अगर जांच अधिकारी को लगता है मामला झूठा है तो कोर्ट में एफआर क्यों नहीं पेश कर रहे?*


 *अगर जांच अधिकारी को लगता है मामला झूठा है तो कोर्ट में एफआर क्यों नहीं पेश कर रहे?*


*- झालावाड़ मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डीन के पीए हरिसिंह की मौत का मामला*


*- मृतक की विधवा पत्नी ने परिजनों के साथ कोटा रेंज आईजी को फिर दिया ज्ञापन में बताई व्यथा, बोली पति की सात माह पहले संदिग्ध मौत हुई है, लेकिन पुलिस अब तक जांच पूरी नहीं कर सकी*


कोटा। छह माह पहले झालावाड़ महिला थाने में दर्ज हुए एक प्रकरण में तीन जांच अधिकारी नियुक्त हो चुके है, बावजूद जांच अभी तक पूरी नहीं हुई। झालावाड़ मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डीन के निजी सहायक हरिसिंह की सात माह पहले संदिग्ध हालाात में हुई मौत के बाद विधवा पत्नी को न्याय के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। जनवरी माह में एसपी और आईजी के दखल के बाद झालावाड़ महिला थाने में एफआईआर तो दर्ज कर ली गई, लेकिन जांच के नाम पर छह माह बीतने पर भी नतीजा शून्य ही है। न तो आरोपी अरेस्ट हुए और ना ही किसी तरह की कोई बरामदगी। इतना ही नहीं पीडि़त पक्ष द्वारा ठोस साक्ष्य देने के बावजूद भी जांच अधिकारी ने मृतक के बैंक खातों से मौत के बाद चोरी हुए एटीएम व पासवर्ड से फर्जी विड्रोल के एटीएम फुटेज तक नहीं जुटाएं। पीडि़त पक्ष ने प्रकरण में पुलिस पर भी सांठगांठ के आरोप लगाए है।

इस मामले में पीडि़ता कोटा निवासी निरंजना कंवर ने परिजनों के साथ कोटा रेंज आईजी प्रसन्न कुमार खमेसरा को ज्ञापन देकर त्वरित कार्रवाई की मांग की है, ताकि उसे जल्द न्याय मिल सके। प्रकरण की जांच बारां से कोटा में ही किसी निष्पक्ष उच्चाधिकारी से करवाने की मांग की। पीडि़त पक्ष ने आईजी से कहा कि 2 जनवरी 2023 को झालावाड़ महिला थाने में एफआईआर नंबर 01/23 दर्ज तो की गई है, लेकिन जांच के नाम पर प्रकरण को जानबूझ कर लंबा खींचा जा रहा है। जांच अधिकारी किसी न किसी के दबाव में आकर जांच को लंबा खींच रहे है। बारां एएसपी जिनेंद्र कुमार जैन को दो माह पहले आईजी कार्यालय से ही प्रकरण में जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था, लेकिन एएसपी जैन भी दो माह से प्रकरण की जांच पूरी नहीं कर सके हैँ। पीडि़त पक्ष ने कहा कि अगर जांच अधिकारी को यह लगता है कि प्रकरण झूठा है तो वो लेकर बैठे क्यों है? कोर्ट में एफआर क्यों पेश नहीं कर रह़े? पीडि़त पक्ष को सुनने के बाद आईजी ने उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया है और कहा कि जल्द ही आईओ को तलब करके रिपोर्ट ली जाएगी। प्रकरण में निष्पक्ष अनुसंधान का भरोसा दिलाया।



*मौत के बाद किसका ईलाज?*


पीडि़त पक्ष ने आईजी से कहा कि वो जांच अधिकारी बारां एएसपी जिनेंद्र कुमार जैन के समक्ष बयान देने पेश हुए थे। तब एएसपी जैन का कहना था कि मृतक के एटीएम से रूपये घरवालों ने उपचार के लिए निकलवाए है इसमें गलत क्या है। इस पर पीडि़त पक्ष ने आईजी से कहा कि उन्होंने जांच अधिकारी को ठोस प्रमाण भी सौंपे है और यहां तक कहा कि जब खातेदार की मौत हो चुकी थी तो बाद में किसके ईलाज के लिए रूपये निकले? मृतक सरकारी कर्मचारी था।



*यह है मामला*


4 दिसंबर 2022 को झालावाड़ नला रोड निवासी हरिसिंह पुत्र किशनसिंह की घर पर संदिग्ध मौत हो गई थी। मौत की खबर पत्नी को सवा 4 घंटे बाद जेठानी ने दी। हरिसिंह की मौत के बाद उसकी पत्नी निरंजना कंवर की गैर मौजूदगी में उनके कमरे से बैंक एटीएम, डायरी, पासवर्ड लिखी डायरी, जयपुर के बालमुकुंदपुरा के एक प्लॉट की फाइल, मृतक का मोबाइल, पीडि़ता के जेवरात आदि चोरी कर लिए गए। पति की मौत के बाद 13 दिन तक चोरी हुए एटीएम कार्ड से अलग अलग एटीएम मशीनों से दिन में पांच पांच दर्फा विड्रोल हुआ और पांच लाख से ज्यादा की राशि निकाली और हड़प कर ली गई। इस प्रकरण में आईजी कार्यालय के दखल के बाद एसपी झालावाड़ के निर्देश पर 2 जनवरी 2023 को महिला थाना झालावाड़ में एफआईआर नंबर 01/23 आईपीसी की धारा 498 ए में दर्ज की गई। पीड़ता बार बार जांच अधिकारी से कहती रही कि उसके साथ धोखाधड़ी, जालसाजी हुई है और उसके पति की सोची समझी साजिश के तहत हत्या का अंदेशा है, लेकिन पुलिस सिर्फ 498 ए में ही छह माह से अनुसंधान करने में जुटी हुई है।

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