आज जल के लिए जतन नहीं किए तो संकट में होगा कल: डॉ. श्रवण बराला
आज जल के लिए जतन नहीं किए तो संकट में होगा कल: डॉ. श्रवण बराला
गुड़लिया पंचायत के रात्रि ग्राम चौपाल में भाजपा नेता ने ग्रामीणों को किया आगाह
चौमूं। वरिष्ठ भाजपा नेता एवं स्वाभिमान ग्रामीण विकास संस्थान के अध्यक्ष डॉ. श्रवण बराला ने कहा कि आज क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या जल की है। भूजल रीतता जा रहा है। यहां तक कि हमें पीने के लिए भी स्वच्छ पानी नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में समय रहते हमने जल के लिए जतन नहीं किए तो हमारा कल संकट में आ जाएगा, जिसके लिए आने वाली पीढ़ियां हमें कभी माफ नहीं करेंगी। डॉ. बराला ग्राम पंचायत गुड़लिया में ग्राम चौपाल में मौजूद लोगों को संबोधित कर रहे थे। गौरतलब है कि डॉ. बराला ग्राम चौपाल के जरिए जल के लिए नदी से नदी जोड़ने एवं पेयजल के लिए बीसलपुर का पानी लाने के लिए हस्ताक्षर अभियान चला रहे हैं।
यहां डॉ. बराला ने कहा कि कभी सब्जियों और बेर के लिए प्रसिद्ध रहे चौमूं क्षेत्र में लोग भयंकर पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। पानी की कमी के चलते खेती-किसानी खत्म होती जा रही है, जिससे काफी संख्या में लोग बेरोजगार हो रहे हैं। खाली पड़े खेत रेगिस्तान में तब्दील हो रहे हैं। विधानसभा क्षेत्र में 80% लोगों की आजीविका कृषि एवं पशुपालन पर निर्भर है। समय रहते पानी की समस्या से निजात नहीं दिलाई गई तो यह पूरा इलाका वीरान हो जाएगा। उन्होंने लोगों से कहा कि आज शायद आपको लग रहा है कि मैं यूं ही डरा रहा हूं, लेकिन हालात ऐसे ही रहे तो इस इलाके से बहुसंख्य लोगों को केवल पानी के लिए पलायन करना पड़ेगा। यहां घर खाली हो जाएंगे और आज जो चौपालें हुक्के की गुड़गुड़ाहट और हंसते-खिलखिलाते लोगों से आबाद हैं, वहां सन्नाटा पसर जाएगा। इसलिए हमें समय रहते जल के लिए जुटना होगा। उन्होंने कहा कि जल संकट से निजात पाने के लिए एक ही रास्ता है कि नदी से नदी जोड़ी जाए। विधानसभा क्षेत्र में पानी सबसे बड़ी समस्या बन गई है। अब नदी से नदी जोड़ने से ही हर खेत एवं हर घर को पानी मिल सकता है। डॉ. बराला ने पेयजल किल्लत से निजात दिलाने के लिए राज्य सरकार से बीसलपुर का पानी चौमूं विधानसभा क्षेत्र में शीघ्र लाने की मांग भी इस दौरान रखी।
उन्होंने कहा कि बीसलपुर से पेयजल की लाइन का हरमाड़ा तक विस्तार किया जा चुका है। ऐसे में इस पेयजल लाइन तक चौमूं तक पहुंचाने में ज्यादा समस्या नहीं आएगी।
वहीं डॉ. बराला ने शारदा और यमुना नदियों को जोड़ने का भी सुझाव दिया। उनका कहना है कि शारदा-यमुना प्रोजेक्ट के जरिए तो चौमूं, आमेर, शाहपुरा, विराटनगर समेत जयपुर, सीकर, अजमेर व नागौर की जिलों के जल संकट से स्थाई रूप से निजात मिल सकती है।
इस दौरान डॉ. बराला ने किसानों को पाले से खराब हुई फसलों का मुआवजा देने की मांग भी सरकार से की। उन्होंने कहा कि मुआवजे के लिए सही गिरदावरी की जाए, जिससे बर्बाद हुए किसान के घावों पर मरहम लग सके। उन्होंने गांवों में निर्बाध बिजली आपूर्ति की भी मांग इस दौरान प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार से की। रात्रि चौपाल व हस्ताक्षर अभियान में
गिरधारी लाल मीणा सरपंच, जीवण सिंह निठारवाल पूर्व सरपंच, रामचंद्र रोलानिया पूर्व सरपंच, भगवान सहाय भदाला जीएसएस अध्यक्ष, सीताराम रोलानिया पूर्व अध्यक्ष, सुरेश शर्मा, ओम प्रकाश शर्मा, गोविंद नारायण सेन, हनुमान सहाय दातेल, मालीराम मीणा, बजरंग लोछिब, गोपाल लोछिब, विनोद कुमार योगी, श्यामलाल नायक,ओम प्रकाश भदाला, नाथू लाल वर्मा,सुभाष चंद्र दातेल, रिश्पाल निठारवाल (शिक्षक),छिगनलाल बुनकर, रामचंद्र सोनी, किशनलाल नायक, गिरधारी निठारवाल, भगवान सहाय धायल, भागीरथ मीणा, बनवारी गढ़वाल, गोविंदराम देवन्दा, गिरधारी लाल गीला, ओम प्रकाश बधाला, भगवान निठारवाल, भगवान सहाय बाज्या, पोखरमल जाखड़, लक्ष्मीनारायण मुवाल, मोहन जीतरवाल, अर्जुन जीतरवाल, शिवपाल सिंह निठारवाल, करण निठारवाल, महावीर लोछिब, पोखर मल सामोता, सुल्तान घोसल्या, रामचंद्र वर्मा, सांवरमल पूनिया, कुमाराम नेतड, बनवारी रोलानिया, जीवणराम बीजराणिया, सांवरमल रूण्डला, नानूराम बाजिया ,हरफूल सिंह बाजिया, श्योपाल गुरावा एवं सैकड़ों ग्रामवासियों ने भाग लिया।
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