सांसद डाँगी के कोयला खदानों से उत्पन्न जल संकट के प्रश्न का जवाब देने में केन्द्रीय कोयला मंत्री असमर्थ
सांसद डाँगी के कोयला खदानों से उत्पन्न जल संकट के प्रश्न का जवाब देने में केन्द्रीय कोयला मंत्री असमर्थ
आबूरोड। राज्यसभा सांसद नीरज डाँगी ने राज्य सभा में पूरक प्रश्न उठाते हुए देश में कोयला खदानों में कम दोहन एवं कोयला उत्पादन लक्ष्य पूरा करने के लिये प्रस्तावित 90 फीसदी खदाने उच्च जोखिम वाले जल क्षेत्र में स्थित हैं तथा इसके कारण पानी की कमी से संभावित जल संकट को कम करने के लिये सरकार द्वारा उठाये जाने वाले कदम नाकाफी बताते हुए केन्द्र सरकार को आड़े हाथों लिया, कोयला मंत्री पूछे गये प्रश्न से हटकर जवाब देते नजर आये सांसद डांगी द्वारा सदन में पूरक प्रश्न के तहत कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी से पूछा गया कि केन्द्र सरकार से प्रस्तावित कोयला परियोजनाओं में से लगभग 90 फीसदी खदानें उच्च जोखिम वाले जल क्षेत्र में स्थित है, जिससे क्षेत्र में पानी की कमी हो जायेगी। इन क्षेत्रों में नई कोयला परियोजनाओं के कारण संभावित जल संकट को कम करने के लिये केन्द्र सरकार क्या कदम उठा रही है। प्रत्युत्तर में कोयला मंत्री द्वारा टालमटोल करते हुए इन खदानों से होने वाले संभावित जल संकट की बात नहीं करते हुए उन्होंने सदन में कहा कि खदानों से निकलने वाले जल का खदानों एवं विभिन्न कार्यों में उपयोग किये जाने की बात कही, परन्तु खदानों के कारण भूमिगत जल की कमी के क्षेत्र में केन्द्र सरकार द्वारा किये जाने वाले उपायों की जानकारी देने में नाकाम रहे। डाँगी द्वारा सदन में अन्य प्रश्न उठाते हुए सकल घरेलू उत्पाद में एमएसएमई और कुटीर उद्योगों के द्वारा देश में रोजगार सृजन एवं कार्यों के निष्पादन में सुधार और कुटीर उद्योगों के विकास के लिये केन्द्र सरकार से सुधारात्मक उपाय किये जाने की मांग की। उन्होंने विगत तीन वर्षों में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम तथा कुटीर उद्योग का देश के घरेलू उत्पाद और रोजगार सृजन में केन्द्र सरकार के योगदान की जानकारी चाही। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्यमंत्री द्वारा प्रत्युत्तर में अखिल भारतीय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में एमएसएमई सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) वर्ष 2018-19 में 30.50 प्रतिशत, 2019-20 में 30.50 प्रतिशत एवं 2020-21 में 26.83 प्रतिशत रही जो 2018-19 की तुलना में गिरावट को दर्शाता है। इसी प्रकार अखिल भारतीय निर्यात में एमएसएमई से संबंधित उत्पादों में भी 07 प्रतिशत की गिरावट बताई गई है। सांसद डांगी ने अखिल भारतीय सकल घरेलू उत्पाद एवं अखिल भारतीय निर्यात में एमएसएमई में आई गिरावट की पूर्ति करते हुए केन्द्र सरकार से इस ओर ध्यान देते हुए इसे बढ़ाने की मांग की।
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