भगवान महावीर के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है कवि मनोहर लाल कांठेड़
कुशलगढ़ 17 जनवरी
भगवान महावीर के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है कवि मनोहर लाल कांठेड़
पत्रकार ललित गोलेछा से मुलाकात
भगवान महावीर स्वामी से लेकर 8 तीर्थंकर जीवन पर महाकाव्य लिखने वाले
*राष्ट्रीय कवि मनोहर लाल काठेड़* ने बताया कि
*भगवान महावीर स्वामी के जीवन पर महाकाव्य भगवान ऋषभदेव श्री शांतिनाथ श्री पार्श्वनाथ आष्टादस तीर्थंकर चरित्र अरिष्ठनेमी वह मुनि सुब्रत सामी की मालवी में रचना कर मालवीय साहित्य में इतिहास रचने वाले कवि मनोहर लाल कांठेड़* ने बताया कि कविताएं लिखने की प्रेरणा देवलोक गमन *गुरुदेव उमेश मुनि* की प्रेरणा से मुझे मिली मैंने महावीर स्वामी के महाकाव्य के साथ अन्य 9 तीर्थंकर के जीवनी पर महाकाव्य और जीवनी भी लिखी हैं
नो पुस्तकों का विमोचन दिल्ली के लाल कोटला मैदान में हुआ था उन्होंने कहा कि
भगवान महावीर का उपदेश प्राणी मात्र के हितों का संवाहक है
*अहिंसा संयम और तप ही धर्म है महावीर स्वामी कहते हैं* कि जो धर्मात्मा हैं जिन्हें मन में सदा धर्म रहता है उसे देवता भी नमस्कार करते हैं भगवान महावीर ने अपने प्रवचनों में धर्म सत्य अहिंसा ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह शमा पर सबसे अधिक जोर दिया त्याग और संयम प्रेम और करुणा सील और सदाचार ही प्रवचन का सार था
*कवि मनोहर लाल बताते हैं कि जीवन में प्राणी मात्र की रक्षा के लिए कार्य करें हमें जन्म मिला है हमें जीवन में परोपकारी भावना मन में रखकर कार्य करना होगा*
सम्मेद शिखर तीर्थ उन्होंने कहा कि यह पवित्र तीर्थ है उसे राज्य और केंद्र सरकार पवित्र तीर्थ है रहने दे यह करोड़ों की आस्था का केंद्र है
उनकी महावीर स्वामी के महाकाव्य मालवीय भाषा पर दिखने पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मानव लोक संस्कृति प्रतिष्ठान उज्जैन द्वारा अन्य संगठनों द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया
इस अवसर पर समाजसेवी रवि रेखा कांठेड़ समाजसेवीअजीत सुमित्रा कांठेड़ सुरेंद्र संचेती मुकेश कुमार मंजुला लुणावत सिद्धार्थ जैन विमल जैन आदित्यआदि उपस्थित थे
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