। विद्यार्थी जीवन का चरण हमारे जीवन की नींव रखता है।
यह जानकारी "जनतंत्र की आवाज" पत्रकार श्रीमान विनोद शर्मा को दी।विद्यार्थी जीवन किसी भी व्यक्ति के जीवन का सबसे यादगार चरण होता है। विद्यार्थी जीवन का चरण हमारे जीवन की नींव रखता है।
विद्यार्थी जीवन में हम सिर्फ किताबों से नहीं सीखते। हम भावनात्मक, शारीरिक, दार्शनिक और सामाजिक रूप से विकसित होना सीखते हैं। विद्यार्थी जीवन हमें मानवीय गुणों को अपनाने में मदद करता है। विद्यार्थी जीवन का मूल उद्देश्य विद्या अध्ययन की प्रति समर्पण, लक्ष्य के प्रति कृत संकल्प होना। विद्यार्थी का समाज व राष्ट्र के प्रति भी दायित्व बनता है। उसे अपने देश व समाज को उन्नत बनाने में यथा संभव योगदान करना चाहिए। परिवेश को स्वच्छ रखने में मदद करें तथा अपने अन्य सहपाठियों को भी विद्यालय की स्वच्छता बनाए रखने के लिए प्रेरित करें। विद्यार्थी जीवन में शिक्षा का विशेष महत्व होता है। शिक्षा समाज का प्रमुख अंग है। शिक्षा के बिना जीवन में अंधकार होता है। शिक्षा के माध्यम से समाज को एक नई दिशा देने का कार्य युवा पीढ़ी के छात्र कर सकते हैं, इसलिए विद्यार्थी जीवन में विद्यार्थी अच्छी शिक्षा प्राप्त करें। एक विद्यार्थी के रूप में मनुष्य का देश के प्रति पहला कर्तव्य यह होता है कि वह अपनी शिक्षा उचित रूप से पूर्ण करें। दूसरा सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य है, देश की शक्ति बोध तथा सौंदर्य बोध को बढ़ाना। एक विद्यार्थी को अपने व्यवहार में सज्जनता रखनी चाहिए। देश के लिए अपने कर्तव्यों को भलि-भांति समझना चाहिए। स्कूल और कक्षा में समय पर उपस्थित रहें। सुरक्षित और व्यवस्थित स्कूल वातावरण में योगदान दे, जो सीखने के लिए अनुकूल हो। अपनी क्षमता के अनुसार प्रयास करें और काम करें। अपने विद्यालय की साफ-सफाई का ध्यान रखना और गंदगी ना फैलाना, यह एक सबसे बड़ा कर्तव्य होता है, किसी भी विद्यार्थी का। जैसे एक पुजारी मंदिर को साफ और स्वच्छ रखता है, वैसे ही विद्यार्थियों के लिए उसका विद्यालय भी एक मंदिर की तरह होता है और उसको साफ और स्वच्छ रखना उसके छात्रों का कर्तव्य। शिक्षक की प्रति हमारा कर्तव्य है उन्हें सम्मान और आदरणीयता देना। हमें अपने शिक्षक का सम्मान करना चाहिए और उन्हें आदर्श मानना चाहिए। उनके ज्ञान, मेहनत और अध्यापन क्षमता को महत्वपूर्ण समझना चाहिए। एक शिक्षित और सुसंस्कृत नागरिक बनने के लिए निरंतर ज्ञान अर्जित करें। नोट्स बनाने, होमवर्क के लिए असाइनमेंट और अगले पाठ के लिए शेड्यूल बनाने में सटीक रहें। होमवर्क बिना किसी मदद के करें और माता-पिता को स्कूल असाइनमेंट के बारे में अच्छी तरह से जानकारी दें। विद्यार्थी जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण का समय का सदुपयोग करना है। विद्यार्थी यदि अपना समय बांट कर अपनी पढ़ाई की तैयारी करेगा तो वह पूरी तरह से अपना सिलेबस तैयार कर सकता है। विद्यार्थी को अपना लक्ष्य रखना पड़ेगा पहले छोटे-छोटे लक्ष्य प्रतिदिन के, फिर प्रति महीने के, फिर प्रति साल के। अच्छे विद्यार्थी के जीवन में समय बहुत ही मूल्यवान है। समय-समय पर अपना काम खुद ही करना चाहिए, जैसे कि समय पर विद्यालय जाना, अपनी पढ़ाई खुद ही करना, खेलने के समय खेलना और मनोरंजन के समय मनोरंजन करना। हमेशा मन में कुछ न कुछ नई चीजों को सीखने की जिज्ञासा होनी चाहिए। अनुशासन से समय और धन की बचत होती है। स्कूलों में, छात्र अपने वांछित लक्ष्यों और मूल्यवान ज्ञान को प्राप्त करने के लिए अनुशासन का पालन करते हैं। स्कूलों में अनुशासन का महत्व छात्रों को अधिक केंद्रित होने और परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करने में मदद करता है। अनुशासित छात्र हमेशा अपने शिक्षकों और उसके द्वारा सिखाई जाने वाली बातों का पूरा ध्यान देते हैं। किसी भी छात्र के लिए सिर्फ अच्छी पढ़ाई करना और अच्छे ग्रेड लाना ही जरूरी नहीं होता हैं, बल्कि छात्र के लिए सबसे जरूरी यह है कि वे अपने काम को लेकर कितना अनुशासित है, एक छात्र को अपने आस-पास मौजूद हर चीज से ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। विद्यार्थी को अपने विद्यालय के प्रति दायित्य बनता है। उसे अपने विद्यालय को उन्नत बनाने में यथा संभव योगदान करना चाहिए। विद्यालय को स्वच्छ रखने में मदद करें। "काक चेष्टा, बकों ध्यानम,श्वान जन्म निद्रा तथैव च। अल्पहारी, गृह त्यागी, विद्यार्थीनम" पंच लक्षणम। अर्थात कौवे की तरह लगातार प्रयास करना, बगुले की तरह लक्ष्य पर ध्यान, एक कुत्ते की तरह निद्रा अर्थात मौके पे तत्काल जग जाना, कम खाना और घर छोड़ने के लिए हमेशा तैयार रहना, यही विद्यार्थियों की पांच लक्षण है। एक आदर्श विद्यार्थी होने के लिए, एक व्यक्ति में सम्मान, प्रेम, आत्म-अनुशासन, आत्म-नियंत्रण, विश्वास, एकाग्रता, सत्यनिष्ठा, दृढ़ विश्वास, शक्ति और दृढ़ निश्चय के गुण होने चाहिए। ऐसे गुणों वाले व्यक्ति की उनके माता-पिता, शिक्षक और बड़े बुजुर्ग सराहना करते हैं। विद्यार्थी जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण समय का सदुपयोग करना है। विद्यार्थी यदि अपना समय बांट कर अपनी पढ़ाई की तैयारी करेगा तो वह पूरी तरह से अपना सिलेबस तैयार कर सकता है। विद्यार्थी जीवन में शिक्षा का विशेष महत्व होता है। शिक्षा समाज का प्रमुख अंग है। शिक्षा के बिना जीवन में अंधकार होता है। शिक्षा के माध्यम से समाज को एक नई दिशा देने का कार्य युवा पीढ़ी के छात्र कर सकते हैं। इसलिए विद्यार्थी जीवन में विद्यार्थी अच्छी शिक्षा प्राप्त करें। शिक्षा का उद्देश्य छात्रों को विषय में निपुणता और ज्ञान प्राप्त करने में मदद करता है। शिक्षा व्यक्तियों को ज्ञान, कौशल और योग्यता प्राप्त करने में मदद कर कर सकती है जो उन्हें उस विषय में निपुणता प्राप्त करने में सक्षम बनाती है जिसे वे आगे बढ़ना चाहते हैं। छात्र जीवन का मूल आधार शिक्षा है। यह केवल परीक्षा देने के बारे में नहीं हैं, बल्कि ज्ञान प्राप्त करने, आलोचनात्मक सोच विकसित करने और भविष्य की तैयारी करने के बारे में भी है। शिक्षा अवसरों के द्वार खोलती है और वह नींव है जिस पर छात्र अपना करियर बनाते हैं। प्रत्येक शिक्षित व्यक्ति अपने जीवन में शिक्षा गृहण करने का आरंभ विद्यालय से ही करता है। विद्यालय में दी जाने वाली शिक्षा का स्तर अच्छा होगा तो विद्यार्थियों का रास्ता भी अच्छा होगा। एक विद्यालय हजारों विद्यार्थियों के हृदय में ज्ञान का प्रकाश भर देते हैं। शीश राम यादव (अध्यापक) राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, महावा (नीमकाथाना)
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