पोस्टिंग होने के बाद मैंने तालाब के सरकारी विद्यालय के विकास के लिये कार्य करना शुरु किया।
उसके बाद मेरी पोस्टिंग राज.उ. मा वि. तालाब मे हुई। तालाब मे पोस्टिंग होने के बाद मैंने तालाब के सरकारी विद्यालय के विकास के लिये कार्य करना शुरु किया।
विद्यालय मे बड़े बड़े गड्ढे, दीवारे टूटी फूटी, पड़ी थी। बारिश के दिनों मे विद्यालय मे पानी भर जाता था जिस कारण ना तो विद्यालय मे प्रार्थना हो पाती और ना ही बच्चे खेल पाते।फिसल फिसल कर गिरते..।। मन मे हमेशा एक टीस सी रहती। तब मैंने संकल्प लिया की इस विद्यालय को अपनी एक अलग पहचान दिलानी है। हमेशा एक जूनून सा बना रहा रहता सबसे पहले मैंने वहां के भा माशाहो से मिलकर उन्हें विद्यालय की स्थिति के बारे मे बताया। भामाशाहो ने मेरे द्वारा उठाये गये इस कदम को सराहनीय बताया और कहा की आप आगे बढ़ो हम आपके साथ है। तब मुझे कुछ उम्मीद नजर आई तो मैंने सहगल फाउंडेशन के साथ मिलकर भामाशाहो की मीटिंग आयोजित की। सहगल फाउंडेशन के अधिकारी विद्यालय मे निरिक्षण करने आये तो उन्हें विद्यालय की स्थिति का पता चला। तब मैंने सहगल फाउंडेशन के साथ मिलकर विद्यालय के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू किया इससे संबंधित चित्रकारी, पूरे विद्यालय का रंगरोगन, पीने के पानी की टंकी, विद्यालय मे चौक निर्माण, विद्यालय के चारो और पेड़ पौधे लगाना. मैन गेट,वाटर हार्वेस्टिंग,सुविचार इम्पोर्टेन्ट फोन नंबर आदि कार्य मेरे द्वारा करवाए गये। आज विद्यालय अपने एक अलग ही स्वरूप मे नजर आता है। विद्यालय को एक सेल्फी पॉइंट का दर्जा मिला। सभी ग्रामीणों ने, विद्यालय स्टॉफ ने, आसपास के गावों के लोगों ने जब इस विद्यालय को देखा तो सभी ने मेरे द्वारा की गयी इस कठोर मेहनत, संघर्ष को खूब सराहा। इसके अलावा मेरे द्वारा बच्चों को बहुत ही रचनात्मक तरीके से पढ़ाया जाता है जो बच्चों को एक बार मे समझ आ जाता है। बच्चे भी बहुत मन लगा कर पढ़ाई करते है। हमेशा विद्यालय का परीक्षा परिणाम शत प्रतिशत रहा है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें