28।एचट क्षेत्रो से 500 महिलाए पहुँची मेरा परिवार :मेरी जिम्मेदारी कार्यक्रम हम साथ है तो शक्तिशाली है - मुनि सुरेश कुमार

 28।एचट क्षेत्रो से 500  महिलाए पहुँची

मेरा परिवार :मेरी जिम्मेदारी कार्यक्रम

 हम साथ है तो शक्तिशाली है - मुनि सुरेश कुमार



विवेक अग्रवाल

जयपुर संवाददाता (जनतंत्र की आवाज) 20 दिसंबर। युगप्रधान आचार्य महाश्रमण के आज्ञानुवर्ती शासन  मुनि सुरेश कुमार ने कहा- हम साथ है तो शक्तिशाली और निश्चित है। हम परिवार तंत्र को मजबुत बनाने विनम्रता, विश्वास, और विचारशीलता के तीन व सूत्र अपनाए। हम संघर्ष की नहीं श्रद्धा और समपर्ण की भाषा बोले, देखे कहा मेरी जरूरत है वहा अपने आपको नियोजित करे तो परिवार सही मायने मे परिवार हो जाता है।

 वे अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल  के निर्देशन में तेरापंथ महिला मंडल उद‌यपुर द्वारा आयोजित मेवाड़ आंचलिक मेरा परिवार : मेरी जिम्मेदारी कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। तेरापंथ भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में मुनि प्रवर  ने कहा- परिवार वह होता है जहा एक दूसरे के लिए एक दुसरे के प्रति समर्पण हो ।डिग्रीयां महत्वपूर्ण नहीं है ,होली- दिवाली एक दूसरे के साथ बेठकर खाना खाने की संभावनाओं के दरवाजे खुलेंगे तो परिवार मकान से ज्यादा घर लगेगा। मुनि सम्बोध कु‌मार "मेधांश"  ने अपनी प्रेरणा में कहा- अपेक्षा रखोगे तो उपेक्षा होगी। रिश्ते वही होते हैं जहा रात के अनबन का असर सुबह की जिम्मेदारीयों पर ना हो। हम अब परिवार को संभालते हैं तो स्वयं को तराशने का आरंभ हो जाता है। रोज बच्चों के साथ दस मिनट बिताकर जीवन के उतार-चढ़ाव में संतुलन सिखाए।  मुनि सिद्ध प्रज्ञ ने कहा- परिवार में अगर खुशहाली उतारनी हो तो- रहना, सहना और कहना सीखे। अगर शांति से जीवन जीना है तो एक आग बने तो दुसरे को पानी बन जाना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती सरिता डागा ने कहा-हमने देश की राजधानी से यह सफर शुरू किया आज यह दुसरा उपक्रम उद‌यपुर में आयोजित हो रहा है। साथ रहे तो दायित्व विभाजित होकर सर्वांगीण विकास के दरवाजे खोलता है। फेसबुक से अनजान लोगो को फ्रेंड्स बनाने के दौर में फेस टू फेस अपने परिवार से मिलने की शुरूवात करे।  मुख्य वक्ता वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीमती रागिनी शर्मा ने कहा-आपस में एक दुसरे के प्रति कर्तव्यों के प्रति प्रतिबद्धता ही परिवार है। 

अफसोस कि वह संस्कृति टूट रही है, कभी उदयपुर में एक परिवारिक न्यायालय होता था आज तीन न्यायालय है। मुख्य अतिथी   महामंत्री श्रीमती नीतु ओस्तवाल ने मेरा परिवार: मेरी जिम्मेदारी विषय पर प्रशिक्षण देते हुए कहा- अपने लिए समय निकाले स्वयं को खुश रखे तो परिवार स्वर्ग का प्रतिरुप हो जाता है।

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमती विजयलक्ष्मी भूरा ने मेरा परिवार:मेरी ज़िम्मेदारी विषय पर विचार व्यक्त करते हुए पारिवारिक सामजसय की शपद दिलाई।  प्रभारी डॉ श्रीमती नीना कावड़िया ने साध्वी प्रमुखा विश्रुत विभा द्वारा प्रेषित संदेश का वांचन किया। राष्ट्रीय सदस्य श्रीमती उषा सिसोदिया ने व पोस्टर मेकिंग कम्पटीशन के परिणामों की घोषणा की कार्यक्रम में राष्ट्रीय सदस्या श्रीमती मनाली चौरड़िया भी उपस्थित थी। 

स्वागत तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्षता सीमा बाबेल व आभार मंत्री ज्योति कच्छारा ने जताया।

तेयुप अध्यक्ष विक्रम पगारिया , श्रीमती सुमन डागलिया ने भी विचार व्यक्त किए प्रथम सत्र में रिश्ते पहचाने रोम का समायोजन श्रीमती रेखा बोहरा ने किया। मंच संचालन श्रीमती उषा चव्हाण, श्रीमती डिम्पल बाबेल ने किया ।

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