राष्ट्रीय सौर मिशन का उद्देश्य भारत को इस क्षेत्र में एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करना है-प्रो. भुवन जोशी

 राष्ट्रीय सौर मिशन का उद्देश्य भारत को इस क्षेत्र में एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करना है-प्रो. भुवन जोशी



"रिसेंट ट्रेंड्स एंड डेवलपमेंट्स इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी" विषय पर बीएन में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आगाज़ 


उदयपुर । भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय की संगठक इकाई भूपाल नोबल्स स्नातकोत्तर महाविद्यालय में भौतिकी विभाग द्वारा "रीसेंट ट्रेड इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी" विषय पर आयोजित कॉन्फ्रेंस के प्रथम दिवस मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रो. हरिओम वत्स, डायरेक्टर स्पेस एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन,अहमदाबाद, मुख्य अतिथि डॉ. हरीश सेठ, सीनियर साइंटिस्ट एस ए सी- इसरो अहमदाबाद द्वारा किया गया। कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष डॉ .रेणू राठौड़ ने सभी पधारे अतिथियों का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय में हो रहे नवाचारों से अवगत कराया। साथ ही भौतिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. देवेंद्र पारीक ने आयोजित कांफ्रेंस की विषय वस्तु एवं उसके उद्देश्य को सभी के सामने प्रस्तुत किया। इसी के साथ सोविनियर का भी विमोचन हुआ। इस अवसर पर सभी को संबोधित करते हुए कॉन्फ्रेंस संरक्षक एवं विश्वविद्यालय अध्यक्ष डॉ. महेंद्र सिंह राठौड़ ने असफलता को सफलता का मूल बताते हुए कहा कि वैज्ञानिक अनेक बार आविष्कार करते हैं, अनुसंधान करते हैं तब उन्हें सफलता प्राप्त होती है। हमे भी बार-बार प्रयास करते रहना चाहिए । निराशा को कभी भी स्वयं पर हावी न होने दें। कॉन्फ्रेंस सह संरक्षक एवं कुलसचिव मोहब्बत सिंह राठौड़ ने वर्तमान समय में प्रौद्योगिकी के बढ़ते रुझान पर अपने विचार व्यक्त किए। उद्घाटन सत्र में प्रो. भुवन जोशी, उदयपुर सोलर ऑब्जर्वटरी, फिजिकल रिसर्च लैबोरेट्री,डिपार्टमेंट ऑफ़ स्पेस ने आदित्य एल1, सोलर मिशन, स्पेस वेदर, चंद्रयान 3, फाउंडेशन ऑफ़ पीआरएल पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सौर मिशन का उद्देश्य यथाशीघ्र देश भर में इसके प्रसार के लिए नीतिगत स्थितियां बनाकर भारत को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करना है। इसी प्रकार प्रो. पार्थ कोनार, थियोरेटिकल फिजिक्स डिवीजन, फिजिकल रिसर्च लैबोरेट्री, डिपार्टमेंट ऑफ़ स्पेस ने पार्टिकल फिजिक्स एवं फ्यूचर मोडिफिकेशन के बारे में विस्तृत व्याख्या एवं चर्चा करते हुए उनके मौलिक क्षेत्र और उनकी गतिशीलता के सार एवं सिद्धांत पर प्रकाश डाला। इस अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के मुख्य संरक्षक एवं विश्वविद्यालय चेयरपर्सन प्रो. कर्नल शिव सिंह सारंगदेवोत ने प्रेषित अपने संदेश में कहा कि टेक्नोलॉजी अपने विकासवादी पथ में न केवल हमारी जीवन शैली को आकर दे रही है बल्कि दुनिया को भी बदल रही है। नवाचार सीखने और अधिक टिकाऊ भविष्य की खोज से यह मानवता के लिए नए दरवाजे खोल रही है, बशर्ते इसका सकारात्मक रूप से प्रयोग किया जाए। इस अवसर पर कॉन्फ्रेंस निदेशक डॉ.रितु तोमर, विश्वविद्यालय वित्त मंत्री शक्ति सिंह कारोही सहित सभी संकाय के अधिष्ठाता एवं सदस्य उपस्थित रहे। कॉन्फ्रेंस समन्वयक डॉ. विमल सारस्वत एवं सह समन्वयक डॉ.निकुंज जैतावत ने तकनीकी सत्रों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रो. जी सी अनुपमा, प्रो. हरिओम वत्स, डॉ. हरीश सेठ, डॉ.बृजेश कुमार, प्रो. मीनल बाफना, डॉ. विवेक जैन एवं डॉ. साधना सिंह ने टेक्नोलॉजी एवं विज्ञान के सह संबंधों पर विस्तृत रूप से विभिन्न विषयों पर चर्चा की साथ ही शोधार्थियों द्वारा शोध पत्रों का वाचन किया गया। आयोजन का समस्त संचालन डॉ. प्रवीणा राठौड़, डॉ रीना मेहता, डॉ.तन्वी द्वारा किया गया। ये जानकारी विश्वविद्यालय के जनसम्पर्क अधिकारी डॉ कमल सिंह राठौड़ ने दी।

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