मराठी साहित्य मंडल की राष्ट्रीय समिती की हुई सभा
कुछ दिन पहले 13 सप्टेंबर को मराठी साहित्य मंडल की राष्ट्रीय समिती की हुई सभा
मे ,राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ जयप्रकाश घुमटकर जी की पहल से और सिद्धार्थ कुलकर्णी विदर्भ प्रदेश अध्यक्ष की शिफारस से , इंजिनियर एवम साहित्यिक प्रविण उपलेंचवार जी की पुरे विदर्भ प्रांत की प्रांतपाल याने की विदर्भ प्रांतपाल इस पद पे नियुक्ती की गयी ! इस पद की वजह से श्री प्रविण उपलेंचवार पुरे विदर्भ मे मराठी साहित्य मंडल का विस्तार और पुरा कामकाज की तरफ ध्यान देगे ! श्री प्रविण उपलेंचवार ये मूल रूप मे सिव्हिल इंजिनियर होकर प्रतिष्ठित बिल्डर और उद्योजक है !.उनोने अभितक 300 बंगलेऔर 50 दुकान का एक और 300 बंगले और 20 दुकान का एक ऐसे दो बडी रहिवासी कॉलनी के और बहुत सारे और प्रकल्प ऊनके बिल्डर के व्यावसाय मे पुरे कीये है ! इस के साथ ही वो ऑरगँनिक किट नाशक और खाद का उत्पादन और बिक्री का व्यवसाय और इन्फ्रास्ट्रक्चर के व्यवसाय मे पिछले 35 साल से आगे है ! साहित्य के क्षेत्र मे इनो ने अब तक १५० से ज्यादा कविताये लिखकर अलग अलग कार्यक्रम मे पेश कर के दर्शको की दाद ली है ! इनो ने ' सुसाट 'नामक उपन्यास लिखी है और ' तरंग मेंदीचे ' नामक अल्बम के अठराह गाणे लिखकर ऊसे संगीत भी दिया है !
प्रवीण उपलेंचवार के इस साहित्यिक पदभार के लिये ढेर सारे सुप्रसिद्ध साहित्यकारोने जीसमे डॉ बलवंत भोयर, डॉ विशाखा कांबले , प्रा नरेंद्र मोहिते , डॉ रमणीक लेंगुरे , नागपूर संमेलनाध्यक्ष डॉ रेखा जगनाडे मोतेवार , जिजा मानकर , नीता चिकारे , दीपक देशमुख ,मनीष उपाध्ये , प्राचार्य हिरालाल मेश्राम , प्रा. पूनम भुरे , आरती वाघमारे , अनिल मालोकर , राजेश वाघ ,वर्धा से लता हेडाऊ , और बहुत सारे नामवंत साहित्यिकारोने बधाइ की वर्षा की है !
श्री प्रविण उपलेंचवार ये रोटरी क्लब के माजी अध्यक्ष और जेसिस , स्फूर्ति स्पोर्टिग क्लब , आर्य वैश्य समाज और बहुत सारे संस्था के अलग अलग पदभार संभाले हुये है ! एवम द्यानदा इस पिछले 50 साल से संस्थापक अध्यक्ष रहे प्रा.मधुकर उपलेंचवार ये ऊन के पिता की संस्था से जुडकर अनेक काम मे सहभाग लेते रहते है ! इस संस्था द्वारा पिछले ५० साल से गरीब और होशीयार छात्रो का रहना ,खानापिना के साथ पुरी शिक्षा और संस्कार देने का काम अखंड शुरु है और इस वजह से सात आठ हजार से भी ज्यादा छात्रो की जिंदगी बन गयी है !
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