जो अपनी भाषा का नही हुआ वो किसी का नही हो सकता - कवि संगम त्रिपाठी

 जो अपनी भाषा का नही हुआ वो किसी का नही हो सकता - कवि संगम त्रिपाठी



            प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के संस्थापक कवि संगम त्रिपाठी ने कहा कि जो अपनी भाषा का नही हुआ वो किसी का नही हो सकता। आज भी हम अपनी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु लालायित हैं यह बहुत ही चिंतन का विषय है। राष्ट्रभाषा देश की पहचान होती है और हम आज तक अपनी पहचान बनाने में विफल रहे यह विडंबना ही है। 

           कवि संगम त्रिपाठी ने आव्हान किया कि राष्ट्रभाषा बनाने हेतु शीघ्र कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। आज जिस तेजी से अंग्रेजी शिक्षा का प्रभाव हमारे देश में फल फूल रहा है वह अच्छे संकेत नहीं है। किसी भी भाषा में शिक्षा ग्रहण करना कोई ग़लत नहीं है लेकिन जिस प्रकार से हमारे समाज में अंग्रेजी के प्रति मोह बढ़ रहा है वह ठीक नहीं है। 

          अपनी भाषा के प्रति राजनैतिक शिथिलता भी चिंतित करने वाला है। आज समय आ गया है कि हम अपनी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाएं और उसके प्रचार प्रसार व शिक्षा हेतु कार्य निष्पादित करते हुए जन - जन की भागीदारी सुनिश्चित करें।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पुलिस पाटन द्वारा हथियार की नोक पर वाहन लूट करवाने वाला अंतर्राज्यीय गैंग का सरगना गिरफ्तार

अतिरिक्त जिला कलेक्टर नीमकाथाना भागीरथ साख के औचक निरीक्षण में कर्मचारी नदारद पाए गए* *सीसीए नियमों के तहत होगी कार्रवाई*

आमेर तहसीलदार ने बिलोंची गाँव की खसरा न, 401 से लेकर खसरा न, 587 तक की जमीन की , जमाबंदी के खातेदार 12 व्यक्तियों में से चार व्यक्तियों के नाम मिली भगत कर , सुविधा शुल्क वसूलकर नियम विरूद्ध तकासनामा खोल दिया गया आठ खातेदारों का विरोध तकासनामा निरस्त करने की मांग