रायल्टी ठेकेदार द्वारा की जा रही अवैध रायल्टी वसूली के विरूद्ध सौंपा ज्ञापन
रायल्टी ठेकेदार द्वारा की जा रही अवैध रायल्टी वसूली के विरूद्ध सौंपा ज्ञापन
पाटन।(के के धांधेला):-क्षेत्र में खनिज चेजा पत्थर की रायल्टी संग्रहण की ठेकेदार कंपनी मैं. गैलेक्सी माईनिंग एंड रायल्टी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा रायल्टी संग्रह के नाम पर की जा रही लूट के विरोध में शनिवार को क्रेशर और खदान मालिकों ने लामबंद होकर अवैध वसूली का विरोध जताया। शनिवार दोपहर को जीर की चौकी पर आयोजित नीमकाथाना माइनिंग एण्ड क्रेशर वैलफेयर सेवा समिति की बैठक में खान और क्रेशर मालिकों ने पहले तो ठेकेदार कंपनी के प्रतिनिधि कुलदीप सिंह भाटी को बुलाकर समझाईश से अवैध वसूली रूकवाने का प्रयास किया परन्तु ठेकेदार द्वारा अवैध वसूली रोकने से मना करने के बाद सभी व्यापारी लामबंद हो गये और एसडीएम कार्यालय पहुंचे जहां एसडीएम राजवीर यादव को ज्ञापन सौंपकर अवैध वसूली रूकवाने का ज्ञापन सौंपा।व्यापारियों ने ज्ञापन में लिखा कि यदि जल्द समस्या का समाधान नहीं किया गया तो व्यापारी आंदोलन करने पर मजबूर होंगें जिससे क्षेत्र में कानून व्यवस्था की समस्या पैदा होने की संभावना है।ज्ञापन देने वालों मे समिति संरक्षक प्रेमचंद शर्मा, अध्यक्ष सुंदरमल सैनी, उपाध्यक्ष महेन्द्र गोयल, कोषाध्यक्ष छगन लाल मोदी, सचिव शंकर सैनी, प्रवीण जांगिड़, प्रहलाद सैनी, विजयपाल डूडी, कुलदीप यादव, राजपाल डोई, प्रमोद बाजौर. भगतसिंह बाजौर, दिनेश अग्रवाल, हनुमान प्रसाद गुर्जर, नागर मल अग्रवाल, राजीव यादव, सीताराम यादव, रोहित अग्रवाल समेत दर्जनों व्यापारी शामिल रहे।
रोजाना इस प्रकार की जा रही है करोड़ों रुपये की अवैध वसूली
समिति अध्यक्ष सुंदरमल सैनी और सचिव शंकर सैनी ने बताया कि ठेकेदार फर्म को राज्य सरकार द्वारा खनिज चेजा पत्थर पर 45 रूपये प्रति टन के हिसाब से रायल्टी और 4 रूपये 28 पैसे प्रति टन डीएमएफटी और आरएसएमईटी यानि कुल 49 रूपये 28 पैसे प्रति टन वसूल करने का ठेका दिया गया है।लेकिन रायल्टी ठेकेदार कंपनी लैठतों के दम पर प्रति टन 65 रूपये वसूल कर रही है। क्षेत्र में जगह जगह सडक पर लैठतों को बैठाकर खनिज लेकर जाने वाली गाड़ियों से जबरन 65 रूपये प्रति टन वसूले जा रहे हैं जिससे क्षेत्र में निर्माण कार्य कर रहे आम आदमी पर महंगाई की मार पड रही है।एक ट्राली रोडी, पत्थर या डस्ट लाने वाले आदमी को करीब सौ से डेड सौ रूपये ज्यादा चुकाने पड रहे हैं। यही नहीं क्षेत्र में सडक किनारे जगह जगह अवैध रूप से लैठतों के बैठाकर ठेकेदार द्वारा आधे रोड को रोक लिया जाता है जिससे होने वाली सडक दुर्घटनाओं में अब तक सैकड़ों लोग जान गंवा चुके हैं। जबकि नियमानुसार रायल्टी ठेकेदार के अधीकृत नाके खदानों पर ही लगने चाहिए।
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