कांग्रेस पार्टी सीएम ना बनाये तो अपनी पार्टी बनाकर मैदान में उतरें पायलट :- मलुक नागर
कांग्रेस पार्टी सीएम ना बनाये तो अपनी पार्टी बनाकर मैदान में उतरें पायलट :- मलुक नागर
धुमधाम व हर्षोल्लास के साथ मना श्री छांपाला वाला भैंरू जी का 14 वाँ वार्षिकोत्सव समारोह
श्री भैंरू बाबा के लक्खी मेले में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, 350 क्विण्टल चूरमा प्रसादी का हुआ वितरण
व्यवस्थायें रही चाक-चौबंद, हैलीकॉप्टर से हुई फूलों की वर्षा
छाया रहा सचिन पायलट को मुख्यमंत्री ना बनायेे जाने का मुद्दा
कोटपूतली, 30 जनवरी 2023
निकटवर्ती ग्राम कल्याणपुरा कुहाड़ा स्थित अरावली की पहाडिय़ों में बने श्री छांपाला वाला भैंरू जी मंदिर का 14 वार्षिकोत्सव समारोह सोमवार को बड़े ही धुमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। मेले में अपार जोश व उत्साह के साथ कोटपूतली समेत आसपास की तहसीलों व हरियाणा राज्य के साथ-साथ विभिन्न जगहों से आये करीब एक लाख श्रद्धालुओं ने भाग लेते हुए पंगत प्रसादी ग्रहण की। वहीं श्री भैंरू बाबा के दर्शन कर देश व प्रदेश की सुख-शांति व समृद्धि की प्रार्थना भी की। मेले को लेकर ग्रामीणों में काफी उत्साह का माहौल देखने को मिला। उल्लेखनीय है कि आयोजन को लेकर विगत एक माह से मंदिर कमेटी, मेला कमेटी के सदस्य व ग्रामीण भण्डारे की तैयारियों में जुटे हुए थे। इसके लिए भण्डारे हेतु ग्रामीणों ने करीब 350 क्विण्टल चूरमा प्रसादी स्वयं ही बनाकर वितरण की। सर्वप्रथम श्री भैंरू बाबा को चूरमा-दाल व दही की प्रसादी का भोग लगाकर भण्डारे को शुरू किया गया। इसके लिए 8 ट्रॉलियों में चूरमे को रखा गया था। साथ ही दाल की प्रसादी निरन्तर बनाकर वितरित की गई। वहीं दुसरी ओर समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट तो नहीं पहुँचे, लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री बनाये जाने का मामला लगातार छाया रहा। कार्यक्रम में हैलीकॉप्टर द्वारा मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेने पहुँचे यूपी के बिजनौर से लोकसभा सांसद मलूक नागर ने कहा कि गुर्जर समेत समस्त पिछड़ा समाज को राजस्थान का मुख्यमंत्री सचिन पायलट को बनाये जाने का बिड़ा अब अपने कंधों पर उठा लेना चाहिये। नागर ने कहा कि सचिन पायलट भी अब अपना निर्णय स्पष्ट कर दें, अगर कांग्रेस पार्टी उन्हें सीएम नहीं बनाती है तो पायलट को अपनी पार्टी बनाकर मैदान में आ जाना चाहिये। गुर्जर समेत पिछड़ा समाज उनका हर सम्भव सहयोग करेगा। कांग्रेस पार्टी ने वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में वोट तो उनके नाम पर लिए लेकिन अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया। अब गुर्जर समाज को निर्णय करना है कि पायलट को सीएम नहीं बनाने पर कांग्रेस के साथ क्या करना