नीमकाथाना में सुभाष मंडी में पूंजी पत्तियों की मनमर्जी ओर गुण्डा गर्दी ।।।




 नीमकाथाना में सुभाष मंडी में पूंजी पत्तियों की मनमर्जी ओर गुण्डा गर्दी ।।।                                         नीमकाथाना में विनायक साड़ी और चौधरी वस्त्रालय जिसके मालिक पंकज अग्रवाल अपने धनबल और बाहुबल से लगभग 50 वर्षों से बैठे दुकानदार जो कि अपनी छोटी सी दुकान वहां चला करके अपने परिवार का गुजर बसर करते थे ।उनका नाम सुरेश कुमार अग्रवाल है ।सुरेश जी अग्रवाल जिस दिन से मानसिक तनाव और बीमार है। जिस दिन पंकज अग्रवाल ने इन्हें बिना कुछ बताएं⁉️ इनके ऊपर की छत की बिल्डिंग को गिराया व ड्रिलिंग से ऊपर की छत की खुदाई की गई ,जिससे कि सुरेश जी की दुकानों में भी दरारें आ गई थी। सुरेश जी की आयु 55 वर्ष से ऊपर है ।और वह दुकान खोल करके बैठे ही थे। की विनायक साड़ी के मालिक ने अपने मजदूरों से और ठेकेदार से बोलकर सुरेश जी के यहां से सटी हुई तीन-चार दुकानों को जमीन दोंज किया, और मलबा लगभग हफ्ते भर वहीं पर ही रहा। उसे दौरान नगर परिषद के अधिकारी मामराज जी जाखड़ एक दिन श्याम के समय लीपा पोती करने के लिए गए। और 25 मिनट उनसे वार्ता की ,और फिर अपने रास्ते हो लिए ।। उल्लेखनीय यह है ,कि विनायक साड़ीज के मालिक पंकज अग्रवाल को नगर परिषद नीमकाथाना द्वारा बार-बार अतिक्रमण हटाने का नोटिस दिया जाता था। सो पंकज अग्रवाल ने अपने परिसर में जो सरकारी जमीन थी। जिसे पंकज अग्रवाल के पूर्वजों अन्य लोगों ने मिलकर लगभग 60 वर्ष पूर्व ही कब्जा करके पक्की दुकानें बनाकर उन्हें किराए पर चला दी थी ।उनमें से ही एक श्री सुरेश जी अग्रवाल है। सुरेश जी अग्रवाल गत महीने तक जो इनका निर्धारित एक महीने का किराया होता है ,वह लगातार जमा करने आ रहे हैं ।अब पंकज अग्रवाल का भेदभाव जैसा की वीडियो में दिखाया गया है वह यह है, कि यह गरीब आदमियों को तो निर्वासित कर रहे हैं। जो की अर्थव्यवस्था से सक्षम नहीं है और जो धनबल रखने वाले दुकानदार हैं ।उनको बोलने की हिम्मत भी नहीं होती❓ लेकिन यह इनका निजी मामला है ।अब देखना यह है, कि नीम का थाना नगर परिषद कार्यालय द्वारा पंकज अग्रवाल को अतिक्रमण तोड़ने का बार-बार नोटिस दिया जाता था। सो  पंकज अग्रवाल ने तो सरकारी भूमि से अतिक्रमण लगभग हटा लिया लेकिन नगर परिषद नीम का थाना इस परिसर से आगे के दुकानदार जो रामलीला मैदान तक अतिक्रमण किए हैं।जो सरकारी भूमि रोककर उसे पर दुकान बनाकर किराए पर दे रखी है ।और वह संचालित भी हो रही है ।क्या यह नगर परिषद अतिक्रमण हटाएगा यदि अतिक्रमण हटाते हैं☑️ तो जो गली वर्तमान में मात्र 4 फुट बची है। वह लगभग 20 से 25 फीट की हो जाएगी। यदि नगर परिषद ऑफिस बिना किसी भेदभाव के निष्पक्ष होकर अतिक्रमण हटाए तो⁉️ नहीं तो इसका कोई मतलब नहीं है। क्योंकि नगर परिषद नीम का थाना में अब पूंजीपति वर्ग के लोगों के और अपने ऊंचें रसूखदारों वाले व्यक्तियों के नहीं होने वाले कार्य भी बहुत ही आसानी से संपन्न कर लेते हैं। वहीं कोई गरीब व्यक्ति इसी ऑफिस के चक्कर काट काट करके अपने किसी वैध कार्य के लिए या तो मर जाता है, या हार थक के बैठ जाता है यह न्याय संगत नहीं है। जिला प्रशासन सीकर इस प्रकरण को संज्ञान में लेकर न्याय करवाने की कृपा करें। जिससे कि किसी के साथ अन्याय हो।

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