स्वास्थ्य विभाग के संरक्षण में फल फूल रहा झोलाछाप डॉक्टरों का गोरख धंधा फॉक्स नवागत सीएमओ के लिए चुनौती बने झोलाछाप डॉक्टर
स्वास्थ्य विभाग के संरक्षण में फल फूल रहा झोलाछाप डॉक्टरों का गोरख धंधा
फॉक्स नवागत सीएमओ के लिए चुनौती बने झोलाछाप डॉक्टर
सुभाष तिवारी लखनऊ
बिजनौर
बिजनौर जिले में लगातार झोलाछाप डॉक्टरो की वृद्धि होती जा रही है आए दिन गली मोहल्ले में डॉक्टरों की दुकान खुलती जा रही है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग इस और कोई ध्यान देने को तैयार नहीं है। जहां झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से आए दिन कहीं ना कहीं किसी न किसी की जान चली जाती है। लेकिन फिर भी स्वास्थ्य विभाग अपना चुप्पी सादे हुए हैं। शहर से लेकर गांव गली मोहल्ले में झोलाछाप डॉक्टरों की बाढ़ आ गई है। यह झोलाछाप डॉक्टर एक दो महीना किसी के पास काम करके अपने आप को डिग्री धारक समझते हैं। और लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करते नजर आते हैं यह झोलाछाप डॉक्टर इंजेक्शन से लेकर बोतल तक लगाकर मरीजो से वसूली करते नजर आते हैं। इतना ही नहीं अपने अस्पताल पर बड़ी-बड़ी डिग्रियां लिखवा कर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। जबकि उन डिग्री धारक अस्पतालों में ना ही कोई डिग्री धारक डॉक्टर बैठता है। और ना ही डिग्री धारक के द्वारा कोई कार्य किया जाता है। छोटा ऑपरेशन से लेकर बड़े ऑपरेशन तक यह झोलाछाप डॉक्टर कर देते हैं। और जब किसी मरीज की हालत चिंताजनक होती है तो उस मरीज को बिजनौर या मेरठ के लिए रेफर कर देते हैं जिस रास्ते में या अस्पताल जाते वक्त मरीज की मृत्यु हो जाती है। झोलाछाप डॉक्टरो की लगातार वृद्धि होने से आमजन भी परेशान है। जब किसी झोलाछाप डॉक्टर या किसी अस्पताल पर किसी मरीज की मृत्यु हो जाती है। जब जाकर स्वास्थ्य विभाग की नींद खुलती है और उस झोलाछाप डॉक्टर या अस्पताल को सील लगाकर करवाई की जाती है। या मरीज की मृत्यु होने के बाद मरीज के परिजनों से सेटिंग कर अपने क्लीनिक को पूर्व की भांति चला लेते हैं लेकिन स्वास्थ्य इस और कोई ध्यान देने को तैयार नहीं है। बिजनौर जिले में धडेले से आयुर्वेदिक और सीएमएस ईडी के रजिस्ट्रेशन पर एलोपैथिक दवाइयां व इंजेक्शन, बोतलों का इस्तेमाल किया जा रहा है और मरीजों की जिंदगी किया जा रहा है।
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बिजनौर जिले व तहसील नगीना के कई ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में सीएमएस इडी व आयुर्वेदिक के रजिस्ट्रेशन पर अंग्रेजी दवाइयां एवं इंजेक्शन व बोतलों का धडेले से इस्तेमाल किया जा रहा है। जो आए दिन किसी न किसी की मौत का कारण बन रहा है।
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