होगा। उन्होंने पाला गिरने से खराब हुई फसलों का मुआवजा भी किसानों को दिलवाने की बात कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए क्षेत्रीय विधायक, उच्च शिक्षा व गृह राज्यमंत्री राजेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि हम सभी को शिक्षा पर ध्यान देना चाहिये। विशेषकर किसान, मजदूर व पिछड़ा वर्ग से आने वाले लोगों को, क्योंकि शिक्षा से ही प्रत्येक वर्ग सशक्त होता है। यादव ने कहा कि कोटपूतली विधानसभा क्षेत्र के विकास में कोई कमी नहीं छोड़ी गई है। भाजपा नेता मुकेश गोयल ने भी खराब हुई फसलों का मुआवजा दिलवाने एवं देश के अन्य तीर्थो की भांति श्री छांपाला वाला भैंरू जी स्थान का विकास भी किये जाने की मांग की। वहीं जोशीले अन्दाज में भाषण देते हुए पूर्व संसदीय सचिव रामस्वरूप कसाना ने भी युवाओं से पायलट को सीएम बनाने का आह्वान किया। जिसे वहां मौजूद युवा शक्ति ने हाथ उठाकर समर्थन दिया। कसाना ने कहा की जब भी हम सच्चाई की बात करेगें तो बहुत कठिनाईयां आयेगी लेकिन जीत सिर्फ सत्य की होती है। सभी अतिथियों का भैंरू बाबा का चित्र भेंटकर व साफा पहनाकर स्वागत किया गया। मंच संचालन बाबूलाल छावड़ी व कैलाश आचार्य ने किया। इस दौरान विराटनगर विधायक इंद्राज गुर्जर, पूर्व कैबिनेट मंत्री हेमसिंह भड़ाना, प्रधान प्रतिनिधि इंद्राज रावत, सरपंच प्रतिनिधि विक्रम छावड़ी, वरिष्ठ भाजपा नेता हँसराज पटेल व शंकर लाल कसाना, भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष एड. हीरालाल रावत, भाजपा पूर्व जिला मंत्री यादराम जांगल, पूर्व विधायक रामचंद्र रावत, जिला पार्षद मंजू रावत, विहिप के पूरणमल भरगड़, पूर्व जिला प्रमुख दाताराम गुर्जर, पूर्व जिला पार्षद धूडसिंह शेखावत, सतीश गुर्जर समेत बड़ी संख्या में अतिथि भी मौजूद रहे।
आपसी सहयोग का अद्भुत उदाहरण है यह मेला :- ग्रामीण इस लक्खी मेले को इतने व्यवस्थित ढ़ंग से संपन्न कराते है कि पुलिस प्रशासन भी हैरान है। मेले में आने वाले हजारों वाहनों के लिए ग्रामीण पार्किंग की व्यवस्था तक खुद संभालते है। ग्रामीणों के सामूहिक प्रयास का यह मेला अद्भुत उदाहरण है। हैलीपेड से लेकर बाबा के दर्शनों के लिए जगह जगह ग्रामीण ही वॉलेन्टियर्स के रूप में तैनात होते है। सर्वप्रथम सन 2010 में प्रथम वार्षिकोत्सव में 70 क्विंटल चूरमे की प्रसादी बनाई गई थी। उसके बाद हर वार्षिकोत्सव पर प्रसादी के लिए बनाए गए चूरमे को बढ़ाया गया। चूरमे के लिए बनी बाटियों को 2 थ्रेसर से पिसाई कर चूरमे में जेसीबी की सहायता से खांड, घी, काजू, बादाम, किशमिश व खोपरा मिलाया गया। प्रसादी के लिए बनाए जा रहे चूरमें की बाटियों को जगरे से निकालने के बाद कंप्रेसर से बाटियों की सफाई की गई, ताकि इनमें मिट्टी व राख के कण नहीं रहे। इसके अलावा चूरमे को मिलाने के लिए भी कार्यकर्ता हाथ व पांव में पॉलिथीन