राष्ट्रीय बालिका दिवस पर विधिक सेवा जागरूकता शिविर का आयोजन
राष्ट्रीय बालिका दिवस पर विधिक सेवा जागरूकता शिविर का आयोजन
भीम, राजसमंद / पुष्पा सोनी
राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय, नन्दावट, भीम में एक विधिक सेवा जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राजसमंद और तालुका विधिक सेवा समिति, भीम के संयुक्त प्रयास से आयोजित हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माननीय सचिव, श्री संतोष अग्रवाल (अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश), ने की। इस अवसर पर विद्यालय का पूरा स्टाफ और 150 से अधिक बालिकाएं उपस्थित रहीं।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं को उनके अधिकारों और महिला सशक्तिकरण के प्रति जागरूक करना था। शिविर के दौरान श्री अग्रवाल ने "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" के संदेश के साथ बालिका शिक्षा के महत्व और समाज में महिलाओं की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने महिलाओं और बालिकाओं के लिए बनाए गए विभिन्न कानूनों और योजनाओं, जैसे पॉक्सो एक्ट, किशोर न्याय अधिनियम, निःशुल्क विधिक सहायता, और राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। श्री अग्रवाल ने बताया कि 24 जनवरी का दिन ऐतिहासिक है क्योंकि इस दिन भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री, श्रीमती इंदिरा गांधी, ने शपथ ली थी। उन्होंने इसे महिलाओं के सशक्तिकरण का प्रतीक बताते हुए बालिकाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक और आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया।
शिविर के दौरान उपस्थित पैरा लीगल वॉलंटियर पुष्पा सोनी ने भी बालिकाओं के साथ सक्रिय संवाद किया और उन्हें उनकी सुरक्षा, समानता, और महिला सशक्तिकरण के महत्व के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बालिकाओं को साइबर क्राइम से बचाव, गुड टच-बेड टच की पहचान, और हेल्पलाइन नंबरों का सही उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय बालिका दिवस के महत्व को रेखांकित करते हुए बेटियों को समाज में समान अवसर और सम्मान प्रदान करने का संदेश दिया गया।
इस जागरूकता शिविर ने बालिकाओं के अधिकारों के प्रति उनकी समझ बढ़ाने और समाज में लैंगिक समानता की दिशा में सकारात्मक योगदान देने का काम किया। शिविर के अंत में बालिकाओं ने अपने अधिकारों को समझने और आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लिया। यह कार्यक्रम न केवल बालिकाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ, बल्कि समाज को बेटियों के महत्व और उनकी क्षमताओं को समझने के लिए प्रेरित भी किया।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें