जनजागरूकता के लिए उदयपुर के युवाओं की पहल डेमोनोलॉजी, ड्रग्स और डिप्रेशन की आंतरिक लड़ाई पर बनाई फ़िल्म

 जनजागरूकता के लिए उदयपुर के युवाओं की पहल

डेमोनोलॉजी, ड्रग्स और डिप्रेशन की आंतरिक लड़ाई पर बनाई फ़िल्म


उदयपुर। उदयपुर के नौजवानों ने डेमोनोलॉजी, ड्रग्स एवं डिप्रेशन की आंतरिक लड़ाई को लेकर एक शोर्ट फिल्म रिलीज़ की है।

निर्माता मुकुल खंडिया ने बताया कि यह कहानी एक लड़की आकांक्षा के बारे में है जो आंतरिक संघर्षों से जूझ रही है। वह खुद से लड़ रही है, जद्दोजहद का सामना करती है ड्रग्स का इस्तेमाल करती है और उसमें एक ऐसा डर है कि दुनिया उसके खिलाफ है। उसका रवैया और जलन उसे निगल लेता है। उसे पहले ही नतीजे पूर्वानुमानित करने और निर्णय लेने की अनुमति देते है। वह दूसरों की सुंदरता और खुशी में ईर्ष्या करने लगती है, जिससे वह खुद को चोट पहुँचाती है। उसने विचार किया और एक अनुमानित प्रतिद्वंद्वी (रेंडम गर्ल जो की काल्पनिक है) को नुकसान पहुंचाने के लिए वास्वतिकता और कल्पना की रेखा का मिलान कर दिया। अंत में पता चलता है की वो किसी बाहर की शक्ति से जो डेमोनोलॉजी से जुड़ी है उसमें समा गई और खो गई।

ये है युवा निर्माता टीम-

इस फिल्म के निर्माता एवं लेखक मुकुल खांडिया, स्कीनप्ले राइटर्स अरशद कुरैशी एवं मुकुल खांडिया, फिल्म की मुख्य भूमिका में कृष्णा शर्मा, करन सिंह राजपुरोहित, रिया नागदेव, उमंग सोनी, दिव्यांश डाबी, हर्ष दुबे, प्रणय पंड्या, सतीश खोखर, प्रमोद रैगर व कैलाश जांगिड़ रहे। जिसमें एड अस्त्र प्रोडक्शन हाउस और नाट्यांश सोसायटी ऑफ ड्रामेटिक एंड परफॉर्मिंग आर्ट्स का सहयोग रहा। एनिगमा फिल्म्स द्वारा बनाई गई शोर्ट फिल्म को दर्शकों द्वारा काफी सराहा जा रहा है।

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