पशु पालन विभाग के सिर फिरे आहरण वितरण अधिकारीयों ने शासन सचिवों और निदेशकों को धत्ता बताया
पशु पालन विभाग के सिर फिरे आहरण वितरण अधिकारीयों ने शासन सचिवों और निदेशकों को धत्ता बताया-- कैलाश चंद्र कौशिक
जयपुर! राजस्थान पशु पालन विभाग में तत्कालीन कार्यालय के जिला पशु पालन अधिकारी क्रमश:निर्मल सिंह और अजय कुमार,सवाई माधोपुर ने हमेशा निदेशकों को मेरे जैसे के लिए बरगलाया, डी.डी.ओ.ने कभी प्रकरण निस्तारण का मानस नहीं बनाया। यंहा तक कि
प्रस्तुत अवकाश वेतन, नियमानुसार यात्रा भत्ता, बोनस बिल के भुगतान नहीं किये जाकर लीव बैलेंस, आकस्मिक अवकाश बैलेंस,एल.पी.सी. कभी समय पर नहीं भेजी गई ? सभी रिकॉर्ड खराब शनै:शनै:कर, सही को लोपित कर बनाया! कोई भी सेवा प्रकरण निस्तारण नहीं किया जाकर, हमेशा प्रकरण निस्तारण के आदेश करने वाले सचिवों, निदेशकों के सेवा निवृत्ति का इंतजार करते हुए,उपरांत सेवा निष्कासित कार्यवाही को अंजाम दिया गया! लेकिन उनके विरुद्ध कार्यवाही तक नहीं की गई!डा.मघेन्द्र पाल ने सत्यता को स्वीकार कर ,नकारा जाना हेरा फेरी कन्फर्म क्रमांक 2 / 2 , जनवरी, 1998 से है। पशु पालकों ने ड्यूटी पर कार्य और उपस्थिति स्वीकार की है, सरकारी कर्मचारिओं ने स्वीकार किया है पूर्व कर्मी/भुक्त भोगी पत्रकार को उपस्थिति पंजिका में जानबूझ कर हाजिरी नहीं करने देना अपराधिक कृत्य वी.ए.कर्मी का है!
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