अपाहिज बचपन' ने सोचने पर किया विवश भाव विभोर हुए दर्शक

 'अपाहिज बचपन' ने सोचने पर किया विवश भाव विभोर हुए दर्शक 




उदयपुर। सामाजिक मुद्दों पर अपनी मजबूत पकड़ और संवेदनशील दृष्टिकोण के लिए प्रसिद्ध टीम संस्था ने 'अपाहिज बचपन' नामक नाटक का भव्य मंचन किया। यह नाटक समाज में बच्चों के अधिकारों की अनदेखी, उनकी तकलीफों और शिक्षा तथा स्वास्थ्य जैसे मूलभूत मुद्दों को उजागर करता है। समाज में बच्चों के अधिकारों और उनकी चुनौतियों को लेकर जागरूकता फैलाने हेतु  इस नाटक में बच्चों की पीड़ा, उनकी समस्याएं और समाज द्वारा उपेक्षित मुद्दों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया।

'अपाहिज बचपन' की कहानी उन मासूम बच्चों के इर्द-गिर्द घूमती है, जिनका बचपन गरीबी, बाल श्रम, शिक्षा की कमी और सामाजिक असमानता के कारण बर्बाद हो जाता है।  

नाटक ने भावनात्मक दृश्यों और सशक्त संवादों के माध्यम से दर्शकों के मन को झकझोर दिया।

नाटक में संगीत संचालन जितेश घावरी, मंच सज्जा रामेश्वर गौड़, वेशभूषा शैलेन्द्र शर्मा के रही 

नाटक का निर्देशन व लेखन सुनील टांक के द्वारा किया गया, जो भारतीय थिएटर के जाने-माने निर्देशक हैं।जिन्होंने संवेदनशील विषय को गहराई से उभारते हुए दर्शकों के दिलों को छू लिया कलाकारों ने अपने अद्भुत अभिनय से नाटक को जीवंत बना दिया। मंच पर प्रस्तुत हर दृश्य ने दर्शकों को सोचने पर मजबूर किया। 

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों के प्रति समाज की संवेदनहीनता को समाप्त करना और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए जागरूकता फैलाना था। टीम संस्था के अध्यक्ष अशोक शर्मा ने बताया कि इस नाटक के जरिए यह संदेश दिया गया कि हर बच्चे को शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षित बचपन का अधिकार है।

इस अवसर पर मौजूद प्रमुख अतिथियों ने नाटक की सराहना की और समाज को ऐसे मुद्दों पर गंभीरता से विचार करने की अपील की।

गौरतलब है कि टीम संस्था पिछले 54 वर्षों से कला, साहित्य, संस्कृति व नाट्यक्रम से समाज के कमजोर वर्गों के लिए काम कर रही है। यह नाटक भी उसी प्रयास का हिस्सा था, जिसके माध्यम से समाज में बच्चों के लिए एक सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश की जा रही है।

कार्यक्रम के अंत में दर्शकों ने खड़े होकर कलाकारों और टीम संस्था के इस प्रयास की सराहना की।

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