सुरों के संग, संस्कृति के रंग" – एक भव्य लोक संगीत महोत्सव

 सुरों के संग, संस्कृति के रंग" – एक भव्य लोक संगीत महोत्सव



उदयपुर जनतंत्र की आवाज। राजस्थान – "सुरों के संग, संस्कृति के रंग" – एक भव्य लोक संगीत महोत्सव

इस संस्था के  संस्थापक मुकेश माधवाणी हे जिन्होंने उदयपुर वासियों को ये खूबसूरत मंच प्रदान किया हे 


कार्यक्रम संयोजिका डॉ  अनिता सिंगी के अनुसार ...


 –संगीत की स्वर लहरियों में संस्कृति के रंग घोलते हुए, सुरों की मंडली द्वारा "सुरों के संग, संस्कृति के रंग" नामक एक भव्य लोक संगीत महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस सांस्कृतिक संध्या का नेतृत्व डॉ.अनिता सिंगी  कर रही हैं, वो चाहती हे लोक संगीत की विरासत को एक नई ऊंचाई दी जाए और उसकी मिठास हर संगीत प्रेमी के हृदय तक पहुंचे।


यह कार्यक्रम लोक संगीत की समृद्ध धरोहर को संजोने और उसे नई पीढ़ी तक पहुंचाने का एक अनुपम प्रयास है, जहां भारत की तीन प्रमुख सांस्कृतिक धाराओं – राजस्थानी, पंजाबी 

,मालवा और बंगाली लोक संगीत की रंगारंग प्रस्तुतियां होंगी।

📅 तारीख: 30 मार्च 2025

⏰ समय: शाम 2:00 बजे 

डॉ.अनिता सिंगी  के अनुसार इस कार्यक्रम में  लोक संगीत की जादुई प्रस्तुति: राजस्थानी, पंजाबी और बंगाली लोकगीतों की मनमोहक झलक और पारंपरिक वेशभूषा  और  लोक संगीत का जादुई संगम  देखने को मिलेगी।"संस्कृति की विविधता और लोक संगीत की मिठास" को एक मंच पर प्रस्तुत करने का यह प्रयास, लोक गीतों के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है।

 यह आयोजन केवल एक संगीत कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक संस्कृति संगम होगा, जहां भारत की विभिन्न लोक धुनें एक साथ गूंजेंगी। लोक गीतों के माध्यम से हम अपनी जड़ों को और मजबूत करेंगे, जहां धुनें सिर्फ मनोरंजन नहीं बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर की पहचान बनेंगी। यह भव्य आयोजन डॉ.अनिता सिंगी और  सुरों की मंडली टीम के अथक प्रयासों का परिणाम है, जिन्होंने इस महोत्सव को हर संगीत प्रेमी के लिए एक यादगार अनुभव बनाने का संकल्प लिया है। इस अद्भुत संगीतमय यात्रा का हिस्सा बनें और सुरों की इस अनमोल धरोहर का आनंद लें।

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