पीएमएफएमई में खाद्य प्रसंस्करण यूनिट पर 35 प्रतिशत की सब्सिडी, अधिकाधिक किसानों को लाभान्वित करें :कलक्टर

 पीएमएफएमई में खाद्य प्रसंस्करण यूनिट पर 35 प्रतिशत की सब्सिडी, अधिकाधिक किसानों को लाभान्वित करें :कलक्टर



प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग उन्नयन योजना की समीक्षा बैठक आयोजित


राजसमंद / पुष्पा सोनी


राजसमंद में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) की समीक्षा बैठक आयोजित हुई, जिसमें जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा ने विभिन्न हितधारकों के साथ योजना के प्रभावी क्रियान्वयन पर चर्चा की। उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण यूनिट स्थापित करने पर 35 प्रतिशत (अधिकतम 10 लाख रुपये) की सब्सिडी का लाभ अधिकाधिक किसानों और उद्यमियों तक पहुंचाने पर जोर दिया। बैठक में बैंकों द्वारा प्राप्त आवेदनों की समीक्षा की गई, जहां कलक्टर ने लंबित आवेदनों का शीघ्र निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ताकि पात्र लाभार्थी समय पर ऋण प्राप्त कर सकें।  


कलक्टर असावा ने कृषि, उद्यानिकी, जिला उद्योग केंद्र और राजीविका को निर्देश दिया कि वे किसानों और महिला उद्यमियों को प्रसंस्करण यूनिट स्थापित करने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने टमाटर कैचअप, स्ट्रॉबेरी जूस, एलोवेरा जूस, पॉपकॉर्न, आंवला प्रोसेसिंग और डिहाइड्रेशन यूनिट जैसे संभावित उत्पादों पर विचार करने का सुझाव दिया। साथ ही, महिला स्वयं सहायता समूहों को खाद्य प्रसंस्करण व्यवसाय में सक्षम बनाने और आर्थिक सहयोग प्रदान करने के लिए राजीविका को विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए।  


बैंकों की भूमिका पर विशेष जोर देते हुए कलक्टर ने सभी प्रतिनिधियों से कहा कि वे पीएमएफएमई योजना के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों को समय पर स्वीकृत करें और बिना ठोस कारण पेंडिंग न रखें। लंबित आवेदनों का एक सप्ताह के भीतर निस्तारण करने के आदेश दिए गए, साथ ही विभागवार एवं जिला रिसोर्स पर्सन के अनुसार लक्ष्य निर्धारित कर फरवरी माह के अंत तक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।  


योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार और प्रभावी क्रियान्वयन के लिए स्थानीय स्तर पर मक्का, आंवला, सीताफल और स्ट्रॉबेरी जैसे कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण को बढ़ावा देने की बात कही गई। महिला उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के साथ ही अंतरविभागीय समन्वय पर बल दिया गया। बैठक में लीड बैंक प्रबंधक, कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक, जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक, सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक, उद्यानिकी उपनिदेशक, सहकारिता उप रजिस्ट्रार, राजीविका प्रतिनिधि, बैंकर्स और जिला रिसोर्स पर्सन सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।  


बैठक में राजसमंद कृषि मंडी सचिव मोहित रावल ने योजना की विस्तृत जानकारी दी और बताया कि इच्छुक व्यक्ति अचार, पापड़, बिस्कुट, जैम-जेली, जूस, नमकीन, आइसक्रीम, मसाले, शहद, चना भुना, ड्राई फ्रूट प्रोसेसिंग, पास्ता, मैक्रोनी सहित अन्य खाद्य प्रसंस्करण यूनिट स्थापित कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए इच्छुक व्यक्ति कृषि मंडी सचिव या राज्य स्तरीय हेल्पलाइन से संपर्क कर सकते हैं।

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