सांसद आदर्श ग्राम योजना के लिये अलग से बजट का प्रावधान आवश्यक - सांसद डाँगी

 सांसद आदर्श ग्राम योजना के लिये अलग से बजट का प्रावधान आवश्यक - सांसद डाँगी



आबूरोड। राज्यसभा सांसद नीरज डाँगी ने राज्य सभा में शून्यकाल के दौरान अक्टूबर 2014 में लागू की गई प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत सांसद द्वारा प्रतिवर्ष गोद लिये जाने वाली ग्राम पंचायत को मॉडल ग्राम पंचायत के रूप में विकसित करने हेतु अलग से बजट प्रावधान किये जाने की सदन में मांग उठाई डाँगी ने सदन में बोलते हुए कहा कि धन की कमी के चलते प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना की क्रियान्विति नहीं होने का मुद्दा उठाते हुए सदन को अगवत कराया कि भारत सरकार द्वारा अक्टूबर, 2014 में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना की शुरूआत की गई थी। जिसके तहत प्रत्येक सांसद को प्रति वर्ष एक ग्राम पंचायत को गोद लेकर मॉडल ग्राम पंचायत के रूप में विकसित करना है, लेकिन इस योजना के तहत ग्राम पंचायत को विकसित करने के लिए कोई अतिरिक्त बजट का प्रावधान नहीं किया गया है। उन्होंने योजना पर विस्तृत चर्चा करते हुए ग्रामीण विकास मंत्रालय (Ministry of Rural Development) द्वारा Common Review Mission & CRM के तहत इस योजना में करवाये गये अध्ययन की ओर ध्यान आकर्षित किया कि अध्ययन के अनुसार योजना का वर्तमान प्रारूप वांछित उद्देश्यों को प्राप्त करने में सक्षम नहीं है तथा धन की कमी के चलते ग्रामीण अवसंरचना पर इस योजना का कोई महत्त्वपूर्ण प्रभाव दिखाई नहीं दिया है। इस अध्ययन टीम में सेवानिवृत्त नौकरशाह, शिक्षाविद, और विभिन्न अनुसंधान संगठनों के सदस्य शामिल हैं। सांसद डाँगी ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में मौजूदा योजना के प्रारूप में खामियों की वजह से पिछड़े इलाकों में आधारभूत सुविधाएं मुहैया कराना मुश्किल साबित हो रहा है। जब तक इसके प्रारूप में बदलाव नहीं किया जाता, सांसदों के लिए गांव गोद लेना संभव नहीं हो पा रहा है। सांसदों के एम. पी. लैंड फंड से सम्पूर्ण संसदीय क्षेत्र के साथ-साथ एक ग्राम पंचायत विशेष को विकसित कर मॉडल ग्राम पंचायत बनाना परिकल्पना मात्र है यही कारण है कि देश की 2 लाख 55 हजार ग्राम पंचायतों में से अब तक योजना के पाँच चरणों के तहत सांसदों द्वारा केवल 1855 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है। यदि भारत सरकार सही मायने में इस तरह से ग्राम पंचायत का विकास चाहती है तो सबसे पहले एक आदर्श गांव का मॉडल डिजाइन तैयार कर उसके अनुसार इस योजना के लिए अलग बजट का प्रावधान करने की आवश्यकता है जिससे प्रत्येक सांसद प्रतिवर्ष एक ग्राम को गोद लेकर विकसित कर सके। सांसद डांगी ने सरकार से आग्रह किया है कि इस योजना की क्रियान्वन पर गंभीरता से ध्यान दिया जाए ताकि गांधी जी के सपनों के अनुरूप एक आदर्श भारतीय ग्राम की कल्पना पूरी हो सके।

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