डॉ. बेकजोड शेमसीव ने विश्वविद्यालय की विभिन्न इकाइयों में विश्व बैंक परियोजना द्वारा संचालित कार्यो का अवलोकन
*डॉ. बेकजोड शेमसीव ने विश्वविद्यालय की विभिन्न इकाइयों में विश्व बैंक परियोजना द्वारा संचालित कार्यो का अवलोकन
उदयपुर संवाददाता विवेक अग्रवाल। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर में राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना जो विश्व बैंक द्वारा संचालित है उसके टीम लीडर डॉ. बेकजोड शेमसीव ने विश्वविद्यालय की विभिन्न इकाइयों में विश्व बैंक परियोजना द्वारा संचालित कार्यो का अवलोकन किया । उन्होनें विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक एवं अधिकारियों के साथ संवाद भी किया तथा डेयरी एवं खाद्य अभियांत्रिकी महाविद्यालय के नवीनीकृत प्रयोगशाला का दौरा किया एवं प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय, उदयपुर के एक्पेरिंयन्शल लर्निंग यूनिट (नई खाद्य प्रसन्सकरण प्रयोगशाला इकाई) में छात्रों द्वारा बनाये जा रहे उत्पादों को भी देखा एवं उसकी भूरी-भूरी सराहना की। इस अवसर पर डॉ. बेकजोड ने विश्वविद्यालय के सभागार में विश्व बैंक परियोजना के अन्तर्गत विदेश में प्रशिक्षण लेने गये संकायों सदस्यों एवं छात्रों से एक-एक करके वार्ता की एवं प्रशिक्षण के अनुभव के आधार पर नई तकनीकी का उपयोग करते हुए विश्वविद्यालय में नई परियोजना लाने एवं उस पर कार्य करने के लिए प्रेरित किया। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक ने बताया कि इस परियोजन के माध्यम से विश्वविद्यालय के 11 संकाय सदस्यों एवं 71 छात्रों को विदेश में प्रशिक्षण करने का अवसर प्राप्त हुआ । छात्रों ने जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में सतत् कृषि विकास के लिए स्मार्ट कृषि प्रौद्योगिकियों पर प्रशिक्षण एवं हवा, पानी और मिट्टी के विश्लेषण के लिए अत्याधुनिक उपकरणों के उपयोग पर प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय सभी सांगठनिक महाविद्यालयों में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए आधुनिक उपकरण खरीदे गये जो अनुसंधान के काफी मददगार साबित हुए । इस परियोजना के द्वारा विश्वविद्यालय की अनुसंधान गतिविधियों को भी बढ़ावा मिला । जिसके द्वारा विश्वविद्यालय के अनुसंधान प्रकाशन में आशातित प्रगति हुई है एवं ।विश्विद्यालय का एच इन्डेक्स 2019 में 38 था जो आज बढ़कर 72 हो गया है। इस दौरान विश्वविद्यालय ने 17 पेटेन्ट प्राप्त किये है तथा विश्वविद्यालय के कई छात्रों ने इससे प्रेरित होकर अपना स्वयं का स्टार्टअप प्रारम्भ कर दिया है।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक ने बताया कि परियोजना के द्वारा विश्वविद्यालय का चहुॅंमुखी विकास हुआ है और विशेष रूप से स्नातक छात्रों को विदेश में प्रशिक्षण के साथ-साथ शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक विकास हुआ है तथा महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर यह परियोजना भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (भारत सरकार) और विश्व बैंक की वित्तीय सहायता से विगत पांच वर्षो से लागू की जा रही थी। इस परियोजना का कार्यकाल 1 जनवरी, 2019 से 31 दिसम्बर 2023 तक रहा ।
परियोजना के प्रभारी डॉ. पी.के. सिंह ने परियेाजना के अन्तर्गत कराये गये विभिन्न कार्यो का एक प्रतिवेदन विश्व बैंक के टीम लीडर डॉ. बेकजोड शेमसीव के सम्मुख प्रस्तुत किया । अंत में डॉ. लोकेश गुप्ता, अघिष्ठाता, डेयरी एवं खाद्य अभियांत्रिकी महाविद्यालय, उदयपुर ने विश्व बैंक के टीम लीडर डॉ. बेकजोड शेमसीव प्रथम बार विश्वविद्यालय में आगमन पर स्वागत किया एवं आभार जताया एवं विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारियों का स्वागत करते हुए आभार जताया ।
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