गुड्डी देवी की तीनों बेटियों को मिलेगा पालनहार योजना का लाभ जिला कलक्टर की संवेदनशीलता से मिली राहत, सफाई अभियान के दौरान महिला श्रमिक गुड्डी ने कलक्टर को बताई थी अपनी पीड़ा
गुड्डी देवी की तीनों बेटियों को मिलेगा पालनहार योजना का लाभ
जिला कलक्टर की संवेदनशीलता से मिली राहत, सफाई अभियान के दौरान महिला श्रमिक गुड्डी ने कलक्टर को बताई थी अपनी पीड़ा
जिला कलक्टर के निर्देश पर वेरिफिकेशन में आ रही अड़चनें हुई दूर, आर्थिक सहायता से गुड्डी को मिलेगी राहत
सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं में प्रतिबद्धता से पात्र व्यक्तियों को लाभान्वित कर रहे हैं जिला कलक्टर
फोटो संलग्न
राजसमंद, 12 नवंबर। जिला कलक्टर की संवेदनशीलता से महिला श्रमिक श्रीमती गुड्डी देवी की तीनों बेटियों को अब पालनहार योजना के तहत आर्थिक सहायता प्राप्त होगी। हुआ यूं कि जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा ने शनिवार को राजसमंद झील स्थित इरिगेशन पाल पर विशेष स्वच्छता अभियान आयोजित किया था जिसमें एनसीसी, स्काउट, नगर परिषद, पीडब्ल्यूडी सहित विभिन्न संस्थाओं ने भाग लिया था।
जिला कलक्टर इस अभियान का निरीक्षण कर रहे थे, तभी कुछ सफाईकर्मी श्रमिक महिलाओं के साथ रुककर पाल की सीढ़ियों पर बैठ वे चाय पीते हुए उनकी समस्याओं पर चर्चा करने लगे। इस बीच एक महिला श्रमिक श्रीमती गुड्डी देवी पति श्री ईश्वरलाल निवासी आसोटिया राजसमंद ने जिला कलेक्टर असावा को बताया कि वह एक विधवा महिला है और विधवा पेंशन भी प्राप्त कर रही है, उसकी तीन बेटियां हैं, लेकिन वेरिफिकेशन में आ रही समस्या से अब तक उसकी बच्चियों को पालनहार योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस पर जिला कलक्टर ने मौके पर मौजूद नगर परिषद आयुक्त दुर्गेश रावल को हाथों-हाथ निर्देश प्रदान किए कि इस महिला श्रमिक की तीनों बच्चियों का पालनहार वेरिफिकेशन संबंधी समस्या दूर कर राहत दें ताकि इसे लाभ मिल सके।
नगर परिषद आयुक्त ने भी फॉलो अप करते हुए महिला के तीनों बेटियों का वेरिफिकेशन संबंधी समस्याएं दूर करते हुए कार्य पूर्ण कराया और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग से समन्वय स्थापित किया। अब इस महिला श्रमिक के तीनों बेटियों को पालनहार योजना के तहत आर्थिक सहायता प्रति माह प्राप्त होगी। योजना में पात्रता अनुसार दो 6 वर्ष से अधिक उम्र की दो बेटियों को प्रतिमाह 1500 रुपए एवं 6 वर्ष से छोटी एक बेटी को 750 रुपए की सहायता प्राप्त होगी। इसी के साथ जिला कलक्टर ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक जय प्रकाश चारण को निर्देश दिए हैं किस जिले में एक भी पात्र अनाथ या अन्य श्रेणी का बच्चा पालनहार योजना से वंचित नहीं रहना चाहिए हमें हर एक पत्र बच्चों को लाभान्वित करना है।
उल्लेखनीय है कि पालनहार योजना के तहत अनाथ बच्चों के पालन-पोषण, शिक्षा आदि की व्यवस्था संस्थागत नहीं की जाकर समाज के भीतर ही बालक-बालिकाओं के निकटतम रिश्तेदार या परिचित व्यक्ति के परिवार में करने के लिए इच्छुक व्यक्ति को पालनहार बनाकर राज्य की ओर से पारिवारिक माहौल में शिक्षा, भोजन, वस्त्र एवं अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। योजना के तहत अनाथ बच्चे, न्यायिक प्रक्रिया से मृत्यु दण्ड, आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता की संतान, निराश्रित पेंशन की पात्र विधवा माता की अधिकतम तीन संताने, नाता जाने वाली माता की अधिकतम तीन संताने, पुनर्विवाहित विधवा माता की संतान, एड्स पीड़ित माता-पिता की संतान, कुष्ठ रोग से पीडित माताध्यिता की संतान, विकलांग माता-पिता की संतान, तलाकशुदा या परित्यक्ता महिला के बच्चे, सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति की संतान पात्र हैं।
अनाथ बच्चों की श्रेणी में 6 वर्ष तक के बच्चों को 1500 रुपए प्रतिमाह, 6 से 18 वर्ष तक के बच्चों को 2500 रुपए प्रतिमाह लाभ लाभ मिल रहा है। ऐसे ही अन्य श्रेणी के बच्चों को 6 वर्ष तक 750 रुपए, 6 से 18 वर्ष तक के बच्चों को 1500 रुपए प्रतिमाह लाभ
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