राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस"एप्लीकेशन ऑफ़ एआई इन फ्यूचरस्टिक फायर प्रीवेंशन" विषय पर कार्यशाला का आयोजन

 राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस"एप्लीकेशन ऑफ़ एआई इन फ्यूचरस्टिक फायर प्रीवेंशन" विषय पर कार्यशाला का आयोजन



उदयपुर संवाददाता विवेक अग्रवाल। पाहेर विश्वविद्यालय के पैसिफिक इंस्टिट्यूट ऑफ़ फायर एंड सेफ्टी मैनेजमेंट महाविद्यालय तथा इंडियन सोसाइटी फॉर ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट उदयपुर चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस के पहले एप्लीकेशन ऑफ एआईं इन फ्यूचरस्टिक फायर प्रीवेंशन' विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कई विशेषज्ञ मौजूद थे जिसमें कैप्टन ऋषभ सूरी डायरेक्टर ऑफ सिक्योरिटी एंड एडमिन एचआरएच ग्रुप ऑफ़ होटल, बाबूलाल चौधरी सीएफओ, उदयपुर, नवदीप सिंह बग्गा एफओ उदयपुर तथा प्रणय जानी इंडियन सोसाइटी फॉर ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट उदयपुर चैप्टर के चेयरमैन एवं सीईओ रेलबेल प्रोटेक्शन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड उदयपुर उपस्थित थे।

डॉ मुकेश श्रीमाली निदेशक फायर एंड सेफ्टी मैनेजमेंट तथा पाहेर विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट प्रोफेसर के. के. दवे ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।

प्रोफेसर के. के. दवे ने बताया कि एआई का प्रयोग निरंतर बढ़ रहा है तथा इसका काफी व्यापक क्षेत्र में उपयोग किया जा रहा है। एआई तकनीक की भविष्य में बहुत अधिक सुधार होने की संभावना है इसका उपयोग सुरक्षा के क्षेत्र में बहुत अधिक किया जा रहा है।

 नवदीप सिंह बग्गा ने एआई की आवश्यकताओं के बारे में समझाया तथा पुराने समय में किस प्रकार फायर टेंडर को काम में लिया जाता था और आज के समय में इसके उपयोग पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने बताया कि एआई तकनीक का प्रयोग अग्निशमन और सुरक्षा में बड़े परिवर्तन ला सकता है।

कैप्टन ऋषभ सूरी जी ने फायर फाइटिंग मैनेजमेंट तथा एआई की चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि एआई अग्निशमन दल के कार्यों को कुशल तरीके से पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

 बाबूलाल चौधरी ने बताया कि हमें आग लगने की शुरुआती संकेतों को तुरंत पता लगाना चाहिए ताकि उस पर तुरंत नियंत्रण किया जा सके। साथ ही उन्होंने फायर ऑफिसर के इंडस्ट्री में फ्यूचर स्कोप के बारे में विस्तार से बताया।

 प्रणय जानी ने बताया की हमें सुरक्षा का प्रथम ध्यान रखना चाहिए ताकि वहां पर जीरो एक्सीडेंट की संभावना हो। साथ ही बताया कि रोबोट को दमकल कर्मियों की जगह खतरनाक क्षेत्र में भेजा जा सकता है जिससे दमकल कर्मियों को खतरे से दूर रखा जा सके। उन्होंने बताया कि एआई सुरक्षा के कार्य और अधिक कुशलता से करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। साथ ही ग्राउंड पर 60 मीटर रेस्क्यू व्हीकल एरिअल हाइड्रोलिक लैडर प्लेटफार्म की वास्तविक कार्यप्रणाली को संचालित करके छात्रों को बताया गया। रेस्क्यू व्हीकल एरिअल हाइड्रोलिक लैडर प्लेटफार्म एक यांत्रिक रूप से संचालित विस्तार योग्य सीढ़ी है जो आग बुझाने और रेस्क्यू कार्यों के लिए 60 मीटर तक की ऊंचाई और 360 डिग्री पर कार्य करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

इंडियन सोसाइटी फॉर ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट से डॉ. वी. नरेंद्रन, अशोक सारस्वत, श्रीमती रानू जानी जैसे कई सदस्यों के साथ- साथ पेसिफिक विश्वविद्यालय के छात्रों ने इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया और अपने विचार भी साझा

इस कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर नीलिमा बजाज द्वारा किया गया।

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