आरटीआई की सूचना नहीं देने पर अधिशाषी अधिकारी पर लगा दो हजार का जुर्माना

 आरटीआई की सूचना नहीं देने पर अधिशाषी अधिकारी पर लगा दो हजार का जुर्माना


पाटन।आरटीआई एक्टिविस्ट धर्मपाल सैनी छावणी नीमकाथाना ने सूचना के अधिकार के तहत नगरपालिका के अधिशाषी अभियंता नीमकाथाना से क्षेत्र में अवैध निर्माण के पांच बिंदुओं पर सूचना चाही गई थी। सूचना नहीं मिलने पर सैनी ने राज्य सूचना आयोग को शिकायत की इस पर राजस्थान सूचना आयोग ने अधिशाषी अधिकारी नीमकाथाना को धारा 20 एक के तहत तीन नोटिस दिए, परंतु लोक सूचना अधिकारी ने नोटिस की अनदेखी कर आयोग में कोई परिवादोत्तर प्रस्तुत नहीं किया और ना ही सुनवाई के समय उपस्थित हुआ । आयोग ने लोक सूचना अधिकारी एवं अधिशाषी अधिकारी को दोषी मानते हुए दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया है । जुर्माना राशि दोषी कर्मचारी के वेतन से काटकर आदेश प्राप्ति के 30 दिन में जमा करवानी होगी। आयोग ने प्रत्यर्थी का यह कृत्य सूचना का अधिकार अधिनियम के प्रति उपेक्षा का प्रतीक माना है और इस स्थिति में अधिनियम 2005 की धारा 20 / 2 में विहित विभागीय कार्रवाई का प्रावधान स्वत आकर्षित होता है। निदेशक स्थानीय निकाय विभाग जयपुर को निर्देशित किया जाता है कि वह कर्मचारी पर लागू विभागीय नियमों के तहत अनुशानात्मक कार्यवाही करें एवं कार्यवाही के परिणाम का अंकन सेवा अभिलेख में किया जाए। सैनी ने बताया कि नगर पालिका नीमकाथाना में अवैध निर्माण संबंधित सूचनाओं के लिए 18 जून 2021 को आवेदन दिया था लेकिन लोक सूचना अधिकारी एवं अधिशाषी अधिकारी सूर्यकांत शर्मा ने सूचना देना ही उचित नहीं समझा। सूचना नहीं मिलने पर प्रथम अपील पश्चात भी किसी प्रकार की सूचना नहीं मिलने पर आयोग के समक्ष द्वितीय अपील पेश की। अपील की सुनवाई करते हुए सूचना आयुक्त ने अपीलार्थी को निशुल्क सूचना दस्तावेज उपलब्ध करवाने के 19 जुलाई 2023 को आदेश दिए लेकिन प्रत्यर्थी शर्मा द्वारा आदेश की पालना नहीं की गई ।लोक आदेश की पालना नहीं किए जाने की स्थिति में आवेदक ने अवमानना परिवार धारा 18 पेश किया जिसकी सुनवाई करते हुए सूचना आयुक्त मोहनलाल लाठर ने दो हजार रुपए का जुर्माना लगाते हुए दंडित किया तथा वेतन से पैसा काटकर आयोग कार्यालय में जमा करवाने के आदेश दिये है।

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