पहन कर ही कार्य करते हैं। मन्दिर के पुजारी रोहिताश बोफा ने बताया कि मंदिर के वार्षिकोत्सव पर सवाई माधोपुर, ग्वालियर, झालावाड़, कोटा, पीपलखेड़ा, मुरैना सहित दूर-दराज से श्रद्धालु पधारते हैं। ग्रामीण जयराम जेलदार ने बताया कि मंदिर के वार्षिकोत्सव में ग्रामीण एकजुट होकर सहयोग करते हैं, वार्षिकोत्सव पर कार्यकर्ताओं को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी जाती है। ग्रामीण ट्रैक्टर ट्रॉली, थ्रेसर, कंप्रेसर इत्यादि की सुविधा भी अपने स्तर पर ही देते हैं। ग्रामीण कैलाश धाबाई ने अपनी दिनचर्या बताते हुए कहा की सुबह ही कार्यकर्ता अपने-अपने कार्य में लग जाते हैं, सभी को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है।
विशाल धमाल कार्यक्रम का हुआ आयोजन :- श्री भैंरू जी बाबा के लक्खी मेले के दौरान विशाल धमाल कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। धमाल कार्यक्रम में मुकेश एण्ड पार्टी जमालपुर, शिम्भू एण्ड पार्टी मूसनौता, मक्खनराम एवं शिम्भू एण्ड पार्टी ढ़ाणी बनकी पाटन, बीरबल एण्ड पार्टी देवीपुरा, अलगोजा एण्ड पार्टी, मुखराम बगड़ावत एण्ड पार्टी मूसनौता, हरिराम बोफा व ख्यालीराम हवलदार जैनपुरबास आदि कलाकारों ने एक से बढकऱ एक प्रस्तुती दी। कलाकारों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के दौरान श्रद्धालु जमकर थिरकते हुए दिखाई दिये। मेले के दौरान हैलीकॉप्टर से फुलों की वर्षा की गई जो विशेष आकर्षण का केन्द्र रही।
350 क्विटंल चूरमे की प्रसादी का हुआ वितरण :- पूजारी रोहिताश बोफा, यादराम सिहोडिय़ा, जयराम जेलदार, कैलाश धाबाई, उप सरपंच शिम्भुदयाल, कैलाश पोषवाल, सवाई खाड़ा, रणजीत, ओमप्रकाश, महावीर, लक्ष्मीनारायण, शैतान, बनवारी, विक्रम छावड़ी, निरंजन, संदीप, विनोद सिंह, सुरेश, रामस्वरूप, सतीश छावड़ी, बबलू सिरोहीवाल, महेश आदि ने बताया कि मेले में 120 क्विंटल आटे की चूरमे की प्रसादी बनाई गई, जिसमें 50 क्विटंल सुजी, 25 क्विंटल देसी घी, 80 क्विंटल खाण्ड़, 10 क्विटंल मावा, 3 क्विंटल काजू, 3 क्विटंल बादाम, 3 क्विंटल किशमिश, 7 क्विंटल मिश्रि कटिंग व 3 क्विटंल खोपरा मिलाया गया। आटे में मुआइन डालने के लिए 50 क्विटंल दूध काम में लिया गया। इसके अलावा करीब 70 क्विंटल दही तथा 25 क्विंटल दाल बनाई जाएगी, दाल बनाने में 30 पीपा सरसों तेल, 5 क्विंटल टमाटर, 2 क्विंटल हरी मिर्ची, 1 क्विंटल हरा धनिहा व मसाला 60 किलों पीसी हुई लाल मिर्च, 60 किलो हल्दी, 40 किलो जीरा काम में लिया गया। दही चूरमे का भैरू बाबा के भोग लगाया गया। प्रसादी के लिए 2 लाख पतल व चाय व कॉफी के लिए 4 लाख कप मंगवाये गए। पानी की व्यवस्था के लिए भी 10 टैंकर खड़े किये गये।
