शिक्षक अपने विद्यार्थियों के जीवन को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
यह जानकारी "जनतंत्र की आवाज" पत्रकार श्रीमान विनोद शर्मा को दी।शिक्षक अपने विद्यार्थियों के जीवन को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
शैक्षणिक ज्ञान प्रदान करने के अलावा, वे मार्गदर्शक और रोल मॉडल के रूप में भी काम करते हैं। एक शिक्षक का विद्यार्थी जीवन पर कई पहलू होते हैं और यह उनके विकास के कई अलग-अलग हिस्सों को प्रभावित करता है। शिक्षक की भूमिका प्रोत्साहित करना, पोषण करना और चुनौती देना है, जबकि छात्र स्वयं अपनी शिक्षा का नेतृत्व करते हैं। इसका मतलब यह है कि शिक्षक कक्षा के समय छात्रों के साथ मिलकर काम करता है और प्रत्येक शिक्षार्थी को उनकी जरूरत के अनुसार सहायता प्रदान करता है। एक शिक्षक एक प्राथमिक व्यक्ति होता है जो बच्चे को शिक्षा और ज्ञान प्रदान करेगा। माता-पिता के अलावा, वे अपने पूरे जीवन में ज्ञान सिखाकर सबसे अच्छा मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। वे नैतिक समर्थन प्रदान करते हैं और बच्चों को अंतहीन रूप से सलाह देते हैं। वे छात्रों को सीखने में आसान बनाने में मदद करने, मार्गदर्शन करने और एक अनुकूल वातावरण प्रदान करके सीखने की सुविधा प्रदान करना है। शिक्षक ज्ञान और जानकारी देता है, छात्रों के स्तर को बहुत स्पष्ट और सरल तरीके से उपयुक्त करता है ताकि वे नई जानकारी को सीख सकें और अवधारणा को बना सकें। शिक्षक बालकों का मित्र तथा सहयोगी होने के कारण मार्गदर्शक के रूप में भूमिका अदा करता है। साथ ही विद्यार्थियों में मूल्यों का विकास तथा राष्ट्रीय एकता के विकास में भी भूमिका निभाता है। अतः प्राचीन समय की तुलना में आधुनिक शिक्षा पद्धति में शिक्षक बालकों के अधिक नजदीक है। वे ज्ञान को प्रदान करते है, आलोचनात्मक सोच कौशल को बढ़ावा देते हैं, छात्रों और अभिभावकों को प्रेरित करते हैं, रोल मॉडल के रूप में काम करते हैं और बच्चों के समग्र विकास में भूमिका निभाते हैं। शिक्षक शांति के प्रवर्तक, सपनों को साकार करने के लिए प्रेरक और समुदायों के निर्माता भी होते हैं, जिससे समाज पर सकारात्मक प्रकाश प्रभाव पड़ता है। एक शिक्षक की जिम्मेदारी बहुत अधिक होती है। क्योंकि उसे ना केवल बच्चों का बौद्धिक, नैतिक, मनोवैज्ञानिक, शारीरिक विकास करना है अपितु सामाजिक चारित्रिक एवं सांवेगिक विकास करना भी आज शिक्षक का ही कर्तव्य है। आदर्श शिक्षक का कार्य बहुत ही महत्वपूर्ण है। एक बात और कि जिस प्रकार शिक्षा एक अंतहीन प्रक्रिया है। छात्रों को परीक्षा उत्तीर्ण करने में सहायता करना। छात्रों का सर्वांगीण विकास करना। छात्रों के व्यवहार में कुशलता लाना। शिक्षकों की भूमिका न केवल विद्यार्थियों को पढ़ने में होती है, बल्कि उन्हें विद्यार्थियों के भीतर उत्पन्न होने वाली समस्याओं का सामना करना भी पड़ता है। शिक्षकों को अपने विद्यार्थियों के साथ सक्रिय रूप से संवाद करना चाहिए ताकि वे उन्हें सही सलाह दे सके। एक शिक्षक अपनी कक्षा में अधिगम के लिए उत्साह को उत्पन्न करता है। एक शिक्षक स्वीकृत, देखभाल, सुरक्षित होने की भावना आदि के माहौल के माध्यम से एक सकारात्मक कक्षा अधिगम का माहौल बनता है। एक शिक्षक अपने विद्यार्थियों को महत्व देता है और उनकी राय को स्वीकार करता है। शिक्षक ही वे लोग हैं जो विद्यार्थियों को सभी क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते हैं और उनके जीवन के उद्देश्य को प्राप्त करने में उनकी सहायता करते हैं। अपने शिक्षकों के मार्गदर्शन के परिणाम स्वरुप विद्यार्थी सही और गलत के बीच अंतर करना सिखते हैं। वे न केवल बच्चों में सर्वश्रेष्ठ लाते हैं, बल्कि उन्हें करुणा, संगठन, संचार और प्रस्तुति जैसे महत्वपूर्ण जीवन कौशल भी सिखाते हैं। शिक्षक वे होते हैं जो विद्यार्थियों को सभी क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते हैं और उनके जीवन के उद्देश्यों को प्राप्त करने में उनकी सहायता करते हैं। शिक्षक छात्रों को में उत्साह जागते हैं और उन्हें रचनात्मक कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं। पाठ्य पुस्तक के अलावा, शिक्षक छात्रों को अपने अनुभव से प्राप्त ज्ञान भी सिखाते हैं और जीवन की जटिलताओं में उनका मार्गदर्शन करने के लिए प्रेरित रहते हैं। शिक्षक रचनात्मक कक्षा का माहौल बनाकर, छात्रों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करके, सभी छात्रों से उच्च अपेक्षाएं रखकर और प्रत्येक छात्र की सफलता को अधिकतम करके छात्रों के साथ सकारात्मक संबंध बनाते हैं। शिक्षकों और छात्रों के बीच सकारात्मक संबंध छात्रों की शिक्षा के प्रति ग्रहणशीलता को बढ़ाते हैं। कक्षा में छात्र-शिक्षक संबंध शिक्षक और छात्र के बीच एक सकारात्मक संबंध है, जो एक दूसरे से विश्वास और सम्मान प्राप्त करने के प्रयासो में होता है। इस संबंध में अपने छात्रों को बेहतर तरीके से जानना, विकल्प प्रदान करना और छात्रों को हर दिन बेहतर शिक्षार्थी बनने बनने के लिए प्रोत्साहित करना शामिल हो सकता है। मजबूत रिश्ते छात्रों की संलग्नता, जुड़ाव और अंततः सीखने के लिए एक आधार प्रदान करते हैं। छात्रों के अपने शिक्षकों के साथ जितने उच्च गुणवत्ता वाले रिश्ते होंगे, स्कूल में उनकी सलंग्नता उतनी ही बेहतर होगी। मौटे तौर पर कहे तो शिक्षक का कार्य छात्रों को ज्ञान प्रदान करके उन्हें सीखने में मदद करना और ऐसा माहौल तैयार करना जिसमें छात्र प्रभावी ढंग से सीख सकें और सीखेंगे। लेकिन शिक्षक कई जटिल भूमिकाएं निभाते हैं, जो एक समाज से दूसरे समाज और एक शैक्षिक स्तर से दूसरे शैक्षिक स्तर पर अलग-अलग होती हैं। एक शिक्षक ही बच्चों को अपनी ज्ञान रूपी गंगा में स्नान करा कर अच्छा नागरिक बनाने की दिशा में प्रयास करता है। शिक्षक की बालकों की योग्यता, क्षमता, रुचि, अभिरुचि आदि के अनुसार शिक्षा प्रदान करता है। वह छात्रों को ज्ञान व क्रिया का अधिगम करने के लिए उचित वातावरण की तैयारी करता है। शीश राम यादव (अध्यापक) राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, महावा (नीमकाथाना)
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