राजस्थान में शरीरिक शिक्षकों की पदोंनति में लगा ग्रहण
राजस्थान में शरीरिक शिक्षकों की पदोंनति में लगा ग्रहण
--कैलाश चंद्र कौशिक
जयपुर! बीकानेर से माध्यमिक शिक्षा विभाग में हाल ही आर.पी.एस.सी.से डी.पी. सी. होने की खुशी में विभाग के पुराने वरिष्ठ शरीरिक शिक्षक अपनी व्यख्यता में पदोंनति तलाश रहे थे, कि भजन लाल सरकार को कोस रहे हैं। भैया पैसे की क्षीर है! और अपने को सांत्वना देते हुए भी कह रहे हैं कि हमें तो 27 वर्ष वाला लाभ मिल गया! कोई बात नहीं, लेकिन मुद्दा पहले से पद नाम के प्रकरण से सुलझा कि अब यूनियन के अंर्गल विवाद में डाल दिया है! जिनके सेवा काल 25 वर्ष पर रहे हैं, सभी नाराज हैं, उन्हें कोई लाभ नहीं मिला ? यह किसी की डी. पी.सी. जिनकी पहले पदोंनती हुई, उन्हीं 27 पदोंन्नत की दुबारा पदोंन्नाति पर एम.पी.एड.लागू नहीं हुआ,क्यों ?
क्या उन पर उच्च शिक्षा का नियम लागू नहीं होगा?? सदैव की भाँति, नई भर्ती तो नहीं थी जो, पी.एच.डी.एम.पी.एड.शिक्षक चाहिए?? व्याख्याता के लिए अनुभव भी अहमियत रखता है!
नियमित रूप से डी.पी.सी.क्यों रोकी गई?? क्या शिक्षा विभाग, शासन और मंत्रालय संज्ञान लेंगे?? यह कॉलेज नहीं, स्कूल शिक्षा है। साथ ही नई पात्रता सूची जारी की जावे! राज्य वरिष्ठता सूची से मृतक, पूर्व पदोंनत को अलग अलग दर्शित कर हटाया जावे! सभी शिक्षकों ने पारदर्शी कार्य किया जाने की मंशा व्यक्त की है!
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