सुरक्षा व्यवस्था रही चाक-चौबन्द :- मेले के लिए ग्रामीणों में अपार उत्साह का माहौल देखने को मिला। कल्याणपुरा व कुहाड़ा गाँव के ग्रामीण पिछले करीब एक माह से मेले की तैयारियों में जुटे हुए थे। ग्रामीणों द्वारा मेले की व्यवस्था बेहद व्यवस्थित ढ़ंग से की गई जो बाहर से आने वाले लोगों के लिए आश्चर्य का केन्द्र बनी। हजारों की संख्या में वाहनों की पार्किंग की जिम्मेदारी भी ग्रामीणों द्वारा स्वयं ही उठाई गई। विभिन्न जगहों पर स्वयं ग्रामीण ही स्वयंसेवक के रूप में तैनात रहे। ग्राम एकता का यह मेला नायाब उदाहरण हैं। वहीं दूसरी ओर मेले में व्यवस्था के लिए पुलिस प्रशासन भी चाक-चौबन्द दिखाई दिया। डीएसपी गौतम कुमार, सरूण्ड एसएचओ इन्द्राज सिंह, कोटपूतली एसएचओ सवाई सिंह, पनियाला एसएचओ लक्ष्मीनारायण मय जाप्ते के व्यवस्था सम्भाले रहे। मेले के दौरान अलवर-सीकर स्टेट हाईवे के नीमकाथाना रोड़ पर करीब तीन किमी लम्बा जाम भी लग गया। जिसे पुलिसकर्मियों व मेला कमेटी के स्वयंसेवको ने बड़ी मशक्कत के बाद खुलवाया। मेले में ग्रामीणों समेत स्कूली विधार्थियों ने व्यवस्थायें सम्भाली। मौके पर एम्बूलेंस, फायर बिग्रेड आदि संसाधन भी तैनात रहे।
सोनगिरा पोषवाल की जुड़ी अटुट आस्था :- इस धाम के पीछे भैंरू बाबा के परम शिष्य सोनगिरा पोषवाल प्रथम की अटूट आस्था की कहानी है। ग्रामीणों ने बताया कि पौराणिक मान्यता के अनुसार सोनगिरा पोषवाल प्रथम भंैरूजी का परम भक्त था। जो कि भैंरू बाबा की मूर्ती को कुहाड़ा गांव में स्थापित करना चाहता था। भैरू बाबा की मूर्ती लाने कांशीजी चला गया। जिस पर भैरू बाबा ने स्वप्न में दर्शन देकर सोनगिरा पोषवाल प्रथम से अपने बड़े बेटे की बली मांगी । जिस पर सोनगिरा पोषवाल प्रथम ने बेटे की बली देकर भैंरू बाबा की मूर्ती लेकर चल देता है। भंैरू बाबा उसके इस बलिदान व परीक्षा से खुश होकर उसके पुत्र को जीवित कर देते है। सोनगिरा पोषवाल प्रथम व उसके पुत्र ने पंच पीरो के साथ कुहाड़ा गांव जिसका पौराणिक नाम अजीतगढ़ चौसला बारहगोठ में लाकर विक्रम संवत् 705 ई बैशाख सुदी पंचमी को वार शनिवार को स्थापना की गई थी। वर्तमान में स्थापना दिवस पर विशाल भण्डारे व जागरण का आयोजन किया जाता है।
खेजडी वृक्ष की भी होती है पूजा- सोनगिरा पोषवाल प्रथम के सोनगिरा द्वितीय पैदा हुआ। जिसने अपनी बेटी पदमा पोषवाल की शादी बगड़ावत सवाई भोज के साथ मिति बैशाख सुदी नवमी वार रविवार संवत् 934 में की। जिसमें पंचदेव खेजड़ी वृक्ष का मंडप लगाया गया जो वर्तमान में भी मौजुद है। जिसकी आज भी पुजा होती है। पदमा पोषवाल ने वरदान दिया कि जिस स्त्री के संतान सुख नहीं है वह मंडप में उपस्थित जड़ के नीचे से निकलने पर उसको संतान सुख प्राप्त होगा। पोषवाल गौत्र पर इसका वरदान लागु नहीं होता है। तभी से आसपास के क्षेत्र में भैरू बाबा व खेजड़ी के वृक्ष की पूजा होने लगी तथा हजारों की संख्या में लोग इसके दर पर आने लगे।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें