राजस्थान हाईकोर्ट की फिर पहल कर्तव्य विमुख सर्विस कैसेस की पेंडेंसी--

 राजस्थान हाईकोर्ट की फिर पहल कर्तव्य विमुख सर्विस कैसेस की पेंडेंसी--


कैलाश चंद्र कौशिक

राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश अनूप कुमार डंड ने प्रदेश की नदियों, झीलों और जल स्त्रोतों को अवैध निर्माण व अतिक्रमणों से बचाने तथा संरक्षण के लिए *अपने विवेक से प्रसंज्ञान* लिया है। अभी ढड को सर्विस कैसेस की एकल पीठ में मुख्यन्यायाधीश ने लगाया हुआ है!अपनी बेंच के कार्य और कैसेस को छोड़ कर अन्य कार्य स्वेच्छा से डंड ने राजस्थान पत्रिका अखबार में 18 अक्टूबर को प्रकाशित एक खबर को आधार बनाया है। न्यायाधीश डंड ने 24 अक्टूबर को राज्य सरकार के अधिकांश विभागों और केंद्र सरकार के जल शक्ति तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को नोटिस जारी किए हैं। इसके लिए हाईकोर्ट के वकील शैलेश प्रकाश शर्मा, सिद्धार्थ बाफना, आयुष सिंह, राजेंद्र प्रसाद, आरडी रस्तोगी को न्याय मित्र बनाया है । न्यायाधीश दंड ने नदियों के मार्ग, झीलों के खाली स्थान और जल स्त्रोतों की भूमि पर अतिक्रमणकारी प्रभावशाली हैं, इसलिए पक्के निर्माण हो गए।अजमेर शहर के बीच मेंआनासागर झील है। 23 अक्टूबर को अजमेर विकास प्राधिकरण ने बड़ी कार्यवाही करते हुए आनासागर झील के अंदर भराव क्षेत्र में बने 39 दुकानों, होटल, रेस्टोरेंट, समारोह स्थल आदि को सीज कर दिया।  अतिक्रमणकारियों का कहना है कि हाईकोर्ट के स्टे आदेश होने के बाद भी सीज की कार्यवाही की गई है। अब हाईकोर्ट के न्यायाधीश अनूप कुमार डंड ने आनासागर जैसी झीलों का प्रकरण , सर्विस एकल बेंच का कार्य अधूरा छोड़ कर अन्य कार्य हड़प लिए हैं!इसे मनमानी नहीं तो क्या मुख्य न्यायाधीश की कमजोरी या मौन स्वीकृति है !ऐसी बेंचों से न्याय की उम्मीद बेईमानी होगी! महा महिम राष्ट्रपति महोदया कालॉजिअस जज के स्थान पर राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय जुडिशियल सेवा प्रतियोगिता की पक्ष धर हैं! मुख्य न्यायाधीश सर्विस बेंच किसी अन्य को देंगे और पेंडेंसी क्लीयर सुप्रीम कोर्ट की पालना में क्लीयर कराएंगे!

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