शहरी नरेगा योजना में घोटाले एवं भ्रष्टाचार की शिकायत् पर गठित जांच कमेटी ने शुरू की जांच पालिका से संपूर्ण रिकॉर्ड तलब कर किया जब्त
शहरी नरेगा योजना में घोटाले एवं भ्रष्टाचार की शिकायत् पर गठित जांच कमेटी ने शुरू की जांच
पालिका से संपूर्ण रिकॉर्ड तलब कर किया जब्त
उपखंड अधिकारी आबूरोड़ भीचर , अधिशासी अभियंता नगर परिषद सिरोही बोरा एवं कोषाधिकारी सिरोही अलका सिंह ने संयुक्त रूप से शुरू की जांच
प्रथम दृष्टया पाई गई गड़बड़ , तकनीकी अधिकारियों पर गिर सकती है गाज
इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना नगर पालिका आबूरोड में कांग्रेसी नेता एवं नगर पालिका पार्षद भवनीश बारोट की शिकायत पर जिला कलेक्टर सिरोही द्वारा गठित की गई 3 सदस्य उच्च स्तरीय जांच कमेटी ने मामले की जांच शुरू कर दी है और इस जांच के लिए और अधिशासी अधिकारी नगर पालिका आबूरोड से सम्बन्धित संबंधित संपूर्ण रिकॉर्ड तलब किया प्रथम दृष्टया रिकॉर्ड में भारी काँट छाँट पाए जाने पर शहरी नरेगा से संबंधित संपूर्ण रिकॉर्ड को जब्त कर लिया गया है कमेटी संपूर्ण मामले की विस्तृत जांच कर जल्द ही जिला कलेक्टर को जांच रिपोर्ट प्रेषित कर सकती है और जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर कार्रवाई की अनुशंसा कर सकती है ।
उल्लेखनीय है कि नगर पालिका पार्षद भवनीश बारोट द्वारा की गई शहरी नरेगा में भारी घोटाले और भ्रष्टाचार की शिकायत पर कलेक्टर सिरोही द्वारा गठित जांच कमेटी में उपखंड अधिकारी आबूरोड गोविंद सिंह भीचर की अध्यक्षता में अधिशासी अभियंता नगर परिषद सिरोही बोरा एवं कोषाधिकारी सिरोही अलका सिंह को सदस्य मनोनीत किया था साथ ही इस जांच कमेटी को संपूर्ण प्रकरण की जांच कर सात दिवस में जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए थे जिसके क्रम में नगर पालिका से इस प्रकरण का संपूर्ण रिकॉर्ड तलब कर उपखंड अधिकारी कार्यालय आबूरोड में रिकॉर्ड की जांच कर जांच कार्यवाही प्रारंभ की गई है ।
नगर पालिका पार्षद भवनीश बारोट के अनुसार उनकी शिकायत में मुख्य रूप से यह मांग की गई है कि प्लेसमेंट एजेंसी में लगे श्रमिकों का भुगतान नगरपालिका से भी उठाया गया है और उन्हीं श्रमिकों की शहरी नरेगा में भी उपस्थिति दर्ज कर डबल भुगतान उठाकर गबन किया गया है । प्लेसमेंट एजेंसी में लगे श्रमिकों का उपस्थिति स्टेटमेंट लेखा शाखा में उपलब्ध है और उन्ही श्रमिकों के नाम मस्टर रोल में भी दर्ज है दोहरी एंट्री क्रॉस चेक से प्रमाणित हो जाएगी । इसी प्रकार एम बी बुक में दर्ज झाड़ी कटाई एवं घास कटाई व अन्य कार्यों के माप का भौतिक सत्यापन किया जाए तो वास्तविक काम का कई कई गुना एम बी में इंद्राज दर्ज प्रमाणित हो जाएगा ।
बारोट ने यह भी शिकायत की है कि जिन वार्डों में मुख्य बाजार के क्षेत्र है जहां न तो कोई झाड़ी है और ना ही कोई घास है उन वार्डो में भी झाडी कटाई और घास कटाई के नाम पर लाखों रुपयों का भुगतान किया गया है जिसकी जांच की जानी है साथ ही केवल 7 वार्डों में 1 करोड़ 20 लाख रुपए के कार्यों की स्वीकृति , 15 से 20 वार्डों में कुछ भी स्वीकृति नहीं शेष वार्डों में लाख ,दो लाख ,या पांच लाख के ही काम स्वीकृत किए गए हैं ऐसा भेदभाव क्यों किया गया है इसकी भी जांच की जानी है ।
पार्षद भवनीश बारोट ने मांग की है कि इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में भ्रष्टाचार एवं अनियमितता का सबसे बड़ा मामला फर्जी उपस्थिति की जांच एवं एम बी इंद्राजो का मौके पर भौतिक सत्यापन करने का है जिससे फर्जी इंद्राज उपस्थिति एवं माप प्रमाणित हो सकता है । पार्षद भवनीश बारोट ने यह दावा किया है कि प्रथम दृष्टया उनकी शिकायत के अनुसार एम बी इंद्राज में भारी काँट छाँट पाई गई है यह काँट छाँट क्यों की गई है पहले से की गई है या शिकायत होने के बाद की गई है इसकी भी जांच की जाएगी निष्पक्ष जांच होने पर कई अधिकारी और कर्मचारी नपेंगे और उन पर गाज गिरना तय है ।
उल्लेखनीय है कि नगर पालिका पार्षद भवन इस बारोट ने शहरी नरेगा में कलेक्टर को शिकायत कर अवगत कराया था कि शहरी नरेगा में घोटाले , भ्रष्टाचार के लिए तकनीकी अधिकारियों द्वारा किए गए मामूली कार्यों को कई गुना अधिक तक बढ़ा चढ़ाकर एम बी बुक में इंद्राज किया गया साथ ही मस्टररोल में फर्जी नाम जोड़कर , कांट छाँट कर , फर्जी उपस्थिति दर्ज कर ऐसे फर्जी इंद्राजो के आधार पर भुगतान के लिए बिल तैयार किए गए और मिलीभगत , बंदरबांट व भ्रष्टाचार के चलते सभी पदस्थापित अधिशासी अधिकारी द्वारा बिना किसी भी कार्य के एम बी इंद्राज का भौतिक सत्यापन किए ही लाखों करोड़ों रुपए के भुगतान किए गए अगर इन एम बी इंद्राजो का माप निकाला जाए तो जिन वार्डों में यह काम बताया है उन वार्डों का जो कुल क्षेत्रफल है उसका 4 गुना माप फर्जी एमबी इंद्राज में निकल जाएगा वही किए गए कार्यों का वार्ड वाइज भौतिक सत्यापन किया जाए तो एमबी इंद्राजो का 10% काम भी मौके पर नहीं पाया जाएगा इस पर जिला कलेक्टर द्वारा जांच कमेटी गठित की गई और जांच कमेटी ने जांच कार्यवाही प्रारंभ कर दी है
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