बर्तन व्यापारी को दिनदहाड़े पीटा गया
बर्तन व्यापारी को दिनदहाड़े पीटा गया
पाटन।नीमकाथाना रोड पर स्थित सैनी बर्तन भंडार के व्यापारी सुब्बे सिंह सैनी पुत्र टेकचंद सैनी निवासी धांधेला को 8 मार्च को प्रातः 11:00 बजे के लगभग पांच सात लोग उसके प्रतिष्ठान पर आकर उसको दिनदहाड़े पीट गये, बर्तनों को तोड गये तथा उसके गल्ले में रखी नकदी रकम निकालकर उसका अपहरण कर ले जाने के फ़िराक में थे परंतु पड़ोसियों की मदद से उनके प्रयास विफल हो गए। इस बात का खुलासा आज मंगलवार को हुआ जब उसी व्यापारी को पुलिस ने 151 में बंद कर दिया। वहीं घटना को अंजाम देने वाले लोगों ने भी एक महिला को इस प्रकरण में शामिल कर व्यापारी के खिलाफ क्रॉस केस करवा दिया परंतु पाटन पुलिस द्वारा जिस व्यापारी के साथ मारपीट हुई उसकी कोई मदद नहीं की तथा उसी व्यापारी को 151 में गिरफ्तार कर बंद कर दिया गया। इस बारे में पीड़ित सुब्बे सिंह सैनी का कहना है कि 8 मार्च को मेरे साथ दुकान पर घटना घटित हुई थी जिसकी रिपोर्ट मैंने पाटन पुलिस थाने में दे दी थी उसके बावजूद भी पुलिस ने मेरी रिपोर्ट दर्ज नहीं की। स्टैंड के व्यापारियों ने बताया कि पुलिस द्वारा उठाया गया कदम बिल्कुल गलत है, इससे साफ जाहिर होता है कि पुलिस थानों पर लिखा स्लोगन केवल दिखावा है क्योंकि यहां आमजन में भय हैं और अपराधी खुलम खुला घूम रहे हैं। प्रदेश के वजीर ए आलम ने पुलिस के आला अधिकारियों को स्पष्ट दिशा निर्देश दिए हैं कि पहले परिवादी की मदद करें और परिवादी को न्याय दिलाएं परंतु पाटन थाने में न्याय तो बहुत दूर की बात है परिवादी के परिवाद को दर्ज तक नहीं किया जाता है। इसको लेकर पाटन स्टैंड के व्यापारियों में पुलिस की कार्यशैली को लेकर रोष व्याप्त है। व्यापारियों ने यह भी बताया कि बस स्टैंड तिराहे पर आए दिन जाम लगा रहता है जबकि पुलिस थाना पाटन स्टैंड से महज 100 मीटर की दूरी पर स्थित है। उसके बावजूद भी पाटन पुलिस ना तो बस स्टैंड पर खड़े हुए वाहनों को हटाती है और ना ही कोई पुलिसकर्मी स्टैंड पर रहता है। पुलिस थाने के नाक के नीचे से पत्थरों से भरे हुए ओवरलोड वाहन गुजरते हैं जिससे आमजन में भय बना रहता है। ओवरलोड की सूचना के बावजूद भी पुलिस मात्र फोरी कार्रवाई करती रहती है। लोगों ने पुलिस पर यह भी आरोप लगाया कि पाटन पुलिस महज लोकल व्यक्तियों के वाहनों का चालान कर उनको परेशान करती है जबकि सैकड़ों की संख्या में ओवरलोड वाहन गुजरते हैं जिन वाहनों के चालकों के पास हैवी लाइसेंस तक नहीं है।
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