राजस्थान उच्च न्यायालय में मामलों के निपटाने में छ: से आठ माह का बिलंव -- कैलाश चंद्र कौशिक
राजस्थान उच्च न्यायालय में मामलों के निपटाने में छ: से आठ माह का बिलंव -- कैलाश चंद्र कौशिक
नई दिल्ली!जयपुर! राजस्थान उच्च न्यायालय में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का कोई औचित्य नहीं, शीघ्र सुनबाई पर भी छ: से आठ माह की लंबी कोर्ट तारीखें देकर वर्षों लंबित किया जाता जा रहा है! जबकि सर्विस निष्कासन भी विभागीय भृष्टाचारियों द्वारा बंद वलय बना कर राज्य सरकार तक किया गया है! उपस्थित को अनुपस्थित बता कर सेवाएं हटाते आयें, ये अधिकारियोंं के शोषण का सतत् अभ्यास है!
इसमें न्याय व्यस्था, मन मर्जी की हो गयी है! इसमें राजस्थान उच्च न्यायालय भी आगे बढ़ कर है!
यह भी सही है राष्ट्रीय न्यायिक डाटा ग्रिड ने कहा है कि- बार कौंसिल और न्यायालय के योगदान का पहले से ही अभाव पाया गया है! अब आपसी योगदान से हल किया जाना चाहिए!
इससे सर्विस प्रकरण और अन्य प्रकरण को न्याय का वर्षों से इंतज़ार, अन्याय में परिणित हो गया है!
सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच के
एस. रविंद्र भट्ट और अरविंद कुमार की बेंच ने हाल ही शुक्र वार को सभी उच्च न्यायालयों को आदेशित किया गया है ताकि न्याय के प्रति सम्मान और आस्था बनी रहे!
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