्व में हजारों समाज बंधु जयपुर के लिए रवाना।
जयपुर में तीन सितंबर को आयोजित होने वाले विश्व कर्मा महाकुंभ के लिए देशभर के लोगों में जो उत्साह और जोश तथा उमंग है ,उसको देखते हुए यह सहज रूप से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि ,यह महाकुंभ सफलता के नए आयाम स्थापित करेगा।
नाशिक से जयपुर रवाना होने से पहले अखिल भारतीय जांगिड ब्राह्मण महासभा के पूर्व महामंत्री और महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष तथा समाज के भीष्म पितामह मोहन लाल दायमा के नेतृत्व में एक बीस सदस्यों का दल नाशिक से पांच गाड़ियों के काफिले के साथ , जयपुर के महाकुंभ में शामिल होने के लिए रवाना हुआ। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के लोगों में इस महाकुंभ के लिए विशेष उत्साह है, क्योंकि महाराष्ट्र प्रदेश को राजस्थान के अनेक लोगों ने अपनी कर्मभूमि बनाया है और महाराष्ट्र में रहने वाले अधिकतर जांगिड और सुथार बंधु अपनी जन्म भूमि का कर्ज चुकाने के लिए ही इस महाकुंभ में शामिल होने के लिए रवाना हुए हैं।
दायमा ने कहा कि यह महाकुंभ जांगिड सुथार समाज के लिए एक नया इतिहास रचेगा और इस समाज की राजनीति के क्षेत्र में भागेदारी सुनिश्चित हो सकेगी।
नाशिक जिला अध्यक्ष विनोद जांगिड ने बताया कि यह महाकुंभ न केवल आने वाली पीढ़ियों का राजनैतिक भविष्य और सामाजिक महत्व को परिलक्षित करेगा, अपितु महाकुंभ की सफलता का एक नया अध्याय भी लिखा जायेगा।
इस काफिले में धूले के जिला अध्यक्ष दिनेश जांगिड,नानूराम,बुलढाना जिला अध्यक्ष पूर्ण मल जांगिड, परली बीड के नवरतन जांगिड ,संभाजी नगर से प्रकाश और बाबूलाल, नाशिक के महेश जांगिड और लक्ष्मी नारायण जांगिड, बुलढाना के चम्पा लाल,प्रदेशाध्यक्ष रोहतास जांगिड , महाराष्ट्र महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष रेशमा जांगिड, बुलढाना के जयप्रकाश, मनमोहन द्वारकाप्रसाद, सांवरमल, औरंगाबाद के दीन दयाल दायमा,यश जांगिड, और गुड्डी देवी जांगिड सहित अनेक महानुभाव, भगवान विश्वकर्मा के जयघोष के नारों के बीच रवाना हुए।
मोहनलाल दायमा ने कहा कि महाराष्ट्र के कोने-कोने में बसे हजारों समाज बंधु इस महाकुंभ में शामिल होने के लिए रवाना हुए हैं। उन्होंने महाराष्ट्र में बसे समाज बंधुओं से विनम्र अपील की है कि वह अधिक से अधिक संख्या में इस महाकुंभ में शामिल होकर इस महाकुंभ रुपी महायज्ञ को सफल बनाने का स्तुत्य प्रयास करें।
मोहनलाल दायमा।
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