भारत बोध एवं संवैधानिक नैतिकता पर संगोष्ठी का आयोजन संविधान का सही मतलब जन आंदोलन में भी आम जनता का ध्यान रखना; मिश्रा

 भारत बोध एवं संवैधानिक नैतिकता पर संगोष्ठी का आयोजन

संविधान का सही मतलब जन आंदोलन में भी आम जनता का ध्यान रखना; मिश्रा



उदयपुर संवाददाता जनतंत्र की आवास 2 दिसंबर। उदयपुर जिला एवं सेशन न्यायाधीश चंचल मिश्रा ने कहा है कि प्रत्येक व्यक्ति को संविधान में दिए गए अधिकारों व कर्तव्यों का पूर्ण निष्ठा व ईमानदारी के साथ पालन करना चाहिए और आम जनता को भी इसकी पालना करवानी चाहिए।

जिला एवं सत्र न्यायाधीश चंचल मिश्रा ने अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद की जिला इकाई द्वारा शनिवार को संविधान दिवस एवं अधिवक्ता दिवस के उपलक्ष में भारत बोध और संवैधानिक नैतिकता विषय पर संगोष्ठी को संबोधित करते हुए यह बात कही।


जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने कहा कि संविधान में सभी नागरिकों को विभिन्न अनुच्छेदों के तहत विभिन्न अधिकार दिए गए हैं जिसमें मूलतः किसी भी जन आंदोलन के दौरान आम जन को असुविधा न हो इस बात का विशेष ध्यान रखा जाना आवश्यक है संविधान जनमानस को सुख सुविधा प्रदान करने के लिए बनाया गया है ना कि उनके लिए किसी प्रकार की दुविधा को उत्पन्न करने के लिए बनाया गया है। न्यायाधीश मिश्रा ने संविधान के विभिन्न पहलुओं पर अधिवक्ताओं को काम करने और संविधान को जनमानस में स्थापित करने का आव्हान किया।

संगोष्ठी में राजस्थान विद्यापीठ के कुलपति प्रोफेसर एस एस सारंग देवोत ने कहा कि संविधान जनमानस को शिक्षा, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं  अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रदान करता है और इस स्वतंत्रता का उपयोग राष्ट्रहित में किया जाना आवश्यक है।

समारोह मे बतौर विशिष्ठ अतिथि सम्बोधित करते हुए सारंग देवोत ने कहा कि संविधान के विभिन्न आवश्यक तत्वों अधिकारों व कर्तव्यों को पत्थरों पर उतार कर न्यायालय परिसर के विभिन्न दीवारों पर लगाया जाना न्याय संगत है ताकि आमजन को संविधान के प्रति श्रद्धा उत्पन्न हो।

अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता ऋषभ कुमार जैन ने कहा कि अधिवक्ता परिषद अधिवक्ताओं के लिए एक वृक्ष के समान है जिसके अंतर्गत रहकर अधिवक्ताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में ऊंचाइयां हासिल की है जैन ने बताया कि अधिवक्ता परिषद से जुड़कर विभिन्न अधिवक्ताओं ने जिला स्तर, राज्य स्तर, उच्च न्यायालय न्यायाधीश तक के विभिन्न ऊंचे पदों को सुशोभित किया है और न्यायिक क्षेत्र में अपनी अहम भूमिका निभाई है।

जयपुर से आए अधिवक्ता सूर्य प्रताप सिंह ने कहा कि संविधान प्रत्येक व्यक्ति की आजादी व अभिव्यक्ति का अधिकार देता है और उसके साथ ही वह अनुशासन में रहने की प्रेरणा भी देता है उन्होंने संविधान के निर्माण से लेकर उसके  क्रियान्वन तक पर प्रकाश डाला

जिला इकाई के संयोजक एडवोकेट मनीष शर्मा ने बताया कि संविधान दिवस व  अधिवक्ता दिवस संगोष्ठी का प्रत्येक वर्ष आयोजन किया जाता है जिससे अधिवक्ताओं में संविधान के प्रति व अधिवक्ता के अपने प्रोफेशन में आचरण के प्रति उन्हें जागरूक किया जाता है इसका आयोजन अधिवक्ताओं को न्याय व्यवस्था के विभिन्न पहलुओं को अवगत कराना भी होता है उन्होंने संगोष्ठी के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला व स्वागत भी किया।

 इस अवसर पर अधिवक्ता परिषद की प्रदेश पदाधिकारी वंदना उदावत ने अधिवक्ता परिषद के इतिहास पर प्रकाश डाला।

सह संयोजक श्रीमती रितु सारस्वत ने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर में आयोजित होने वाली इस संगोष्ठी में जिला एवं सेशन न्यायालय के अधीनस्थ न्यायालयों के न्यायिक अधिकारी सहित वरिष्ठ अधिवक्ता शांति लाल चपलोत  शंभू सिंह राठौड़ नरपत सिंह राठौड़  प्रवीण खंडेलवाल दिनेश गुप्ता राजेंद्र सिंह राठौड़  सहित बार एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष योगेंद्र  दशोरा सहित सैकड़ो अधिवक्ता महिला पुरुष उपस्थित रहे। 


भारतीय संविधान प्रदर्शनी रही मुख्य आकर्षण

जिला इकाई के सह संयोजक महेंद्र ओझा ने बताया कि इस अवसर पर अधिवक्ता सूर्य प्रताप सिंह राजावत  की ओर से भारतीय संविधान पर दिए गए विभिन्न अनुच्छेद  पर विशेष प्रदर्शनी लगाई गई जिसे सभी अधिवक्ताओं न्यायिक अधिकारियों ने अवलोकन किया इसमें संविधान की विस्तृत से व्याख्या की गई थी यह प्रदर्शनी अधिवक्ताओं के लिए आकर्षण का केंद्र रही

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