सत्य सनातन वैदिक धर्म सभा का शुभारंभ अति कामनाऐं ही दुख का कारण है_ स्वामी विवेकानंद परिव्राजक
सत्य सनातन वैदिक धर्म सभा का शुभारंभ
अति कामनाऐं ही दुख का कारण है_ स्वामी विवेकानंद परिव्राजक
उदयपुर संवाददाता विवेक अग्रवाल। मनुष्य में अधिक इच्छा ,मनोकामनाएं ही दुख का कारण है। यह विचार आर्य समाज हिरण मगरी द्वारा निम्बार्क कॉलेज सभागार आयोजित सत्य सनातन वैदिक धर्म सभा में दर्शन योग महाविद्यालय रोजड़ के अधिष्ठाता दर्शनाचार्य स्वामी विवेकानंद परिव्राजक ने धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। स्वामी ने आगे कहा कि इच्छाऐं मनुष्य स्वयं उत्पन्न करता है और मनुष्य की इच्छाऐं कभी पूरी नहीं होती है। जो इच्छाऐं पूरी नहीं होती वही दुख का कारण है। सांसारिक मनुष्य शत प्रतिशत आनन्द प्राप्त नहीं कर सकते हैं। पूर्ण सुख आनन्द मोक्ष में ही मिल सकता है। मोक्ष प्राप्त करने के लिए मनुष्य को शत प्रतिशत शुभ श्रेष्ठ कर्म करने चाहिए।
इस धर्म सभा में पूर्व विधायक धर्म नारायण जोशी, श्रीमद दयानन्द सत्यार्थ प्रकाश न्यास के अध्यक्ष डा अशोक आर्य, वीर शिरोमणि प्रताप गौरव केन्द्र के पवन शर्मा, डा अमृत लाल तापडिया, विजय विप्लवी आदि का सान्निध्य प्राप्त हुआ। प्रारम्भ में आर्य समाज के प्रधान भंवर लाल आर्य, कृष्ण कुमार सोनी रामदयाल , के पी सिंह आदि ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन गिरीश जोशी ने किया। 23 फरवरी 24 को प्रात 7.30 आर्य समाज हिरण मगरी में व सांय 5 बजे निम्बार्क कॉलेज सभागार में स्वामी विवेकानंद परिव्राजक सम्बोधित करेंगे।
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